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How To Lucid Dream in Hindi | सपना हि स्वर्ग है | लुसिड सपना

 Lucid Dream Hindi - परिचय

|| अध्याय 01 ||

स्पष्ट स्वप्न क्या है? Lucid Dream Kya Hai

How To Lucid Dream in Hindi


स्पष्ट सपना क्या है? क्या लुसीड सपना (Lucid Dream) विज्ञान द्वारा प्रमाणित है? लुसिड सपना सीखने से क्या फायदा होगा? क्या इसे सीखा जा सकता है?


मुझे पता है की आप लोगो के मन में स्पष्ट सपने को लेकर बहुत सारे सवाल होंगे। और हो भी क्यों न, ये बहत ही अद्भुत और रहस्यमय चीज जो है।


Lucid dream को जागरूक सपना भी कहते है। ये एक एसी इंसानी छमता है जिसमे सपने देखने वाले इंसान को यह पता होता है की वो सपना देख रहा है। सपना चलने के दौरान ही सपना देख रहे इंसान को यह पता चल जाता है की वो अभी सपना देख रहा है।


ये बहत ही मजेदार चीज है। सोचिए आपको एक एसी दुनिया मिल जाए जहां आप कुछ भी कर सकते हैं। जी हां, आप स्पष्ट सपना (lucid dream) में जो करना चाहते है वो सभी कुछ कर सकते है। आप जो कुछ भी सोच सकते है, वो सभी लुसीड ड्रीम में कर सकते है। आप आपने सभी कल्पनाएं, सभी इच्छाएं को पूरा कर सकते है, उसे अनुभव कर सकते है। स्पष्ट सपने और हकीकत में कई फर्क नही होता है।


सब कुछ चेतना का खेल है। सपने आपको सपने इसलिए मालूम होता है क्योंकि सपने के दौरान आपका होश बहत ही काम होता है। बहत ही मध्यम जागरूकता होता है। आपका होस एक टीम तिमाहट, एक जीरो वोल्टेज घटना के भाती ही होता है।


जब आप नींद में जा रहे होते है, तब धीरे धीरे आपकी जागरूकता खोती चली जाती है। आप आहिस्ता आहिस्ता नींद में डूबते चले जाते है। आपको कुछ पता नहीं होता की नींद कैसे आई और कब आप नींद मे चले गए। कुछ पता नही चलता।


बहत ही अजीब और दुखदाई बात है ना। यदि कोई आदमी 80 साल जीता है तो ओ 30 साल सोता है। 30 साल तक आदमी सोता है और फिर भी नही जानता की नींद कैसे आती है। 


जब हम नींद में जाते है तब हमारा चेतन मन बंद (shutdown) हो जाता है और अवचेतन मन कार्य करने लगता है। अवचेतन मन सपने और हकीकत में कोई फर्क नहीं जानता है इसलिए सपने में हम ये नही जान पाते है कि हम सपना देख रहे है। जागने के बाद ही हमे पता चलता है कि अरे यार ये तो सपना था।


क्या स्पष्ट सपना विज्ञान द्वारा प्रमाणित है?

1913 में डच Psychiatrist और लेखक Frederik Van Eeden ने "Lucid Dream(लुसिड सपना)" शब्द का प्रयोग अपने एक लेख 'स्टडी ऑफ ड्रीम्स' में किया था और इसे पूरे विश्व में प्रकाशित किया था।


फिर 1980 में Dr. Stephen Laberg ने इसपर काफी रिसर्च किया। स्पष्ट सपना के बाबत बहत सारे खोजे हुई और ये पूरे विश्व में प्रख्यात हो गया। इसे सीखने के बहत सारे तरीके इजाद किए गए। 


पर आपको ये जान कर हैरानी होगी की इस तरह के सपनों के बारे में तिब्बती योगी हजारों साल पहले से ही जानते थे। भारतीय तंत्र जैसेकी विज्ञान भैरव तंत्र में इसका वर्णन मिलता है जो को 4000 साल पुराना है। फिर बाद में इस तकनीक को भारत से तिब्बत ले जाया गया। बुद्धिस्ट भी इसके बारे में बहत पहले से ही जानते थे।


क्या इसे सीखा जा सकता है?

बिसेसज्ञ कहते है की स्पष्ट सपना एक सीखा जा सकने वाला कौशल है। इसे सही अभ्यास के द्वारा कोई भी सीख सकता है। चाहे आप 8 के हो या 80 के, कोई फर्क नही परता, यदि आप इसे सिखना चाहते है तो आप सिख सकते है।


एक कुशल जागरूक सपने देखने वाले के लिए, सपना और हकीकत का अनुभव दोनो ही एक जैसे ही होते है। सपने में चलना या वास्ताबिकता में चलना, इसमें कोई भेद नहीं रहे ता।


लूसिड ड्रीम सीखने से क्या फायदा होगा?


  • सचेत स्वप्न सीखने के बहत सारे फायदे होते है।
  • स्पष्ट सपने में आप जिस सपने को देखना चाहते है वो सपना देख सकते है।
  • आप सपने महान हस्तियों से मिल सकते है। उनसे बातें कर सकते है। 
  • आप अपने मरे हुए प्रियजनों से फिर से मिलने के अवसर प्राप्त कर सकते है। उनके साथ दोबारा से समय बेतीत कर सकते है। यह बहत ही लाजवाब होगा।
  • इसके आध्यात्मिक लाभ भी होते है। बहत सारे तिब्बती monks तो इसका प्रयोग ध्यान साधना के लिए भी कार्य है।
  • स्पष्ट सपने में आप आपने आपको मानसिक रूप से स्वस्थ  कर सकते है। आपने स्वस्थको और बेहेतर कर सकते है।


जब आप इस तरह के सपने देखना सीख जायेंगे तो आप स्वयं जान पाएंगे की इसके साथ बहत सारे प्रयाग किया जा सकता है। आप चकित रह जायेंगे की इस तरह के अद्भुत चीजे मौजूद है और में अभी तक इससे अनजान था।


अंतिम विचार

स्पष्ट सपने एक बहत ही दुर्लब कौशल है। आपको इसे जरूर सीखना चाहिए। इसका कोई भी नुकसान दायक साइड इफेक्ट नहीं है। स्पष्ट सपना देखना सीखने से आपके नींद का गुणवत्ता बदल जाएगा। आपका नींद बेहेतर होजाएगा। आप सुबह मुस्कुराते हुवे उठेंगे। 


|| अध्याय 02 ||

Benefits of Lucid Dream in Hindi - ल्यूसिड ड्रीम के फायदे

How To Lucid Dream in Hindi


लूसीड ड्रीम देखने के बहुत सारे फायदे होते हैं। लूसीड ड्रीम के जरिए आप अपने मनचाहे सपने देख सकते हैं। आप किसी भी तरह के सपने को बना सकते हैं। उसको अनुभव कर सकते हैं। आप जिस भी सपने को बनाना चाहते हैं वह बनाया जा सकता है, बस आपको अपने सपने में जागरूक होना है। 


जब आप सपना चलने के दौरान सपने में यह जान जाते हैं कि मैं अभी सपने में हूं तो आप अपनी इच्छा के अनुसार सपने को बदल सकते हैं। आप जिस तरह के सपना देखना चाहते हैं उसी तरह के सपना आप देख सकते हैं।


स्पष्ट स्वप्न देखने के फायदे

चलिए सबसे पहले हम इस पर बात करते हैं कि क्या स्पष्ट सपने देखने के फायदे भी होते हैं? जी हां, लूसीड ड्रीम के बहुत सारे फायदे होते हैं। हजारों वर्ष पूर्व एक इंडियन योगी ने यह कहा था कि सचेत सपने आपको बहुत सारे ज्ञान दे सकती है। आप अपने पिछले जन्मों के बहुत सारे चीजे अपने अवचेतन मन में संचित किए रहते हैं जिसको स्पष्ट सपने के जरिए जाना जा सकता है। 


स्पष्ट सपने देखने के फायदे नीचे क्रमबद्ध तरीके से दिए जा रहे हैं।


स्पष्ट सपने के सांसारिक लाभ - Worldly Benefits of Lucid Dream in Hindi

1.  स्पष्ट सपने आपको अपने मन के मुताबिक सपने देखने की आजादी देती है। ऐसे सपनों के दौरान आप अपने मनचाहे सपनों को बना सकते हैं और उसमें जी सकते हैं।


2. स्पष्ट सपने में आप किसी भी इंसान से मिल सकते हैं। आप सेलिब्रिटीओ से बात कर सकते हैं। आप अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डेट पर जा सकते हैं या कहे कि आप उसके साथ एक रोमांचक समय व्यतीत कर सकते हैं।


3. सचेत सपने में आप अपने मरे हुए प्रियजनों से मिल सकते हैं। उनसे बातें कर सकते हैं। आप उनके साथ वैसे ही समय बिता सकते हैं जैसे कि आप असली दुनिया में जब वे जिंदा थे तब बिताया करते थे। यह बिल्कुल असली जैसा होता है।


4. आप आयरन मैन और सुपरमैन की तरह सपने में उड़ सकते हैं। हवाई सफर का आनंद ले सकते हैं। यह बहुत मजेदार होता है। बहुत सारे नए लूसीड ड्रीमर्स बस इसीलिए लूसीड ड्रीम को सीखना चाहते हैं ताकि वह हवा में सुपरमैन की तरह उड़ सके।


5. स्पष्ट सपने में आप संभोग का आनंद ले सकते हैं। आप जिसके साथ चाहे उसके साथ संबंध बना सकते हैं। और हां मैं आपको यह बता दू की सपने में संभोग का आनंद वैसा ही होता है जैसा कि असली दुनिया में होता है। बहुत सारे लोग तो यह भी कहते हैं कि सपने में जो संभोग का आनंद होता है वह असली दुनिया से भी ज्यादा आनंददाई होता है।


6. स्पष्ट सपने में आप समय यात्रा कर सकते हैं। आप समय में कई साल पीछे जा सकते हैं। पुरानी सभ्यताओं को देख सकते हैं। और साथ ही साथ आप सपने में समययात्रा करते हुए भविष्य में भी जा सकते हैं और उन्नत सभ्यताओं के बारे में जान सकते हैं।


स्पष्ट सपने के आध्यात्मिक लाभ - Spiritual Benefits of Lucid Dream in Hindi


7. स्पष्ट सपनो के माध्यम से पिछले जन्मों के बारे में जाना जा सकता है। हालांकि इसके लिए आपको स्पष्ट सपने देखने में महारत हासिल करनी होगी।


8. बहुत सारे तिब्बती योगी, स्पष्ट सपने का प्रयोग ध्यान साधना करने के लिए कहते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सपने में भी ध्यान किया जा सकता है।


9. स्पष्ट सपनो के जरिए मन से डर को खत्म किया जा सकता है। डर खत्म होने से मन लचीला हो जाता है और यह आध्यात्मिक मार्ग में सहायक होता है।


10. विज्ञान भैरव तंत्र नामक किताब में यह भी कहा गया है कि स्पष्ट सपनो के माध्यम से जागरूकता का स्तर को बहुत हद तक बढ़ाया जा सकता है। उस परम चेतना का भी अनुभव किया जा सकता है जिसमें कोई सपना नहीं होता है।



स्पष्ट सपने के खेलकूद लाभ - Sports Benefits of Lucid Dream in Hindi


11. आप स्पष्ट सपने में किसी भी खेल को सिख सकते है। आप सपने में क्रिकेट, फुटबॉल या कोई अन्य खेल में महारत हासिल कर सकते हैं।


12. बहुत सारे एथलीट इस स्पष्ट सपने का उपयोग अपनी कौशल को बढ़ाने के लिए करते हैं। यह बहुत आसान तरीका है जिसमें किसी भी कौशल में बेहेतर हुआ जा सकता है। इसमें समय और स्थान दोनो का जरूरत नहीं होता है। स्पष्ट स्वप्न में सिखा गया कौशल बहुत ही प्रमाणिक होता।


13. आप सपने में यह भी सीख सकते हैं कि खेल के दौरान अपने मन को कैसे शांत और स्थिर रखा जाए। कैसे फोकस को बढ़ाया जाए और खेल के दौरान जो डर लगता है उसे भी अभ्यास के द्वारा खत्म किया जा सकता है।


14. स्पष्ट सपने आपको एक रंगमंच प्रदान करता है जिसमें आप किसी भी खेल का अभ्यास कर सकते हैं और यह अभ्यास वास्तविक जीवन में प्रकट होता है।


स्पष्ट सपने के स्वास्थ्य लाभ - Health Benefits of Lucid Dream in Hindi


15. स्पष्ट स्वप्न में कोई भी इंसान अपने आप को heal कर सकता। 


16. स्पष्ट सपने के दौरान अवचेतन मन सक्रिय रहता है और एक बार किसी भी बात को अवचेतन मन में डाल दिया जाए तो वह सच हो जाता है।


17. यदि आपको किसी भी बीमारी को ठीक करना है तो आप सपने में उस बीमारी को ठीक होते हुए देख सकते हैं। सपने में आप स्वस्थ महसूस कर सकते हैं। 


18. हमारे ज्यादातर बीमारियां मानसिक होती है। इसीलिए उसे सपने में ठीक किया जा सकता है। 


19. सपने में आप अपने अवचेतन मन से बात कर सकते हैं और अपने बीमारी के बारे में पता लगा सकते हैं।


20. आप अपने बीमारी का इलाज सपने में ही खोज सकते हैं। सपनों में अवचेतन मन के द्वारा आप अपने आप को यह विश्वास दिला सकते हैं कि आप स्वस्थ है। और जैसा आपका विश्वास होगा आप वैसा ही बन जाएंगे।


अंतिम विचार

तो आप जान गए हैं कि लूसीड ड्रीम के मदत से बहुत सारी चीजें किया जा सकता है। इससे आप अपने मनचाहे सपने देख सकते हैं। आप किसी भी बीमारी को ठीक कर सकते हैं। आप सपनों में ध्यान साधना कर सकते हैं। अपना आध्यात्मिक मार्ग में उन्नति कर सकते हैं। 


सपनों के जरिए आप किसी भी खेल में कुशल हो सकते हैं। अगर आप खिलाड़ी है तो आपको इससे बहुत फायदे होंगे। इसी तरह लूसीड ड्रीम के और भी बहुत सारे फायदे हैं जिसे आपको खुद ढूंढना होगा। इसीलिए जल्द से जल्द इसे सीखने में अपना ऊर्जा और समय लगाइए।


|| अध्याय 03 ||

अपने सपनों को कैसे याद रखें? 

क्या आप अपने सपने को याद कर पाते है। इस अध्याय में मै आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहा हूं जो आपको अपने सपनों को याद रखने में बहुत मदत करेगा। 


स्पष्ट सपनो को जल्द से जल्द सीखने के लिए में आपको सलाह दूंगा की शुरुवात में आप कम से कम 2 से 3 सपने सुबह उठ कर याद करे। 


में आपको बता दूं कि हर एक स्वस्थ इंसान प्रत्येक रात 5 से लेकर 7 सपने देखता है। ये विज्ञान द्वारा प्रमाणित हो चुका है। आपको सभी सपने याद नहीं रेहेता है वो अलग बात है। यदि आप सपनों को याद करने की कोशिश करेंगे तो आपका दिमाग सपने पर ज्यादा केंद्रित रहेगा जो की स्पष्ट सपने के लिए जरूरी है।


अपने सपनों को याद रखने के शीर्ष 5 तरीके - Top 5 Tips to Remember Dreams in Hindi


नीचे सपनों को याद करने का पांच बहत ही प्रभावशाली तरीके दिया जा रहा है। इसे ध्यान से पढ़ये, समझिए और लागू कीजिए। 


चरण 1: आवश्यक नींद लें

यह उतना ज्यादा महत्वपूर्ण बात नही लगता पर है बहत ही कारगर चीज। सही समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना बहत ही प्राथमिक बात है। यदि आप अच्छे से नही सोएंगे तो आपको सुबह थकान महसूस होगा और सपनों को याद कर पाना तो भूल ही जाइए।


हमारे नींद की दौरान non-REM (Rapid Eye Movement) और REM अवस्था लगातार चलता ही रहता है। REM अवस्था के दौरान हम सपना देख रहे होते है। इसी अवस्था में हमे बहत ही प्रगाढ़ सपने आते है। REM अवस्था 90 मिनट्स तक रहता है। सपने देखने के लिए REM periods का आना बहत जरूरी है। 


REM periods के दौरान आने वाला सपने बहत ही ज्वलंत (vivid) होता है और इसे आसानी से याद रखा जा सकता है।


यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो आपको ज्यादा REM periods नहीं आयेंगे। और कम ज्वलंत सपने आयेंगे जिनको सुबह याद करना मुस्किल होगा। इसलिए आपको सही समय पर सोना होगा। 


आपको सोने से कुछ देर पहले स्क्रीन्स और तेज लाइट को नहीं देखना है। स्क्रीन्स जैसे मोबाइल्स और लैपटॉप को सोने से पहले देखने से नींद को उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स जल्दी सक्रिय नहीं होते है और इसके कारण आपके नींद गहरी नही होगी।


चरण 2: ड्रीम डायरी बनाए

सपनो के बिसेसज्ञ कहते है की यदि आपको किसी चीज को याद करना हो तो आप उसको लिखना शुरू करो। जब हम कलम और कागज लेकर किसी चीज को याद करने की प्रयास करते है तब हमे वो अच्छे से याद आता है।


अब से आपको सपने की एक डायरी बनानी होगी। रात को सोते वक्त अपने डायरी को सिरानी (pillow) के बगल में रखे। 


देखिए, सपने को याद रखने में आप कुशल तब बनेंगे जब आप नींद के दौरान दो बार उठेंगे। वैसे तो एक अच्छी नींद 7 से 8 घंटे की होनी चाहिए। 


आप सोने से पहले 5 घंटे बाद का अलार्म लगा लीजिए अपने मोबाइल में। जब अलार्म बजेगा और आप उठेंगे तो तुरंत ही अपने सपने को याद करें। सपने को याद करने के दौरान आप अपने आंख बंद रखे। इससे आपको सपने को याद करने मे आसानी होगी।


सपने के कुछ हिस्से याद आते ही उसे तुरंत ही अपने डायरी मे लिख लीजिए। यदि आपको सपना याद नही आता है तो कोई बात नही है, बस आपको प्रयास करते रहना है। 


जागने के 15 मिनट्स बाद आपको फिर से सो जाना है। अब आपको सुबह उठना है जिस समय आप रोजाना उठते है। फिर से आपको वही करना है, आंख को बंद रखे और सपने को याद करने के कोशिश करे। सपने के कुछ अंश याद आते ही उसे तुरंत ही सपने की डायरी मे लिख लें। 


सपने को बाद मे मैं लिख लूंगा ऐसा भूल ना करे। सपने को याद रखना शुरुवात में बहत कठिन होता है। आप सपने को तुरंत ही भूल जायेंगे।


चरण 3: याददाश्त में सुधार करें

सपने को याद रखने मे अच्छे याददाश्त का होना बहुत जरूरी है। याददास्त को मजबूत करने के लिए आपको मस्तिष्क, शरीर और भोजन को संतुलित करना होगा।


एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। आपको अपने शरीर और इस शरीर मे लेने वाले पौष्टिक आहार पर ध्यान देना होगा। 


आपको शराब, तंबाकू और ऐसे अन्य मादक पदार्थ का सेवन एकदम नही करना है। ये सब चीजे आपके होस को कम करते है और आपको अर्धमूर्छित अवस्था में ले जाते है जो की स्पष्ट स्वप्न के लिए बहत बड़ी बाधा है।


यदि आप मांसाहारी है तो आपके नींद शांत और इस्थिर नही होगा क्यों की ये भारी और अपाच्य प्रकार के भोजन होते है। ऐसे भोजन तामसिक प्रवृत्ति के होते है जो दुख, चिंता और रोग उत्पन्न करते है। 


में आपको मांस खाना छोड़ना तो नही कहूंगा पर आपको ऐसे भजन ज्यादा नहीं खाना चाहिए। ऐसे प्रकार के भोजन के लालसा को त्याग कर देने में ही बुद्धिमानी होती है।


अपने याददाश्त को बेहेतर करने के लिए आपको सात्विक आहार लेना चाहिए। सात्विक भोजन जैसे की हरी साग सब्जियां, फालफुल, और सादा भोजन जिसमे ज्यादा मसाला और तेल ना हो। 


ऐसे भोजन आसानी से पच जाते है और आपका नींद गहरी हो जाता है। 


आपको सुबह सुबह भीगे हुवे चने खाना चाहिए। इससे आपका मेमोरी पावर बढ़ेगा और आपके लिए सपने को याद करना सहज हो जायेगा।


चरण 4: ट्रिगरिंग तकनीक

इसे ध्यान से समझिए, ये आपके लिए नया हो सकता है। ये विधि आपको दिन मे जागरण अवस्था के दौरान काम आएगा। 


जब आप कुछ सपनों को डायरी मे लिख लेंगे तब आपको यह पता चलेगा कि आप कौन से चीजों को सपने में बार बार देखते है। आपको एक लिस्ट तयार करना है जिनमे कम से कम पांच-छे चीजों को सामिल करे जिनको आप सपने में बार बार देखते है। 


हो सकता है वो कोई इंसान हो जैसे की आपका कोई रिश्तेदार, या दोस्त, या फिर आपके पड़ोसी। या फिर वो कोई वस्तु हो सकता है, या कहे की कोई स्थान भी हो सकता है।


जब आप दिन में जागते समय इन चिजोको देखेंगे तो आपको याद करने की कोसिस करना है की क्या मैने कल  रात इन चीजों के बारे में कोई सपना देखा था। आपको शांत हो कर याद करना है। यह तकनीक एक संवेदना (trigger) की तरह काम करता है।


यदि आप ये तकनीक का प्रयोग करेंगे तो आपको हैरानी होगा कि सुबह तो आपको कोई सपना याद नही आया पर जैसे ही दिन बित्ता गया, कुछ वस्तुओ को देखने के कारण आपको भुला हुवा सपना याद आ गया।


में कल अपने बाड़ी मे टहल रहा था और अचानक मैंने एक बिल्ली को देखा और मुझे तुरंत ही रात मे देखा हुवा एक सपना याद आ गया जिसमे मैंने एक बिल्ली को अजीब परिस्थिति में देखा था। बाड़ी की वो बिल्ली एक trigger का काम किया और मुझे रात में देखा हुवा सपना याद आ गया। फिर मैंने तुरंत ही उस सपने को अपने मोबाइल की नोट में लिख लिया।


ये विधि भी बहत कारगर है। इसका प्रयोग जरूर करे।


चरण 5: स्वप्न स्मरण प्रतिज्ञान (Affirmations)

सपने को याद करने में पांचवे सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण चीज है मोटिवेशन और अफर्मेशन। किसी भी चीज के प्रति मोटिवेशन बहत काम करती है। यदि आप सुबह सपने को याद करने के मोटीवेशन रखेंगे तो आप उसे जरूर याद कर पाएंगे। 


देखो, सपने को याद करके लिखने वाला जो ये काम है ना शुरुवात में बहत बोरिंग और कठिन लगेगा। इसीलिए इसमें मेटिवेशन बहत काम आयेगी।


दूसरी महत्वपूर्ण तकनीक है अफर्मशन। Affirmations प्रार्थना की तरह ही होता है पर ये इससे थोड़ा सा अलग होता है। जब आप अफर्मेशन को अपने मन में दोहराते है तो ये अवचेतन मन में जाकर बैठ जाता है। एक बार कोई भी बात अवचेतन मन में चली गई तो समझो आपको वो मिल जायेगा ऐसा आकर्षण के नियम कहता है।


तो आपको सोने से पहले नीचे दिए गए एफर्मेशन को हर रात मन में बोलना है। कम से कम इन एफर्मेशन को आपको 20 से 30 बार तक दोहराना है। आप चाहे तो अपना खुद का भी एफर्मेशन बना सकते है।


  • "में सपने को याद रखने में कुशल हूं।
  • मुझे सपने अच्छे से याद रहते है।
  • मेरे मेमोरी पावर बहत मजबूत है।
  • में अपने सारे सपने को याद रख पाता हूं।
  • मुझे सपने को याद करने में मजा आता है।
  • मेरे लिए सपने बहत महत्वपूर्ण है।"


अंतिम विचार

सपने को याद रख पाना अपने आप में एक बहत बड़ा कौशल है। आप इसमें जल्दबाजी ना करे। इसमें प्रोग्रेस होने में कुछ समय लगेगा। 


कई प्रयोग में यह देखा गया है की सपने को याद रख पाने की कला जो है इसे विकसित होने में समय लगता है। इसीलिए आप शुरुवात में अपने सपने को याद नही रख पाते है तो घबराए नहीं। आप बस निरंतर अभ्यास करते रहें।


जब आप हररोज एक सपने को याद रखने में सक्षम हो जाते है तो आप स्पष्ट सपने को अनुभव करने के लिए तयार है। तब आपको इसे सीखने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।


|| अध्याय 04 ||

सर्वश्रेष्ठ ल्यूसिड ड्रीमिंग उद्धरण जो आपको बहुत प्रेरित करते हैं | Lucid Dream Quotes in Hindi

इस चैप्टर में आप स्पष्ट सपने के ऐसे Quotation के बारे में जानेंगे जो आपको स्पष्ट सपना सीखने में प्रेरित करेगा। बहुत सारे योगियों और दार्शनिकों ने इस पर अपनी विचारधाराए व्यक्त की है।


स्पष्ट सपने के कोट्स नीचे क्रमबद्ध तरीके से दिए जा रहे हैं।


1. अनुभव करने के लिए सुक्ष्म शरीर की यात्रा और स्पष्ट सपने जैसा पूरा का पूरा महासागर उपलब्ध है और आप अभी तक नदी नालों में ही उलझे हुए हैं।


2. भारतीय योगी पतंजलि बहुत वर्ष पूर्व ही यह कह गए थे की सचेत सपना आपको बहुत सारे ज्ञान दे सकता है।


3. आप अपने पिछले जन्मों के बारे में बहुत सारी चीजें अपने अवचेतन मन में संचित किए रहते हैं जिसे स्पष्ट सपना द्वारा जाना जा सकता है।


4. कुछ योगी कहते हैं कि सामान्य इंसान यह कभी नहीं जान पाएगा कि वह सपने में जी रहे हैं या हकीकत में।


5. एक जागृत व्यक्ति के लिए सपने में चलना या वास्तविकता में चलना दोनों एक जैसा होता है।


6. व्यक्ति के लिए सपना देखना उतना ही जरूरी है जितना कि भोजन करना।


7. स्वर्ग और नर्क दोनों ही इंसान के दिमाग में होते है और इसे स्पष्ट सपने के द्वारा बखूबी अनुभव किया जा सकता है।


8. हम रात में अजीब सपने देखते हैं और उस समय सामान्य लगता है। सुबह उठकर हम कहते हैं कि अरे कुछ तो गलत था।


9. एक योगी ध्यान के दौरान जिस स्थिति में होता है, एक सामान्य इंसान भी गहरी नींद में उसी स्थिति में होता है। बस फर्क सिर्फ इतना है कि योगी जागरूक रहते हैं और इंसान बेहोश रहता है।


10. इंसान सोते वक्त तो सोया ही रहता है पर जागने में भी ऐसे चलते हैं जैसे की बहुत गहरी नींद में हो।


11. यदि कहीं कोई उल्लासपूर्ण सांसारिक आनंद है तो वह सपने में है। बाहरी आनंद से आप कभी भी संतुष्ट नहीं हो सकते हैं। 


13. बहत आश्चर्यजनक बात है कि इंसान हर रात सोता है और आज तक यह नहीं जान पाया है कि नींद कैसे आता है।


14. स्पष्ट सपने आपके सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता है। अपने इच्छाओं को अनुभव करने का यह एक सुनेहेरा अवसर है।


15. अभी आप जागे हुए हैं। लोगों से बातें कर रहे हैं। बाजार में शॉपिंग कर रहे हैं। क्या आपने गौर किया कि यह सब सपना भी तो हो सकता है।


अंतिम विचार

Quotation आपको प्रेरित करता है की आप किसी चिजको जल्द से जल्द सिख सके। यह आपके आत्मविश्वास को और मजबूत करता है। ऊपर दिए गए quotation आपको स्पष्ट सपने सीखने के रास्ते में काफी मदत करेगा। 


आपको आपने आप पर विश्वास रखना होगा। इसे सीखने में वक्त लगता है। आपको धर्य रखना होगा। स्पष्ट सपने एक बहत ही मजेदार चीज है। ये बहत ही महत्वपूर्ण भी है।


तकनीक #1: भारतीय और तिब्बती आध्यात्मिकता से

|| अध्याय 05 ||

तंत्र विधि : स्वप्न में सचेत हो जाना | स्वयं को याद रखने की तकनीक

How To Lucid Dream in Hindi



तंत्र विधि


।। जागरण के अवस्था में, नींद के अवस्था में, और स्वप्न के अवस्था में, तुम अपने आप को स्मरण रखो ।।


सपने में यह जान लेना कि तुम सपना देख रहे हो, बहुत कठिन है, पर यह सब के लिए संभव है।


तुम्हें अभ्यास को जागरण अवस्था से शुरू करना होगा। तुम अपने सपनों में कैसे जान सकते हो कि तुम सपना देख रहे हो? क्या तुम अपने इच्छा अनुसार कोई सपना बना सकते हो? नींद में क्या तुम किसी सपने को इच्छा अनुसार व्यवस्था दे सकते हो? नहीं, तुम अभी नहीं दे सकते।


आदमी कितना असहाय है, उससे सपना तक निर्मित नहीं हो सकता है। तुम अपने अनुसार सपने भी नहीं देख सकते हो; सपने भी अपने आप ही तुम्हारी नींद में आते हैं। तुम बिल्कुल असहाय होकर वही सपने देखते रहते हो जो तुम्हें तुम्हारी प्रकृति अनुसार मन दिखाता रहता है।


तंत्र विज्ञान में ऐसी कुछ विधियां है जिनकी मदद से तुम स्वप्न को अपने इच्छा अनुसार निर्मित कर सकते हो और उसे बदल भी सकते हो। 


एक बार जब तुम्हें पता चल जाएगा कि तुम सपना में हो, तब सपने के साथ कुछ भी किया जा सकता है। तब वह सपना तुम पर लाधा नहीं जाएगा। तब वह सपना तुम पर अपना अधिकार नहीं जमा पाएगा। 


सपने को सपना जैसा जान लेने से सपने को नियंत्रित किया जा सकता है। पर इस अभ्यास का आरंभ जागृत अवस्था से ही शुरु करना होगा; क्योंकि जागरण की अवस्था में किया गया कार्य सपने को प्रभावित करता है


जागते समय, स्नान करते समय, खाना खाते समय, किसी से बातें करते समय, विश्राम करते समय, या कोई कार्य करते समय, अपने आप को स्मरण रखो। जागरण अवस्था के दौरान हर पल अपने आपको स्मरण रखो।


अभी तो स्थिति ऐसी होगी कि आप प्रत्येक पल अपने आप को भूल जाते होंगे।


दिन के दौरान कितने पल ऐसे थे जब आप होश में थे। कितने पल ऐसे थे जब आप अपने आपको नहीं भूले थे। बहुत से लोगों के लिए दिन भर में ऐसा कोई भी पल नहीं होता है जिसमें वह अपने प्रति सजग थे। न जाने कैसी हालत हो गई है आजकल के लोगों का; स्वयं के बारे में भी स्मरण नहीं रख सकते हैं। 


आदमी बेहोशी की हालत में जीता चला जाता है और इसी तरह बेहोशी में ही आदमी अपनी पूरी जिंदगी बिता देता है।


इंसान की जो चेतना होती है उसका दो छोर होता है; एक आगे की ओर और एक पीछे की ओर होता है। साधारण इंसान में आगे का छोर ही सक्रिय रहता है और पीछे का छोर सक्रिय नहीं रहता है।


आप इंसानी चेतना को एक तीर के भांति भी समझ सकते हैं, जिसमें तीर का दोनों और नोकिला भाग होता है। हमारा चेतना dual-pointed arrow होता है।


जब आप किसी से बात कर रहे होते हैं तब चेतना का एक भाग ही सक्रिय रहता है और वह भाग सामने वाले व्यक्ति पर केंद्रित रहता है। चेतना का दूसरा भाग सक्रिय नहीं रहता है इसलिए आप स्वयं को भूल जाते हैं। 


दूसरे से बातें करते वक्त आप स्वयं को याद नहीं रख सकते हैं क्योंकि चेतना का दूसरा भाग अभी सक्रिय नहीं हुआ है। पर यदि कोई निरंतर अभ्यास करता है और अपने अभ्यास पर डटा रहता है तब वह व्यक्ति अपने चेतना का दूसरा भाग को भी सक्रिय कर लेता है।


एक बार जब यह दूसरा भाग सक्रिय हो जाता है तब यह भाग नींद के दौरान भी सक्रिय रहता है। तब आप सपने में आसानी से जान लेते हैं कि आप सपना में है। 


सामान्य सपने में भी आपका चेतना का आगे वाला भाग ही सक्रिय रहता है और दूसरा भाग बंद रहता है। इसलिए सपने में आप कभी यह नहीं जान पाते हैं कि आप सपना देख रहे थे।


तो आप अपने चेतना का दूसरा भाग अर्थात स्वयं को कैसे जागृत कर सकते हैं?


रास्ता बहुत ही आसान है पर उस पर चलना और डटे रहना अति दुष्कर है। इसका कोई शॉर्टकट नहीं है; आपको प्रयास और मेहनत करना ही पड़ेगा।


जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि आप को अभ्यास जागरण अवस्था से ही शुरु करना पड़ेगा। हर समय आपको यह याद रखना है कि आपका भी अस्तित्व है। 


जब आप कोई काम कर रहे हैं, तब आप काम पर भी ध्यान दीजिए और साथ ही अपने आपको याद भी रखिए। ऐसा आप तभी कर सकते हैं जब आप पूर्ण रूपसे होश पूर्वक उस काम को कर रहे हो। 


यदि आप अपने ही मन के विचारों में उलझे हुए हैं तो आप इस अभ्यास को नहीं कर सकेंगे। आप वर्तमान अवस्था में रहते हुए ही इस अभ्यास को कर सकते हैं। शुरुआत में यह प्रयोग बहुत ही मुश्किल रहेगा। धीरे-धीरे जब आप इसमें कुशल होते जाएंगे तब जाकर यह अभ्यास आपको सपने में जागरूक रखने लगेगा।


दूसरा चरण में तुम इस विधि को स्वप्ना अवस्था में ले जाना। अब तुम नींद में भी इस विधि का प्रयोग शुरु कर सकते हो। अब तुम्हारी 'स्व' की वास्तविकता भी यथार्थ हो गया है। अब तुम भीतर से भी जागे हुए हो। 


इसमें थोड़े दिन की अभ्यास लगेगा। तुम हर रात सोते समय स्वयं को स्मरण रखते हुए सोना। 


यदि तुम सचेत स्वप्न के अवस्था को जल्दी पाना चाहते हो तो सोने के ठीक 5 घंटे बाद अलार्म के सहायता से जाग जाना। नींद से जाग कर बिस्तर पर बैठ जाना। यदि तुम बाथरुम जाना चाहते हो तो जा सकते हो। तुम को तकरीबन 10 से 15 मिनट तक जागे रहना है।


इस 10 से 15 मिनट के दौरान तुम जागरूकता का अभ्यास करते रहना। तुम अपने आप को स्मरण रखते रहना। अब तुम फिर से सो सकते हो। तुम्हें एकदम से नहीं सोना है। बिस्तर पर लेट जाओ और अपने आंखें बंद करके मन को एकदम शांत करो। 


शरीर को शिथिल होने दो और मन में कोई भी विचार को मत आने दो। मन में विचार आएगा तो आप स्वयं को भूल जाएंगे। पहले कुछ गहरी सांसे लो फिर सांसो को मध्यम करते हुए और स्वयं को स्मरण रखते हुए सोने का प्रयास करो।


इस प्रयोग को सफल होने में कुछ हफ्ते लगेंगे, शायद कुछ महीने भी लग सकते हैं। तुम्हें बस इस प्रयोग में डटे रहना है और अभ्यास को निरंतरता देते हुए तुम्हें इसे अपना प्राथमिक लक्ष्य बनाना होगा।


अंतिम विचार

यह तंत्र विधि कहता है; सोते समय, जागते समय, खाना खाते समय, किसी से बातें करते समय, अपने आप को स्मरण रखो। 


जब यह प्रयोग गहरा हो जाएगा तब आप नींद के दौरान स्वप्न अवस्था में भी स्वयं को स्मरण रख पाएंगे। तब आप सपना में भी जान लेंगे कि आप सपना से पृथक है और आप सपने को दिशा दे सकेंगे। 


आप सपने की दुनिया में कुछ भी बदलाव कर सकते हैं। बस शर्त इतना है कि जागरण के समय में आपको इस अभ्यास को हर क्षण करना होगा। कोई भी क्षण ऐसा ना हो जब आप इस अभ्यास को भूल जाए।


|| अध्याय 06 ||

इस संसार को एक स्वप्न के रूप में अनुभव करों | तिब्बती विधि

क्या आपने कभी अपने आस-पास के परिवेश को बहुत सचेत रूप से देखा है?


क्या आपको आश्चर्य होता है कि सपने में आप यह क्यों नहीं पहचान पाते कि आप सपना देख रहे थे? क्यों नींद के दौरान आपको पता नहीं चलता कि आप सो रहे हैं? आप हमेशा सपने को सपना समझने में क्यों असफल हो जाते हैं?आपको सपने में सभी चीज़ें वास्तविक क्यों दिखाई देती हैं?


सारे प्रश्नों का उत्तर यह है कि आप अपना वास्तविक जीवन कभी भी चेतना से भरा हुआ नहीं जीते हैं। अपने जागने के समय में आप अपने आस-पास चल रही चीजों से अनजान रहते हैं।


जागते समय, आप कभी भी अपनी वास्तविकता पर सवाल नहीं उठाते कि यह वास्तविक है या नहीं। क्या में अभी सपना देख रहा हु? आप ऐसा कभी नहीं सोचते है।


इसलिए एक अच्छा स्पष्ट स्वप्नद्रष्टा बनने के लिए, पूर्ण चेतना में अपने परिवेश का अवलोकन करना शुरू करें। इस दुनिया को अलग तरह से देखो। अपने दिन के समय को रात के लुसिड स्वप्न अभ्यास के लिए पूर्वाभ्यास बनाएं।


सुस्पष्ट स्वप्न या स्वप्न योग में जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सुस्पष्ट स्वप्न देखने की अवधारणा जिसे हिंदी में (निंद्रा कालिन जागरुक्ता) कहा जाता है, पूर्वी धर्म में 4000 साल से भी पहले पतंजलि योग सूत्र से आई है।


 "ल्यूसिड" नाम का तात्पर्य "जागरूकता" से है।

उन्होंने कहा कि सपना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आप जानते हैं कि अपने सपनों में हेरफेर कैसे करना है तो यह आपको जबरदस्त ज्ञान दें सकता है।


सपना रात को देखकर सुबह भूल जाने का नाम नहीं है। नहीं, ऐसा नहीं है। इसका अपना अस्तित्व है। इसका अपना अर्थ और महत्व है।


आप जागने के समय में जितना अधिक सचेत और होसपूर्ण होते हैं, आप अपने सपनों में उतने ही अधिक स्पष्टवादी हो जाते हैं।


जागरूकता से मेरा तात्पर्य आत्म-जागरूकता से है:- सुस्पष्ट स्वप्न की कुंजी। यदि आप अपने जीवन में अनजान और बेहोश रहते हैं, तो आपको कभी भी सुस्पष्ट सपनों में सफलता नहीं मिल सकती है।


इसलिए अपनी जागरूकता के स्तर को बढ़ाए बिना, आप स्वाभाविक रूप से सुस्पष्ट स्वप्नद्रष्टा नहीं बन सकते।


विधि: इस संसार को एक स्वप्न के रूप में अनुभव करों


वर्तमान में, आप इस दुनिया को वास्तविक दुनिया के रूप में जानते हैं, हाँ; मुझे पता है। अभी से इस संसार को स्वप्न समझना शुरू कर दो।


अपने आस-पास के विषय को स्वप्न सामग्री के रूप में देखें। इसका मतलब यह नहीं होगा कि आपके आस-पास की चीज़ें अवास्तविक हैं, नहीं, यह वास्तविक है।


हम सिर्फ इस दुनिया को देखने का नजरिया बदल रहे हैं। यह सिर्फ एक आंतरिक अभ्यास है। आपको मन में यह नहीं बोलना है कि 'यह सपनों की दुनिया है।' आपको बस सचेत रूप से यह जानना है कि यह एक सपनों की दुनिया है।


धीरे-धीरे संसार को स्वप्न समझने की आपकी स्वाभाविक आदत बन जायेगी।


इस अभ्यास को निरंतर करने से होगा यह की जब आप असल में सपने में होंगे, तब आप पहचान पाएंगे कि यह भी एक सपना है, और बिंगो, तब आप एक स्पष्ट सपने में होंगे। इसमें समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें।


अब से, यदि आपकी वास्तविक दुनिया में कोई भी अच्छी या बुरी चीज़ घटित होती है, तो उसमें ज्यादा तल्लीन ना होना। बस उसे एक सपना मानना। 


सपना मानने से मेरा मतलब यह नहीं है की उस परिस्थिति में आप कोई भी प्रतिक्रिया ना दें। उस स्थिति में जो करना उचित है वह आपको अवस्य करना चाहिए। पर आप जो भी करे उसे सपना समझ कर करे।


यह आत्म-स्मरण रखे कि मेरे चारों ओर का संसार एक स्वप्न है और मैं वह व्यक्ति हूँ जो यह स्वप्न देख रहा है।


अपनी पूर्ण चेतना के साथ आस-पास के प्रत्येक विवरण को देखें। "वर्तमान" में हर समय उपस्थित रहें। अपने मन को अतीत या भविष्य की ओर न भटकने दें।


भटकता हुआ मन एक ख़राब मन होता है, भटकता हुआ मन एक बीमारी से ग्रस्त मन होता है। यह बहुत ही कम जागरूकता वाला मन होता है। ऐसे मन के साथ ल्यूसिड ड्रीमिंग सिखना बहुत कठिन है।


अंतिम विचार

मैं फिर कहता हूं कि अपने जीवन की हर गतिविधि को पूरी जागरूकता के साथ करें। जागरूकता से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। जागरूकता ही बुद्धिमानी है, जागरूकता ही लक्ष्य है।


खाते समय जानें कि आप खा रहे हैं, चलते समय जानें कि आप चल रहे हैं, नहाते समय जानें कि आप नहा रहे हैं, बात करते समय जानें कि आप बात कर रहे हैं, बैठते समय बस बैठें, आराम करें और जानें कि आप बैठे हैं।


|| अध्याय 07 ||

विपश्यना ध्यान: शक्तिशाली स्पष्ट स्वप्न तकनीक

How To Lucid Dream in Hindi


इस अध्याय में, मैं आपको विपश्यना ध्यान सिखाने जा रहा हूं जो निश्चित रूप से आपको स्पष्ट सपने देखने में मदद करता है। यहां, मैं आपको विपश्यना के उन मूल्यवान पाठों के बारे में बताऊंगा जो मैंने सीखा है और अनुभव किया है।


तो चाहे आप 16 वर्ष के हों या 60 वर्ष के, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, आप स्पष्ट स्वप्न देखना सीख सकते हैं और इसका उपयोग व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के लिए कर सकते हैं। 


आज की दुनिया बहुत व्यस्त और अशांति की दुनिया है। लोग बेहतर जीवन जीने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन वे जीवन को सचेत रूप से जीना पूरी तरह से भूल जाते हैं। वे सोचते हैं कि पैसा ही वह चीज़ है जो उन्हें सच्ची ख़ुशी देती है। आजकल लोग खुश रहने के लिए परेशान रहते हैं।


लोग मशीनों की तरह, रोबोट की तरह काम कर रहे हैं। वे काम करते हैं, वे खाते हैं, वे एक नींद की अवस्था में चलते हैं। कोई जागरूकता नहीं, कोई उपस्थिति नहीं। जिंदगी बेचैनी से भरी है। ध्यान की अत्यंत आवश्यकता है। 


लोगों को काम से कुछ समय का ब्रेक लेना चाहिए और एक छोटे से क्षण के लिए भी सचेत और जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए।


विपश्यना ध्यान क्या है?

विपश्यना ध्यान मन को शांत करके वर्तमान क्षण में लाने की प्रक्रिया है। इस ध्यान में अभ्यासकर्ता अपनी सांसों का निरीक्षण करता है, वह अपनी प्रत्येक सांस की गति का निरीक्षण करता है।


अभ्यासकर्ता को फेफड़ों में वायु के प्रवाह को बढ़ाना या घटाना नहीं चाहिए, उसे केवल नासिका में आती और जाती सांस को देखना चाहिए। श्वास से उसका बहत गहरा संबंध होता है, इसीलिए स्वास को प्राकृतिक रूप से लेना चाहिए।


श्वास स्वाभाविक होनी चाहिए, उसमें सामंजस्य होना चाहिए। चूंकि सांस लेना एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। उसे प्रत्येक सांस की गति को जानना होगा। उसकी उपस्थिति के बिना कोई भी सांस अंदर या बाहर नहीं जानी चाहिए।


यदि अभ्यासी अपनी हर सांस को स्पष्ट रूप से देख सकता है, तो वह अपने विचारों को भी देख पाएगा, और यदि वह अपने विचारों को देख पाएगा, तो विचार गायब होने लगेंगे, विचाररहित स्थिती उत्पन्न होने लगेगी। उसका मन अधिकाधिक स्पष्ट हो जाता है, साफ़ आकाश के समान जहाँ कोई बादल नहीं होते।


सचमुच, बुद्ध महान हैं, उन्होंने मन को विचारों से मुक्त करने के लिए ऐसी शक्तिशाली ध्यान तकनीक की खोज की। आपको पता होना चाहिए कि सांस और मन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, दोनों सह-संबंधित हैं।


यदि आप अपनी सांसों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, तो आप अपने विचारों को देख पाएंगे और आपका अपने विचारों पर पूरा नियंत्रण होगा। सोचना है या नहीं, इस पर आपका नियंत्रण हो जायेगा और अपने दिमाग का उपयोग करना है या नहीं, इस पर भी आपका नियंत्रण हो जायेगा। 


लेकिन फिलहाल दिमाग के साथ ऐसा नहीं है, है ना। आप अपने दिमाग का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार नहीं कर सकते। अभी मामला बिल्कुल उलट है।


फिलहाल आपका दिमाग आपका इस्तेमाल कर रहा है। आप अपने मन के नियंत्रण में हैं। आपका मन मालिक है और आप गुलाम हैं। इसीलिए आप ज्यादातर समय जरूरत से ज्यादा सोचते रहते हैं।


विपश्यना ध्यान की तीन विधियाँ

जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया है कि बुद्ध ने पहली बार विपश्यना ध्यान शब्द को उद्धृत किया था और उन्होंने इस विधि को तीन आसान भागों में प्रस्तुत किया ताकि हर व्यक्ति इन्हें सीख सके और अभ्यास कर सके। आप उनमें से किसी एक को चुन सकते हैं और उसका अभ्यास शुरू कर सकते हैं।


विपश्यना ध्यान की पहली विधि:


पहली विधि रोजमर्रा की गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता के स्तर को बढ़ाने पर आधारित है। आप आत्म-जागरूक हुए बिना अपना काम करते हैं। आप काम करते हैं, आप खाते हैं, आप चलते हैं, और बाते करते है; आप यह सब नींद की अवस्था में करते रहते हैं।


अधिकतर लोग नींद की अवस्था में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। वे कभी भी अपना जीवन सचेत होकर और जागरूक होकर नहीं जीते हैं। तुम एक मशीन की तरह रहते हो, तुम एक रोबोट की तरह रहते हो।


यह ध्यान हमारे जीवन को जागरूकता से परिपूर्ण बनाने में मदद करता है। वस्तुतः ध्यान ही जागरूकता है। अगर आप सड़क पर चल रहे हैं तो होशपूर्वक चलें। आस-पास के वातावरण के प्रति सचेत रहें और चलते समय कल्पनाओं और विचारों में न खोएं।


रास्ते पर चलते समय अपने चारों ओर की खुशबू को महसूस करें। अपना ध्यान उन चीज़ों पर रखें जो आप अपने आस-पास देखते हैं, लेकिन अपने ''स्व'' को न भूलें।


जागरूकता एक दो तरफा तीर है। इसपर मैने पहले भी बात की है। इस तीर का एक सिरा अपने भीतर रखें, और तीर के दूसरे सिरे को अपने से बाहर की चीजों पर रखें। याद रखें, जागरूकता के तीर का एक सिरा स्वयं पर रखना बहुत जरूरी है।


आमतौर पर लोग कुछ न कुछ सोचते हुवे ही चलते हैं, उनका शरीर सड़क पर चल रहा होता है लेकिन उनकी कल्पना में वे कहीं और होते हैं। आदमी सड़क पर दिखाई देता है, लेकिन मन में वह अपनी पत्नी से लड़ रहा होता है, या फिर अपनी प्रेमिका के साथ सिनेमा हॉल में होता है। इसलिए हमें ये चीज़ बदलनी होगी।


अगर आप खाना खा रहे हैं तो खाने के हर स्वाद को महसूस करें। भोजन और थाली की बनावट को महसूस करें। अपना ध्यान खाने से हटाकर कहीं और न लगाएं।


ये है खाना खाने का सही तरीका। अगर आप जागरूकता के साथ खाना खाएंगे जो कि शुरुआत में कठिन है, तो जल्द ही आपकी जागरूकता का स्तर बढ़ जाएगा।


लोगों से बात करते समय अपने शब्दों पर ध्यान रखें, अंदर से यह जानते रहें कि आप बात करते समय अपने हाथ कैसे हिला रहे हैं। जिन लोगों से आप बात कर रहे हैं उनके हाव-भाव पर भी ध्यान रखें.


इसलिए, यदि आप आत्म-जागरूक और सचेत होकर अपनी दैनिक गतिविधियाँ करते हैं, तो जल्द ही आपकी जागरूकता बढ़ जाएगी और आप अपने सपने में भी वही जागरूकता पाएंगे। इससे आपको सुस्पष्ट स्वप्न देखने में बहुत मदद मिलेगी।


विपश्यना ध्यान की दूसरी विधि:


दूसरी विधि श्वास के अवलोकन पर आधारित है। यह विधि पहले की तुलना में थोड़ी सरल है।


आरामदायक स्थिति में बैठें। आप कुर्सी, बिस्तर, सोफ़ा या किसी अन्य आरामदायक जगह पर बैठ सकते हैं। इस ध्यान को आप सोते समय भी कर सकते हैं लेकिन यह उतना प्रभावी नहीं होगा क्योंकि जल्द ही आपको नींद आने लगेगी।


इसलिए कुर्सी या सोफे पर बैठ जाएं, अपनी आंखें बंद कर लें, या अगर आप अपनी आंखें खुली रखना चाहते हैं तो ठीक है। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करें, यह महत्वपूर्ण है। अगर आप अपनी पीठ सीधी नहीं रखेंगे तो मेडिटेशन के समय आपको नींद आ सकती है।


अब अपनी सांस का निरीक्षण करें। यदि आप सांस लेते हैं तो आपका पेट ऊपर उठ जाता है और यदि आप सांस छोड़ते हैं तो आपका पेट नीचे बैठ जाता है। इसे हर सांस पर महसूस करें।


बस अपना ध्यान हर सांस के साथ अपने पेट के बल उठने और बैठने पर रखें। यह विधि सांस के साथ पेट की जागरूकता पर केंद्रित है। पेट जीवन के स्रोत के बहुत करीब है।


क्योंकि आप जानते हैं कि बच्चा पेट में मां की नाभि से जुड़ा रहता है। माँ के पेट में बच्चे की नाभि के पीछे जीवन का स्रोत है।


तो जब आपका पेट सांस लेने के साथ ऊपर उठता है, तो यह वास्तव में जीवन ऊर्जा है। इसलिए यह तरीका ज्यादा कठिन नहीं है। शुरुआती लोगों को यह तरीका अपनाना चाहिए।


विपश्यना ध्यान की तीसरी विधि:


तीसरी विधि दूसरी विधि से काफी मिलती-जुलती है। पेट के उठने-बैठने का ध्यान रखने की बजाय आपको अपनी नासिका में आने जाने वाली स्वासो पर ध्यान रखना होगा।


हर बार जब आप सांस लेते हैं, तो आप अपनी नासिका में सांस का कंपन महसूस करते हैं, और जब आप सांस छोड़ते हैं तो वही कंपन आपको महसूस होता है।


अपना ध्यान उस कंपन पर रखें जो सांस लेने और छोड़ने से आपकी नासिका में उत्पन्न होता है। याद रखें, कोई भी स्वांस आपके होस के बिना आने या जाने ना पाए।


यह विपश्यना ध्यान का अभ्यास करने की विधियाँ हैं। उपरोक्त तीन तरीकों में से किसी एक को चुनें और इसका अभ्यास शुरू करें।


आप तीनों विधियों का अभ्यास एक साथ भी कर सकते हैं, लेकिन यह तीव्र होगा। याद रखें, शुरुआत में, सरल हमेशा सही होता है।


अब हम अपने मुख्य विषय पर चर्चा करेंगे जो कि स्पष्ट स्वप्न है।


स्पष्ट स्वप्न देखने में विपश्यना ध्यान किस प्रकार आपकी सहायता करता है?

तो कुल मिलाकर, विपश्यना ध्यान क्या है? यह चेतना के स्तर को बढ़ाने की विधि है। इस ध्यान की सहायता से हम जागरूकता की वास्तविक प्रकृति का विकास कर सकते है।


मुझे पता है कि आप निश्चित रूप से जानते हैं कि स्पष्ट स्वप्न देखना पूरी तरह से जागरूकता पर आधारित है।


जागरूकता के बिना सुस्पष्ट स्वप्न संभव ही नहीं है। जागरूकता के बिना इसका अस्तित्व कभी नहीं होता। 'सुस्पष्ट' शब्द का तात्पर्य स्पष्ट, होस, जागरूक और प्रकाश से है।


विपश्यना ध्यान के माध्यम से हम जिस प्रकार की चेतना विकसित कर रहे हैं वह धीरे-धीरे हमारे सपनों में आने लगती है और हमारे सपने को स्पष्ट बनाती है।


आप इस ध्यान विधि का अभ्यास अपने सोते समय कर सकते हैं, और अपना ध्यान अपनी सांसों पर ला सकते हैं। बस अपनी सांसों पर होस रखें, आप देखेंगे कि आपके विचार आपसे बहुत दूर, बहुत दूर जा रहे हैं। आपका मन शांत और स्थिर हो रहा है।


धीरे-धीरे आपको महसूस होगा कि आपका शरीर सोने लगा है, आप इस स्थिति में थोड़ा बेहोसी महसूस करेंगे। और कुछ समय बाद आप पूरी तरह से अपनी सांस के प्रति जागरूकता खो देंगे और सो जाएंगे।


यदि आप हर रात लगातार इसका अभ्यास करते हैं, तो मुझे पूरा यकीन है कि एक रात ऐसी आएगी; जरूर आएगी; तब आपका शरीर सो जायेगा, लेकिन आप फिर भी अपने विचारों के प्रति जागरूक रहेंगे। आप जागरूकता सहित नींद में जा सकेंगे। जल्द ही सपने आने शुरू हो जाएंगे और आपको सपनों के बारे में पता चल जाएगा।


यहां स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है, आपको इस ध्यान का अभ्यास हर दिन और रात में करना होगा। विपश्यना ध्यान आसान लगता है लेकिन इसका हर दिन अभ्यास करना कठिन है। शुरुआत में आपको तनाव या घृणा महसूस हो सकती है।


याद रखें यह मन की चाल है आपको ध्यान से दूर ले जाने की। दरअसल, ध्यान करना मन को अच्छा नहीं लगता क्योंकि ध्यान में मन की कोई जरूरत नहीं होती। विपश्यना ध्यान करते समय मन पूरी तरह से गायब हो जाता है। यही कारण है कि मैंने विपश्यना को सबसे शक्तिशाली स्पष्ट स्वप्न देखने की तकनीक कहा है।


अंतिम विचार

विपश्यना, ध्यान का सबसे सरल रूप है। यह ध्यान तकनीक उन शुरुआती लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो ध्यान और स्पष्ट सपने देखना सीखना चाहते हैं।


यहां तक कि बहुत उन्नत योगी और गुरु भी इस विपश्यना का अभ्यास करते हैं। और मुझे आपको बताने में बहत खुशी हो रहा कि बुद्ध ने इसी ध्यान के माध्यम से आत्म ज्ञान प्राप्त किया था।


इस ध्यान को विधियों का विधि के नाम से भी जाना जाता है। इस तकनीक से स्पष्ट स्वप्न देखने वालों को काफी हद तक फायदा होगा।


यदि आप स्वाभाविक रूप से सुस्पष्ट स्वप्न देखना चाहते हैं, तो आप इस ध्यान तकनीक को अपना सकते हैं। यह ध्यान योग की तरह नहीं है, योग कठिन है और योग समय और स्थान मांगता है।


लेकिन इस ध्यान में आपका समय नहीं लगता। आप इसका अभ्यास कहीं भी किसी भी समय कर सकते हैं।


|| अध्याय 08 ||

माइंडफुलनेस अभ्यास | पूरे दिन जागरूक कैसे रहे?

इस अध्याय में आप लोग यह जानेंगे कि वर्तमान समय में जीना आपके लिए कितना फायदेमंद होता है। यदि आप सचेत स्वप्न सीखना चाहते हैं और मेडिटेशन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो वर्तमान क्षण आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी होगी।


वर्तमान क्षण के महत्व | द पावर ऑफ 'Now'


भूत और भविष्य यह दोनों वह शातिर चोर होते हैं जो हमारे वर्तमान क्षण को चुरा ले जाते हैं और हमें इसका भनक तक  नहीं लगने देता। दोस्तों, आपको यह समझ जाना चाहिए की भूत और भविष्य जैसी कोई चीज नहीं होती है। 


यह बस हमारे मस्तिष्क के यादें हैं जो वर्तमान समय में अपने को प्रकाशित करते हैं। आपको यह समझना चाहिए कि आखिरकार हम क्यों भूत और भविष्य के झांसे में फस जाते हैं और वर्तमान से चूक जाते हैं।


मन या तो अतीत में होता है या फिर भविष्य में। वर्तमान में इसका कोई सत्ता नहीं है। या यह कहिए कि मन वर्तमान को जानता ही नहीं है। मन ही संसार है और संसार ही मन है ।


अतीत का कोई अस्तित्व नहीं है। अतीत जा चुका है। मिट चुका है। पर हम लोग अतीत में ही जीते चले जाते हैं। इसीलिए हमें हमारे जीवन व्यर्थ और अर्थहीन लगता है। इसमें कोई रस मालूम नहीं पड़ता। कोई नृत्य नहीं दिखाई पड़ता। बेजान सी हो गई है इंसानी जीवन। दिन-रात यंत्र की भांति हम चले जा रहे हैं। यह तक पता नहीं कि कहां जा रहे हैं, किस लिए जा रहे हैं, और कौन ले जा रहा है। बस चले जा रहे हैं। इंसान भटक रहा है अंधेरी घाटियों में।


आखिर भविष्य है क्या और आपको भविष्य के बारे में मालूम ही क्या है। आपको जो मालूम है वह भविष्य नहीं है और जो मालूम नहीं है वो भविष्य कैसे हो सकता है। भविष्य अज्ञात है और भविष्य में जीने से किसी का अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ है। भविष्य कोरा कल्पना मात्र है।


आपको वर्तमान प्रीतिकर नही लगता है। आपका वर्तमान दुख से भारा हुआ है इसीलिए आप भविष्य की कल्पना करते हैं कि शायद भविष्य में सुख प्राप्त होगा। भविष्य में आनंद की प्राप्ति होगी इसलिए आप कल्पनाएं किए चले जाते हैं। 


कोई धन की कल्पनाएं करता है। कोई पद की, कोई प्रतिष्ठा का, तो कोई प्रेमी का और कोई प्रेमिका का। सब कोई कल्पनाएं किए जा रहे हैं इसीलिए हर कोई वर्तमान क्षण से चूक जाता है।


बहुत ही कम ऐसे बुद्ध पुरुष होते हैं जो पूरी जागरूकता के साथ चल रहे होते हैं। बुद्ध पुरुष तो चलने को भी प्रेम करते हैं, वह प्रेम पूर्वक चलते हैं। इस हरि पृथ्वी पर मात्र चलना अपने आप में एक चमत्कार है, वह बहुत आनंददाई है। कभी आप होशपूर्वक चले होंगे तो आपको पता होगा कि मात्र चलने से ही आनंद का अनुभव होता है। एक शांति एक अभूतपूर्व आनंद छलकता है आंखों पर।


एक जापानी जैन मास्टर ने कैसे अपने छात्र को जागरूकता सिखाया


जापान में एक बहुत प्रसिद्ध विद्यालय था जिसमें तलवार चलाना सिखाया जाता था, शायद अभी भी होगा। उस विद्यालय में तलवार चलाना सिखाने वाला एक जैन गुरु रहता था। वह गुरु थोडा बूढ़ा हो गया था। 


विदेश से एक विद्यार्थी तलवार चलाना सीखने के लिए जापान आया था। उस विद्यार्थी ने विद्यालय में दाखिला ली और गुरु से पूछा कि मुझे कुसल तलवार चालक बन्ना है और इसे सीखने में मुझे कितना समय लगेगा। गुरु ने कहा कि यह तो तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है कि तुम कितना जल्दी सीखना चाहते हो, शायद एक महीने मे सीख जावोगे या चार पांच साल लग जायेंगे या फिर पूरा उम्र भी इसे सीखने के लिए काफी नहीं होगा।


वह विद्यार्थी 4 साल रुकने के लिए राजी हो गया और उस विद्यालय में तलवार चलाना सीखने लगा। गुरु ने उससे कहा कि तुम्हें तलवार चलाना सीखने से पहले कुछ काम सीखने होंगे। गुरु ने उसको विद्यालय में झाड़ू लगाने को कहा, खाना बनाने को कहा और साफ सफाई करने में लगा दिया। साफ सफाई करते हुए 2 साल गुजर गए अभी तक गुरु ने उसे तलवार का कोई भी पाठ नहीं सिखाया।


अब उस विद्यार्थी से और रहा नहीं गया और 1 दिन गुरु से जाकर बोल ही दिया कि आप मुझे तलवार चलाना सिखाना भी चाहते हैं या नहीं। 3 साल से बस में फालतू के काम में लगा हुआ हूं।  तलवार चलाने का तो छोड़िए आपने अभी तक मुझे तलवार पकड़ना भी नहीं सिखाया है। 


इस पर गुरु ने कहा कि कल से तुम्हारा तलवारबाजी का पहला पाठ शुरू होगा, तैयार रहना। 


कल सुबह नहा धो कर वो विद्यार्थी एकदम तयार था की तभी गुरु चुपके से पीछे से आया और उसपर लकड़ी के तलवार से हमला कर दिया। लकड़ी के तलवार का प्रहार से चोट लगते ही विद्यार्थी एकदम से चौक गया और सचेत हो गया। जब उसने मुड़कर देखा तो सामने गुरु को तलवार लिए खड़ा पाया। यह देख विद्यार्थी बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ और गुरु से पूछा कि आपने मुझ पर हमला क्यों किया?


गुरु ने कहा तलवार चलाना सीखने में यह तुम्हारा पहला पाठ है। अब से तुम पर किसी भी वक्त हमला हो सकता है। तुम्हें हर पल सचेत और जागरूक रहना होगा। मैं तुम्हें किसी भी पल पीछे से इसी तरह लकड़ी के तलवार से वार करूंगा। तुम्हें हमला करने से पहले ही मुझे रोकना होगा। यह अभ्यास तब तक चलेगा जब तक तुम मुझे रोकने में कुशल नहीं हो जाओगे।


अब तो बड़ी कठिनाई हो गई। वह विद्यार्थी बड़ा ही दुविधा में फंस गया। अब से रोज उस पर किसी भी वक्त हमला होने लगा। हर बार वह गुरु को रोकने में असमर्थ हो जाता था। उसके लिए बहुत मुश्किल हो गया। वह बार बार गुरु के तलवार से मार खाने लगा।


क्योंकि बहुत बार वह गुरु के हमले की चपेट में आ गया इसलिए अब से वह बहुत संभल कर रहने लगा। वह विद्यार्थी बहुत सचेत और जागरूक रहने लगा। पहले पहले वह अपने मन के विचारों में उलझा हुआ रहता था इसलिए उसे गुरु का आने का आभास ही नहीं होता था। अब वह छोटे से तिनके के आवाज पर भी एकदम सचेत हो जाता था। अब वो एकदम होश में रहने लगा। उसे गुरु के आने का पहले से ही आभास हो जाता था और वह हमले को रोक देता था।


अब उसके लिए बेहोशी में रहना एकदम खतरनाक था। अब वह कोई भी बिचार मे नहीं उलझ सकता था अन्यथा वह गुरु के वार को रोक नहीं सकता था। 


यह देख गुरु बहुत प्रसन्न हुआ और अभ्यास को दूसरे चरण में ले गया। अब गुरु सोते समय भी उस पर हमला करना शुरू कर दिया। अब तो हद हो गई। वह विद्यार्थी की कठिनाई आप समझ सकते हैं। पहले तो बहुत चैन से सोता था पर अब उसके लिए यह भी संभव नहीं था।


उसने सोते समय गुरु के तलवार से हजारों बार मार खाई। हर बार वो चूक जाता था। उसे गुरु के आने का पता ही नहीं चलता था नींद में। और आखिर चलता भी कैसे, नींद में तो इंसान सो जाता है, एकदम बेहोश होता है। पर उस को हर हालत में इस अभ्यास में कुशल होना था।


अब वो एकदम सचेत और अलर्ट होकर सोने लगा। गुरु के वार का डर उसके जेहन में बैठ गया। अब से उसके सेंस ऑर्गन नींद में भी सतर्क रहने लगा। फिर पहली दफा वो दिन आखिर आ ही गया जब उसने नींद में भी गुरु के वार को रोक दिया। इसपर गुरु बहुत प्रसन्न हुए।


अब से गुरु के हर एक वार खाली जाने लगा। वह विद्यार्थी नींद में भी गुरु के सभी वार को रोक देता था। मानो वह नींद में भी जागा हुआ रहता था। उसके होश का दिया हमेशा जलता रहता था। उसका शरीर नींद में चला जाता था पर दिमागी रूप से वह सतर्क और जागा हुआ रहने लगा। 


नींद में भी उसे होश रहने लगा की मेरा शरीर सोया हुआ है पर मैं सोया हुआ नही हूं। मैं एकदम सतर्क और जागरूक हूं। इस अवस्था को महसूस करके उसे बहुत खुशी हुई। उसने पहली दफा एक रहस्य को जाना कि मैं और यह मेरा शरीर दोनों अलग-अलग है। मैं इस शरीर से भिन्न हूं। यह शरीर सो रहा है पर मैं नहीं। 


वह विद्यार्थी इतना कुशल हो गया था होस को साधने में कि गुरु के वार करने से पहले ही वह जान लेता था कि अब गुरु प्रहार करने वाला है और वो सफलतापूर्वक गुरु के प्रहार को रोक देता था।


दूसरे दिन गुरु ने उस विद्यार्थी को अपने कक्ष में बुलाया और कहा वद्श अब तुम तलवारबाजी करने में समर्थ हो गए हो। मुझे तुम्हें जो सिखाना था मैंने वह सिखा दिया। अब तुम तलवार चलाने में कुशल हो गए हो। अब तुम्हारे लिए तलवार चलाना कोई बड़ी बात नहीं है।


शिष्य ने बड़ी ही आश्चर्यपूर्वक कहा पर गुरु आपने तो मुझे अभी तक तलवार पकड़ना तक नहीं सिखाया है, मैं कैसे तलवार चलाने में कुशल हो गया। गुरु ने कहा तलवार चलाना सीखने में सबसे अहम पहलू है होस को साधना। जिसने होस को साध लिया समझो उसने तलवार चलाने में महारत हासिल कर ली।


एक कुशल तलवार चालक उसको ही कहा जा सकता है जो इतना जागरूक हो कि शत्रु के तलवार चलाने से पहले ही यह जान ले की शत्रु तलवार को किस हिस्से पर प्रहार करने वाला है। फिर उसके प्रहार को आसानी से रोका जा सकता है। और तुम इतने जागरूक हो गए हो कि जो प्रहार करने से पहले ही यह जान लेता है कि प्रहार अब होने को है। 


दूसरे दिन रोज की तरह गुरु बगीचे में ध्यान कर रहा था। तभी पीछे से विद्यार्थी ने देखा की गुरु तो ध्यान में लीन है और सोचा की क्यों न में भी अपने गुरु का परीक्षा लू? गुरु ने मुझे बहत कष्ट दिया है। में भी तो देखूं की क्या गुरु मेरे प्रहार को रोक पता है या नहीं। मुझ पे सोते, जागते, खाते, नहाते, टहलते, काम करते, हर समय प्रहार किया पर क्या ये भी उतना ही जागरूक है जितना की में हूं?


वो सिस्य चुपके से लकड़ी के तलवार ले कर आया और पीछे से गुरु पे वार करने के उद्देश्य से आगे बढ़ा। फिर गुरु ने बहत ही प्रेम से कहा रुको बद्श, मुझ पे प्रहार मत करना। में बूढ़ा हो गया हूं, अब मेरा शरीर पहले जैसा शक्तिशाली नही रहा। रुको मुझ पे वार मत करो। मेरे सरिर को चोट लग सकता है, रुको।


ये सुनते ही वो विद्यार्थी गुरु के चरण पकड़ लिया और कहा अभी तो मैंने आप पे वार करने के लिए तलवार उठाया भी नही, और नाही जरा सा भी आवाज किया मैंने फिर आपको कैसे पता चल गया की में आप पे प्रहार करने आ रहा हूं?


गुरु ने कहा मैंने तुम से पहले भी कहा था की जिसने होस को साध लिया उसके किए किसी भी चीज को सीखना कठिन नहीं है।


अंतिम विचार

एक बात हमेशा याद रखना कि जितना तुम जागरूक होते चले जाओगे उतना ही तुम किसी भी चीज को सीखने में कुशल हो जाओगे। तुम्हारी कुशलता इस बात पर निर्भर करता है कि तुम कितना जागरूक हो। 


हर काम को होश पूर्वक करो। कोई भी काम ऐसा ना हो जो बेहोशी की हालत में हो। हर पल सचेत, जागरूक और अलर्ट रहो। तुम्हें सबसे पहले अपने मन को समझना होगा। यह मन बहुत चालाक है। यह तुम्हें कभी जागरूक होने नहीं देगा।


मन तुम्हें हर समय भूत और भविष्य में ले जाता रहेगा। मन वर्तमान समय को नहीं जानता इसलिए तुम्हें हर समय सचेत रहना होगा। मन से बड़ा छलिया इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं। अपने मन से हमेशा कहते रहो, "रे मन कब समझेगा तू, देख एक और जन्म निकल चला।" अब बहुत हुवा, बहत खेल खेल लिए तुमने। मन से कहो की अब जागरूक हो जाओ। 


|| अध्याय 09 ||

योग निद्रा द्वारा स्पष्ट सपने में प्रवेश

योग निद्रा, जिसे "नींद का योग" भी कहा जाता है , एक शक्तिशाली अभ्यास है जो शरीर और दिमाग को आराम और फिर से जीवंत करने में मदद करता है। इस अध्याय में हम देखेंगे कि स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए हम योग निद्रा का उपयोग कैसे कर सकते हैं।


इस प्राचीन अभ्यास में एक आरामदायक स्थिति में लेटना होता है और शरीर को पूरी तरह से सिथिल करते हुए केवल सांस पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। 


योग निद्रा तनाव और चिंता के प्रबंधन के साथ-साथ नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक अविश्वसनीय रूप से सहायक उपकरण है। यह एक ऐसी अभ्यास है जो अनुभव या क्षमता की परवाह किए बिना सभी के लिए उपलब्ध है।


चाहे आप योग में नए हों या एक अनुभवी अभ्यासकर्ता हों, योग निद्रा आपको व्यस्त जीवन के बीच शांति और आनन्द पाने का मौका दे सकता है।


ऐसी कई विशिष्ट तकनीकें हैं जिनका उपयोग सुस्पष्ट स्वप्न देखने के लिए किया जा सकता है । सबसे लोकप्रिय और प्रभावी तकनीकों में से एक योग निद्रा है , जिसे "योगिक नींद" के रूप में भी जाना जाता है। 


जैसा कि हम जानते हैं कि योग निद्रा संपूर्ण शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक आराम का एक योग अभ्यास है। यह ध्यान की गहरी अवस्थाओं को प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण है। इसका उपयोग सुस्पष्ट स्वप्न और शरीर के बाहर के अनुभवों दोनों को प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है।


योग निद्रा का अभ्यास कैसे करें?


योग निद्रा का अभ्यास करने के लिए, एक आरामदायक स्थिति में लेट जाएं और अपने शरीर को पूरी तरह से आराम करने दें। एक बार जब आप विश्राम की गहरी अवस्था में आ जाएं, तो अपना ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करना शुरू करें।


अपने मन को पूरी तरह से शांत होने दें और बस अपनी सांसों का निरीक्षण करें। जैसे ही आप अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं, आप अन्य विचारों और संवेदनाओं को उभरते हुए देखना शुरू कर देते हैं। 


बिना किसी निर्णय या लगाव के बस इन विचारों और संवेदनाओं का निरीक्षण करें। अगर आपको लगे कि आपका मन कहीं भटक गया है तो तुरंत अपना ध्यान अपनी सांसों पर लाएं। 


अभ्यास के साथ, आप विश्राम की गहरी और गहरी अवस्था में प्रवेश करने में सक्षम होंगे। और अंतत; आप एक स्पष्ट स्वप्न के अनुभव को प्रेरित करने में सक्षम होंगे।


योग निद्रा के लाभ


योग निद्रा एक शक्तिशाली ध्यान तकनीक है जो शरीर और दिमाग दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करता है । योग निद्रा के कुछ प्रमुख और सबसे उपयोगी लाभ नीचे दिए गए हैं:-


  • नींद की गुणवत्ता में सुधार
  • तनाव और चिंताका निराकरण
  • अवसाद के लक्षण कम हो जाना
  • एकाग्रता और फोकस में सुधार
  • भलाई की भावना में वृद्धि।
  • ल्यूसिड ड्रीम्स और एस्ट्रल प्रोजेक्शन को प्रेरित करना


योग निद्रा का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि यह अभ्यास वैदिक परंपरा से उत्पन्न हुई है और यह होसपूर्वक नींद में प्रवेश करने की शक्तिशाली विधि में से एक है।


योग निद्रा अभ्यास के दौरान, अभ्यासकर्ता शवासन या शव मुद्रा में लेट जाता है , और सांस पर ध्यान केंद्रित करते हुए शरीर और दिमाग को आराम देता है।


ऐसा कहा जाता है कि यह अभ्यास शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है और इसे तनाव से राहत, चिंता कम करने और यहां तक ​​कि अनिद्रा के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


योग निद्रा और सम्मोहन

योग निद्रा और सम्मोहन दोनों गहन विश्राम की अवस्थाएँ हैं जिनका उपयोग उपचार और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है ।


दोनों प्रथाओं में गहरी शारीरिक और मानसिक विश्राम की स्थिति प्राप्त करने के लिए निर्देशित विश्राम और दृश्य का उपयोग शामिल है। 


योग निद्रा निर्देशित विश्राम का एक रूप है जिसे अक्सर उपचार के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है। 


सम्मोहन ध्यान केंद्रित करने की एक अवस्था है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के विभिन्न परिणामों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है । ऐसा कहा जाता है कि यह तनाव और चिंता को कम करने, नींद में सुधार करने और समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक है। 


अंतिम विचार

सुस्पष्ट स्वप्न तब घटित होता है जब आप स्वप्न देख रहे होते हैं और जानते हैं कि आप स्वप्न में हैं। यह चेतना की एक अवस्था है जिसमें सपने देखने वाले को एहसास होता है कि वह सपना देख रहा है। सुस्पष्ट सपने अक्सर ज्वलंत और विस्तृत होते हैं। 


स्पष्ट सपनों को प्रेरित करने के लिए सबसे प्रभावी तकनीकों में से एक ध्यान का उपयोग है। विशेष रूप से, यह योग निद्रा नामक एक तकनीक है। 


योग निद्रा या यौगिक नींद एक नींद की अवस्था है जिसमें शरीर हल्की नींद में चला जाता है लेकिन दिमाग अभी भी सक्रिय रहता है। यह पूरी तरह से सोता नहीं है लेकिन पूरी तरह से जागता भी नहीं है।


इस अवस्था में, व्यक्ति अभी भी पर्यावरण और अपने भौतिक शरीर के प्रति जागरूक हो सकता है जबकि उसका उसका शरीर अर्धनिंद की स्थिति में होता है। स्पष्ट स्वप्न देखने का यह एक बहुत ही प्रभावी तरीका है। 


|| अध्याय 10 ||

लुसिड सपने सिखने के एक और तंत्र विधि 

तंत्र कहता है,


"जब नींद अभी आया ना हो और बाहरी जागरण विदा हो गई हो, उस मध्य बिंदु पर बोधपूर्ण रहने से नींद में जागरूकता पूर्वक प्रवेश किया जा सकता है।"


नींद आने के कुछ क्षण पहले एक ऐसा बिंदु होता है जहां पर आपका चेतना परिवर्तन होता है। यह बिंदु बहुत ही कम समय के लिए आता है। यह वही बिंदु है जहां पर चेतना के गियर्स परिवर्तित होते हैं। यह बिंदु एक न्यूट्रल गियर की तरह होता है। इस अवस्था में ना तो आप जागे हुए रहते हैं ना ही आप सोए हुए रहते। 


यदि कोई व्यक्ति इस बिंदु पर होशपूर्ण रहने में सफल हो जाता है तो वह जागरूकता सहित सपने में प्रवेश करेगा। यह विधि कहता है कि उस बिंदु पर सचेत रहने से नींद और स्वप्न में बोधपूर्ण हुआ जा सकता है।


इसी तरह सुबह जागने के समय में भी आप इस बिंदु से गुजरते हैं। जब नींद से आप जागरण की अवस्था में आते हैं तब आपकी चेतना की पूरी व्यवस्था बदल जाती है। इन दोनों अवस्था के मध्य बिंदु पर यदि तुम जागरूक रह सकें तो तुम अपने सच्चे स्वरूप को जान सकते हो। तब तुम अवचेतन के रहस्यमई दुनिया में प्रवेश कर सकोगे। 


अभी तुम चेतन मन से ही परिचित हो। अवचेतन मन की तुम्हें कोई खबर नहीं है। हमारी चेतना सात मंजिला इमारत की तरह होती है। इसमें सात स्तर होते हैं। पर अभी तुम एक ही मंजिल को जानते हो और वह है चेतन मंजिल। 


जब तुम नींद में जागरूक हो जाते हो तब तुम चेतना की दूसरी मंजिल में प्रवेश करते हो और इसी तरह तुम्हें पांच और चेतना की मंजिलों को जानना होगा। पर इस अध्याय में हम चेतना की दूसरी मंजिल अर्थात अवचेतन मन की ही बात करेंगे। 


इस विधि को साधने का तरीका


1. नींद में जाने से पहले आप अपने शरीर को विश्राम की अवस्था में ले जाए और इस दौरान आंख बंद रखे।


2. अब आप नींद आने की प्रतीक्षा करे। आपको कुछ नही करना है बस प्रतीक्षा कीजिए। अपने शरीर को पूरी तरह सीथिल होने दें।


3. आपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दो। अपने आपको स्मरण रखो। तुम्हे अपने आपको भूलना नहीं है। तुम विचार प्रक्रिया में मत उलझना, नहीं तो स्वयं को भूल जाओगे।


4. यदि तुम स्वयं को भूल गए तो फिर तुम नींद में बेहोसी की हालत मे जाओगे। फिर तुम सजग न रह सकोगे। 


5. तुम्हारे चेतना धीरे-धीरे विलीन हो रही है, इस बात को स्मरण रखो। क्योंकि वह बिंदु बहुत सूक्ष्म है, एक परमाणु जितना छोटा है। यदि तुम इसे चूक गए तो फिर सपनों में जागरूक ना हो सकोगे।


6. यह बिंदु कोई बहुत बड़ा अंतराल नहीं है। यह तो बहुत सूक्ष्म, बहुत छोटा है। यह क्षण भर का अंतराल है जिसमें तुम्हें सचेत रहना है। तो बस पूरी ऊर्जा के साथ सजग रहो, जागरूक रहो और प्रतीक्षा करो।


7. इस अभ्यास में समय लगता है, कम से कम तीन महीने लग सकते हैं। तब जाकर एक दिन ऐसा आएगा जब तुम सचेत अवस्था में रहते हुए उस बिंदु को पहचान सकोगे जो ठीक मध्य में होती है। उस अवस्था में ना तुम सोए हुए रहते हो ना तुम जागे हुए रहते हो। तुम ठीक मध्य में होते हो और वह बिंदु का तुम्हें आभास होगा।


8. अभ्यास करते वक्त जागरूक रहने में कठिनाइयां होती है तो तुम अपनी सांसों पर ध्यान लगा सकते हो। सांसो पर ध्यान लगाते रहने से चेतना आसानी से नहीं खोती है। 


9. ध्यान लगाने वाली अभ्यास भी बहुत कारगर विधि है। यदि तुम श्वास पर अपना ध्यान ठिकाने में कुशल हो गए तो तुम शीघ्र ही इस ध्यान को नींद में ले जाने में सफल रहोगे।


10. बस आपको करना इतना है कि आपके अंदर और बाहर जाने वाली श्वास के प्रति बोधपूर्ण होना है। जब श्वास अंदर आए तो जानो की श्वास अंदर आई। जब श्वास बाहर जाए तो जानो कि श्वास बाहर गई।


अंतिम विचार

नींद में जाने से ठीक पहले आप अपने शरीर को ढीला छोड़ दें, उसे शिथिल होने दे। शरीर को पूर्ण विश्राम की अवस्था में जाने दे। इस दौरान आप अपने मस्तिष्क को पूर्णता खाली रखे, उसमें कोई भी विचार या कल्पनाओं को आने ना दें।


जब नींद आ रहा होता है तब हमारे मस्तिष्क में कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ निकलते हैं जो हमारी चेतना को लुप्त करती चली जाती है। यह नींद की अपनी व्यवस्था है। पर अभ्यास के द्वारा इस अवस्था के दौरान चेतना को सक्रिय रखा जा सकता है। 


बस आपको करना इतना है कि नींद आने के दौरान अपने आप को सजग रखना है। अपने आप को भूलना नहीं है। स्वयं को स्मरण रखना है। स्वयं को स्मरण रखते हुए नींद को आने देना है। और शीघ्र ही ऐसा दिन आएगा जब आप स्वयं को स्मरण रखते हुए नींद में प्रवेश कर पाएंगे।


स्वप्नरहित नींद और मृत्यु

      मृत्यु गहन निद्रा है। अगर आपकी नींद मृत्यु जितनी गहरी हो जाए तो इसका मतलब है कि सपने खत्म हो गए हैं। सपने नींद को खराब कर देते हैं। सपनों के कारण ही तुम सतह पर चलते रहते हो। सपनों में उलझे रहने से आपकी नींद उथली हो जाती है। और जब सपने नहीं रह जाते, तब तुम नींद के सागर में गिर जाते हो, उसकी गहराई को छू लेते हो। वह मृत्यु है।


      इसीलिए भारत ने हमेशा कहा है कि नींद छोटी मृत्यु है। और मृत्यु एक लम्बी नींद है। गुणात्मक दृष्टि से दोनों एक समान हैं। नींद दिन-दिन की मृत्यु है, मृत्यु जीवन और जीवन की नींद है। हर दिन आप थक जाते हैं, सो जाते हैं, और अगली सुबह आप अपनी ताकत और जीवन शक्ति पुनः प्राप्त कर लेते हैं। 


आपका दोबारा जन्म हो जाता है। इसी तरह, जीवन के सत्तर या अस्सी साल के बाद आप पूरी तरह से थक जाते हैं। अब छोटी अवधि की मृत्यु से काम नहीं चलेगा, अब तुम्हें लंबी मृत्यु की आवश्यकता है। उस महान मृत्यु या नींद के बाद, आप एक बिल्कुल नए शरीर के साथ पुनर्जन्म लेते हैं।


      और एक बार जब आप स्वप्नहीन नींद को जान लेते हैं और जानबूझकर उसमें जीते हैं, तो मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। कोई कभी मर नहीं सकता। मृत्यु असंभव है, अभी एक दिन पहले मैं (ओशो) कहता था कि केवल मृत्यु ही निश्चित है। और अब मैं कहता हूं कि मृत्यु असंभव है।

      

कभी किसी की मृत्यु नहीं हुई. कोई कभी मर नहीं सकता. दुनिया में अगर कुछ भी असंभव है तो वह है मृत्यु। क्योंकि अस्तित्व ही जीवन है. आपका दोबारा जन्म हुआ है. लेकिन नींद इतनी गहरी होती है कि आप अपना पुराना व्यक्तित्व भूल जाते हैं। आपके दिमाग से यादें मिटा दी जाती हैं.


      कल्पना कीजिए कि आप आज सोने जा रहे हैं, और कोई उपकरण बनाया गया है - जल्द ही बनाया जाएगा - जो दिमाग से स्मृति को मिटा देता है, जैसे टेप रिकॉर्डर के टेप से ध्वनि को मिटा दिया जाता है। क्योंकि स्मृति भी एक गहरी रिकॉर्डिंग है। देर-सवेर ऐसा उपकरण बन ही जायेगा जो आपके दिमाग से सभी याददास्त को मिटाने में सक्षम होगा। 


तो कल सुबह तुम वही आदमी नहीं रहोगे जो कल सो गया था। क्योंकि आपको याद नहीं रहेगा कि कौन सो गया. तब तुम्हारी नींद मृत्यु के समान होगी। एक अंतराल होगा. तुम्हें याद नहीं रहेगा कि कौन सोया था. स्वाभाविक रूप से यही हो रहा है. जब आप मरते हैं और फिर से जन्म लेते हैं, तो आपको याद नहीं रहता कि कौन मरा, आप सब कुछ फिर से शुरू कर देते हैं।


      इस सूत्र से आप सबसे पहले सपनों के कप्तान बनेंगे। इसका मतलब है कि सपने आना बंद हो जायेंगे.  या फिर अगर आप अपने लिए सपना देखना चाहते हैं तो आप सपना देख भी सकते हैं। लेकिन तब वह एक अप्रत्याशित सपना होगा। यह अनिवार्य नहीं होगा. यह आप पर थोपा नहीं जाएगा. आप स्वप्न के शिकार नहीं होंगे. और तब आपकी नींद की गुणवत्ता बिल्कुल मृत्यु जैसी होगी। तब तुम्हें पता चलेगा कि मृत्यु भी नींद है।


      इसीलिए यह सूत्र कहता है: " तुम स्वप्न और मृत्यु पर विजय पा सकोगे। "


      तब तुम्हें पता चलेगा कि मृत्यु एक लंबी नींद है—और सहायक, और सुंदर। क्योंकि यह आपको नया जीवन देता है। यह तुम्हें सब कुछ नया देता है, फिर मृत्यु भी समाप्त हो जाती है। स्वप्न पूरा होते ही मृत्यु समाप्त हो जाती है।


क्या मैं अपना अगला जन्म अपनी इच्छा के अनुसार ले पाऊंगा? सुस्पष्ट पुनर्जन्म


      मृत्यु पर नियंत्रण पाने का एक अन्य उद्देश्य अधिकार प्राप्त करना भी है। यदि आप समझते हैं कि मृत्यु नींद है, तो आप इसका मार्गदर्शन कर सकते हैं। यदि आप अपने सपनों को दिशा दे सकते हैं, तो आप मृत्यु को भी दिशा दे सकते हैं। 


फिर आप चुन सकते हैं कि कहां जन्म लेना है। आप चुन सकते है की किसके घर जन्म लेना है। आप अपने माता पिता को चुन सकते है। किस काल में जन्म लेना है आप यह भी चयन कर सकते है। l


सुस्पष्ट पुनर्जन्म पर बुद्ध की कहानी


      बुद्ध की मृत्यु हो गयी, मैं उनके अंतिम जन्म से पहले के जन्म की बात कर रहा हूँ। जब वह बुद्ध नहीं थे; मरने से पहले उन्होंने कहा था: "मैं ऐसे परिवार में जन्म लूंगा, ऐसी मेरी मां होंगी, ऐसे मेरे पिता होंगे और मेरी मां मेरे जन्म के बाद ही मर जाएंगी।" और जब मेरा पैदा होने का समय नजदीक आएगा तब मेरी मां नींद में ऐसे ऐसे ही सपने देखेंगी. 


आपको न केवल अपने सपनों के प्रति स्वतंत्रता होगी, बल्कि आपको दूसरों के सपनों के प्रति भी स्वतंत्रता होगी। तो बुद्ध ने आपने पिछले जन्म के योगियों से कहा कि जब मैं अपनी माँ के गर्भ में रहूँगा, तब मेरी माँ ये ये सपने देखेगी। और जब कोई इसी क्रम में ये सपने देखने लगे तो आप समझ जाना कि मेरा जन्म होने वाला है।


      और ऐसा ही हुआ। इसी क्रम में बुद्ध की माँ को स्वप्न आये। उस क्रम को पूरा भारत जानता था. विशेषकर वे जो धर्म में, जीवन की गूढ़ बातों में और उसके छिपे तरीकों में रुचि रखते थे। 

      

      तो बुद्ध के पिता ने तुरंत उस युग के सपनों के व्याख्याकारों को बुलाया और उनसे पूछा कि इस क्रम का क्या मतलब है? मुझे डर है, ये सपने अद्भुत हैं। और एक ही क्रम में, एक ही तरह के, बारी-बारी से सपने आते रहते हैं। मानो एक ही फिल्म को बार-बार देख रहे हों।


      और फिर स्वप्नकारो ने बताया कि आप एक महान आत्मा के पिता बनने वाले हैं। वह बुद्ध बनने जा रहा है. लेकिन आपकी पत्नी ख़तरे में है. क्योंकि जब ऐसे बुद्ध पैदा होते हैं तो मां का जीना कठिन हो जाता है। 


बुद्ध के पिता ने कारण पूछा. स्वप्नकारों ने कहा कि हम नहीं बता सकते। लेकिन जो आत्मा जन्म लेने वाली है, उसका कथन है कि जब वह जन्म लेगा तो उसकी माँ मर जायेगी।


      बाद में बुद्ध से प्रश्न किया गया कि उनकी माँ की मृत्यु तुरंत क्यों हो गयी ? उन्होंने कहा कि बुद्ध को जन्म देना इतनी बड़ी घटना है कि उसके बाद बाकी सब कुछ व्यर्थ हो जाता है। 


इसलिए मां जीवित नहीं रह सकती. नया जीवन शुरू करने के लिए उसे फिर से जन्म लेना होगा। बुद्ध को जन्म देना सबसे बड़ा अनुभव है। यह चरम सीमा होती है कि उसके बाद मां जीवित नहीं रह पाती। तो माँ मर गयी.


     बुद्ध ने अपने पिछले जन्म में कहा था कि जब मेरी माँ ताड़ के पेड़ के नीचे खड़ी होगी तब मैं जन्म लूँगा। और वैसा ही हुआ. जब बुद्ध का जन्म हुआ तो उनकी माँ एक ताड़ के पेड़ के नीचे खड़ी थीं। उन्होंने यह भी बताया कि मैं जन्म लेते ही सात कदम चलूंगा। यही विशिष्टता होगी. यह सब में इसीलिए बता रहा हूं, ताकि तुम्हें पता चल जाए कि बुद्ध का जन्म हुआ है। बुद्ध ने सब कुछ इंगित किया था।


      यह केवल बुद्ध के बारे में सच नहीं है। जीसस के लिए भी यही सच है, और महावीर के लिए भी यही सच है। यही बात कई अन्य लोगों के लिए भी सच है। प्रत्येक जैन तीर्थंकर ने अपने पिछले जन्म में भविष्यवाणी की थी कि उनका जन्म कैसे होगा। उन्होंने सपनों का क्रम भी बताया. उन्होंने प्रतीक भी दिए थे और बताया था कि सब कुछ कैसे होने वाला है.


      आप मार्गदर्शन दे सकते हैं, एक बार जब आप अपने सपनों को मार्गदर्शन देना शुरू कर देते हैं, तो आप हर चीज़ को मार्गदर्शन दे सकते हैं। क्योंकि ये दुनिया सपनों से ही बनी है. और ये सपनों की जिंदगी बनती है. इसलिए जब आपने सपने पर नियंत्रण कर लिया, तो सब कुछ खत्म हो गया।


      यह सूत्र कहता है: "स्वयं मृत्यु पर।"


|| अध्याय 11 ||

निद्राकालीन जागरूकता | पतंजलि योग सूत्र | ओशो 

एक व्यक्ति अपने जीवन का लगभग एक-चौथाई, लगभग तीस वर्ष, नींद में, सपनों में बिताता है। लेकिन सपने को नजरअंदाज कर दिया गया है। लोग सपनो को ज्यादा महत्व देना ही नही चाहते है।


आमतौर पर लोग इसके बारे में नाही सोचते है और नाही सपनों पर ध्यान देते है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग सोने की बजाय जागने के समय पर ज्यादा ध्यान देते हैं।


क्या आप जानते हैं की मन के तीन भाग होते हैं? जैसे भौतिक पदार्थ का तीन भाग होते हैं, वैसे ही मन के भी तीन भाग होते हैं। केवल एक भाग ही सचेतन या जाग्रत है। 


मन का पहला भाग चेतन मन है। आप इस मन से ही परिचित हो। दूसरा भाग अचेतन है, और एक अन्य भाग भी अस्तित्व में है, अति अचेतन मन, परम अचेतन। ये हमारे दिमाग के तीन हिस्से हैं। यह बहुत हद तक भौतिक पदार्थ के समान है।


तो हमारे मन के तीन हिस्से हैं। जागते समय आप चेतन मन में रहते हैं; आप इस मन की मदद से चलते हैं, बात करते हैं और अन्य करते हैं। 


जब आप सोने जाते हैं, तो चेतन मन काम करना बंद कर देता है; जब आप सोने जाते हैं तो यह बंद हो जाता है।


फिर दूसरा भाग कार्य करना शुरू कर देता है, जो अचेतन मन की अवस्था है। इस अवस्था में आप सोच नहीं पाते, लेकिन कल्पना और सपने देख सकते हैं। पूरी रात आप  लगातार सपनों के आठ चक्रों से गुजरते हैं ।


निद्रकालीन जागरूकता | पतंजलि योग सूत्र | ओशो


ओशो कहते है की आप बस ऐसे सो जाते हैं जैसे कि नींद किसी प्रकार की अनुपस्थिति या अंधकार हो। ऐसा नहीं है, उसकी अपनी एक उपस्थिति है। नींद केवल जगाने का अभाव मात्र नहीं है। यदि ऐसा होता तो फिर ध्यान करने लायक कुछ भी नहीं बचता।


सपने की अपनी वैधता होती है। इसका अस्तित्व है, और इसका अस्तित्व वैसे ही है जैसा जाग्रत अवस्था का होता है। जब आप ध्यान करना शुरू करेंगे और सपनों के रहस्य आपके सामने खुलेंगे तो आपको पता चलेगा कि जागने के समय और सोने के समय में कोई अंतर नहीं है।


वास्तविकता और स्वप्न दोनों समग्र रूप से अस्तित्व में हैं। जागने के बाद नींद न सिर्फ आरामदायक होती है, बल्कि यह एक अलग तरह की गतिविधि भी है और इसीलिए सपने आते हैं।


जागरूकता के साथ सपने में जाने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि जब आप जाग रहे होते हैं तब भी आपको पता नहीं चलता है की आप असल में जागे हुवे है।। 


जागते समय भी, आप ऐसे चलते है जैसे कि आप गहरी नींद में हो; आप नींद में चलने वाले निद्राचारी है और बेहोश भी हैं। अत: प्रारंभ में सुस्पष्ट स्वप्न बड़ा कठिन लगता है।


गतिविधियों के माध्यम से होश का विकास करें 


दरअसल, आप बहुत सतर्क और जाग्रत नहीं हैं। सिर्फ इसलिए कि आपकी आंखें खुली हैं, यह मत सोचिए कि आप जाग रहे हैं। जागने का अर्थ यह है कि आप जो भी कर रहे हैं और पल-पल जो भी हो रहा है, उसे आप पूरी जागरूकता के साथ, पूरे ध्यान के साथ कर रहे हों।


ओशो कहते हैं, "अगर मैं आपकी ओर इशारा करने के लिए अपना हाथ उठाता हूं, तो मैं इसे सचेत रूप से उठाता हूं। यही कार्य आप मशीन की तरह, एक रोबोट की तरह करते है। हाथ हिलाते समय आपको पता नहीं चलता कि हाथ के साथ क्या हो रहा है। 


हकीकत में, आपने इसे बिल्कुल भी स्थानांतरित नहीं किया है। हाथ अपने आप ही हिल जाता है; यह अचेतन है। इस वजह से यह जानना कि आप सपने में कोई सपना देख रहे हैं, बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।


लेकिन अगर कोई प्रयास करता है, तो पहला अभ्यास यह है कि जब आप जाग रहे हों तो अधिक जागरूक हो जाएं। अभ्यास वहीं से शुरू करना होगा। सड़क पर चलते समय इस तरह सचेत होकर चलें जैसे कि आप कोई बहुत कीमती, बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे हों । प्रत्येक कदम पूरी चेतना के साथ उठाया जाना चाहिए। 


यदि आप ऐसा करने में सक्षम हैं, केवल तभी आप  जागरूकता के साथ एक सपने में प्रवेश करने में सक्षम हैं। वर्तमान में, आपके पास बहुत न्यून, बहुत धुंधली जागरूकता है।


अपने अंदर जागरूकता की ऊर्जा लाना


जिस क्षण आपका जाग्रत मन नींद में चला जाता है, वह धुंधली जागरूकता एक छोटी लहर की तरह गायब हो जाती है। इसमें कोई ऊर्जा नहीं बची है; यह धुँधला है, बस एक झिलमिलाहट है, शून्य वोल्टेज घटना की तरह।


आपको इसमें और अधिक शक्ति डालनी होगी, इतनी शक्ति कि जब जाग्रत मन गायब हो जाए, तो चेतना अपने आप बनी रहे - आप जागरुकता के साथ, सचेतनता के साथ सोते और सपने देख सकें। ऐसा तब हो सकता है जब आप अन्य काम भी ध्यानपूर्वक करेंगे। 


आप चलते हैं, आप खाते हैं, आप बात करते हैं, और आप स्नान करते हैं। आप दिनभर जो कुछ भी करते हैं वह होसपूर्ण होने के आंतरिक प्रशिक्षण का एक बहाना बन जाना चाहिए।


इस प्रकार कार्य का स्थान दूसरा हो जाता है, और कार्य द्वारा आई जागरूकता प्राथमिक गुण बन जाती है।


जब आप रात को सारी गतिविधियाँ छोड़कर सोने जाते हैं, तो वह जागरूकता तब भी जारी रहती है, जब आप सो रहे होते हैं। जागरूकता आपके सपने में साक्षी बन जाती है। तुम होशपूर्वक सो जाते हो।


साथ ही आपका शरीर नींद में डूबता चला जाता है। आप बस अपने मन का निरीक्षण करें। फिर, विचार लुप्त होने लगते हैं। आप विचारों के बीच अंतराल देखेंगे; धीरे-धीरे  दुनिया बहुत दूर, बहुत दूर चली जाती है।


आप अपने मन के आंतरिक तहखाने में, मस्तिष्क के अचेतन भाग में उतर रहे हैं। यदि आप होशपूर्वक सो सकें, तो सपनों में जागरूकता की निरंतरता बनी रहेगी।


हमारा मन जाग्रत अवस्था से स्वप्न की ओर कैसे जाता है?


ओशो का यही मतलब है जब वे कहते हैं, 'उस अनुभूति पर ध्यान करो जो नींद और सपने से आती है। और स्वप्न तुम्हें बहुत मूल्यवान ज्ञान दें सकता है क्योंकि उसमें तुम्हारी आंतरिक संपदा का भंडार होता है; जन्म-जन्मांतर का भंडार होता है।


सबसे पहले, जब आप जाग रहे हों तो सचेत रहने का अभ्यास करें। जब वह सचेतनता इतनी मजबूत हो जायेगी, तब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सा कार्य कर रहे हैं - वास्तव में सपने में चलना या हकीकत में चलना; कोई फर्क नहीं पड़ता। 


जब आप पहली बार जागरूकता के साथ, चेतना के साथ सोते हैं, तो आप देखेंगे कि आपके दिमाग के गियर कैसे बदलते हैं।


जब चेतना लुप्त होने लगेगी तो आपको झटका भी लगेगा; जाग्रत मन चला गया है, और एक और क्षेत्र; स्वप्न का साम्राज्य प्रारंभ हो रहा है। अंतर्संबंध के गियर बदल गए हैं। 


इन दोनों गियर के बीच बहुत छोटा अंतराल होता है जो निष्क्रिय गियर का होता है। जब भी गियर बदला जाता है; इसे मध्य मार्ग से गुजरना होगा। 


धीरे-धीरे, आपको न केवल गियर परिवर्तन के बारे में पता चलेगा, बल्कि दोनों के बीच के अंतर के बारे में भी पता चलेगा।


यदि आप इस ध्यान का अभ्यास करते हैं और सपनों के अपने आंतरिक स्वरूप के प्रति सचेत हो जाते हैं, तो विभिन्न चीजें घटित होंगी। पहली बात यह है कि धीरे-धीरे, जितना अधिक आप अपने सपनों के प्रति जागरूक और सचेत होते जाएंगे, उतना ही कम आप अपने दिन की वास्तविकता के प्रति आश्वस्त होंगे।


संसार स्वप्न है


इसीलिए भारतीय योगियों ने कहा कि यह संसार स्वप्न के समान है। अभी स्थिति बिल्कुल विपरीत है। क्योंकि आप अपने जागने के घंटों में दुनिया की वास्तविकता से इतना सहमत हो गए हैं कि जब आप सपने देखते हैं, तो आपको लगता है कि वे सपने भी असली हैं। 


जब सपना घटित हो रहा होता है तो पता ही नहीं चलता कि सपना झूठा है। जब कोई सपना शुरू हो रहा हो तो वह बिल्कुल वास्तविक लगता है। यह बहुत प्रामाणिक लगता है। बेशक, आप कह सकते हैं कि यह सिर्फ सुबह का सपना था। आप कह सकते हैं कि हे भगवान, यह तो महज एक सपना था, हकीकत नहीं।


लेकिन बात ये नहीं है क्योंकि अब दूसरा दिमाग काम कर रहा है। यह मस्तिष्क तो साक्षी ही नहीं था; इस मस्तिष्क ने केवल अफ़वाह ख़बरें ही सुनी थीं। यह चेतन मस्तिष्क सुबह उठकर कहता है कि यह सब सपना था, धोखा था। स्वप्न के दौरान यह मन बिल्कुल भी मौजूद नहीं था।


ऐसा ही होता है: जब अचेतन मन सपने बनाता है और उनमें भारी हलचल होती है, तो चेतन मस्तिष्क सो जाता है और केवल कुछ सूचनाएं सुनता है। 


सुबह वह कहता है: "यह सब एक मजाक था। यह सिर्फ एक सामान्य सपना था। खैर, हर बार जब आप सपना देखते हैं, तो आपको लगता है कि यह प्रामाणिक है। यहां तक ​​कि मूर्खतापूर्ण चीजें भी वास्तविक लगती हैं और अविश्वसनीय चीजें सच लगती हैं क्योंकि अचेतन मन कोई तर्क नहीं जानता।


सपने में आप सड़क पर चल रहे हैं और आपको एक कुत्ता आता हुआ दिखाई देता है और अचानक वह कुत्ता, कुत्ता नहीं रह जाता है। वह कुत्ता आपकी गर्लफ्रेंड बन जाति है।


पर यह देखने के बाद भी आपके दिमाग को कुछ भी ग़लत नहीं लगता। यह नहीं पूछता, "यह कैसे संभव है? वह कुत्ता अचानक मेरी प्रेमिका कैसे बन गयी?"


कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती, कोई संदेह उत्पन्न नहीं होता। अचेतन मन कोई संदेह नहीं जानता। ऐसी मूर्खतापूर्ण बात पर भी अवचेतन मन विश्वास कर लेता है। ठीक इसके विपरीत तब होता है जब आप सपनों के प्रति जागरूक हो जाते हैं। 


आपको ऐसा लगता है जैसे ये सिर्फ एक सपना है. कुछ भी सत्य नहीं है; वे सिर्फ मनो-नाटक हैं. आप थिएटर हैं, आप खिलाड़ी हैं और आप कहानी के लेखक हैं, आप बॉस हैं, आप प्रबंधक हैं और आप ही दर्शक हैं।


यहां कोई और नहीं, केवल मस्तिष्क की रचना है। जब आप इसे पहचान लेते हैं, तब आप जाग जाते हैं और पूरा विश्व अपनी गुणवत्ता बदल देती है। 


अंतिम विचार 

एक बार जब आप सपनों और नींद का रहस्य समझ जाते हैं तो यह बहुत, बहुत आसान हो जाता है। अन्यथा, यह बहुत ही जटिल, लगभग असंभव लगता है कि जब आप सो रहे हों तो कैसे जाने की आप सपना में है। 


यह अविश्वसनीय लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है। 


हर रात जब आप सोने जाएं तो सतर्क रहने का प्रयास करें। लेकिन याद रखें, सक्रिय रूप से सतर्क रहने की कोशिश न करें। नहीं तो तुम्हें नींद नहीं आएगी. जबरदस्ती सतर्क रहने की कोशिश न करें, बल्कि निष्क्रिय जागरूकता रखें।


तकनीक #2: पश्चिमी ओनरोलॉजिस्ट द्वारा विकसित

|| अध्याय 12 ||

वास्तविकता जांच (Reality Check in Hindi): सक्तिशाली विधि 

मूल रूप से, वास्तविकता जांच (reality check) एक स्पष्ट स्वप्न देखने की विधि है जिसमें  एक अभ्यासकर्ता अपने परिवेश के बारे में पूरी तरह से जागरूक हो जाता है और खुद से एक प्रश्न पूछता है: क्या मैं अभी सपना देख रहा हूं? क्या यह एक सपना है? मैं अभी कहां हूं और क्या कर रहा हूं?


वास्तविकता की जाँच एक व्यक्ति को वर्तमान क्षण में लाती है और उसे अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाती है। यह तकनीक उसे अपनी वास्तविकता के बारे में प्रश्न पूछना सिखाती है। 


यह विधि थोड़ी अजीब लग सकती है, हाँ। शुरुआत में आप इस तकनीक से असहज हो सकते हैं क्योंकि ऐसा काम आपने पहले कभी नहीं किया होगा। 


आपको इस तरीके को अपनी आदत बनानी होगी. हर एक घंटे या कुछ समय के अंतराल पर, आपको वास्तविकता का परीक्षण करना होगा। आपको एक प्रश्न पूछना है जैसे: क्या मैं अभी सपना देख रहा हूँ? ये सवाल अपने मन में पूछें, आपको ऊंचे स्वर में नहीं बोलना है।


यह मन का आंतरिक प्रशिक्षण है जिसमें आप अपनी वास्तविकता के बारे में प्रश्न पूछने की आदत बना रहे हैं।


मन में प्रश्न पूछते समय आपको अपने आस-पास के वातावरण का बहुत ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना होगा। अपने परिवेश के बहुत गहिराई से देखें। (दिमाग बहुत चालाक और धोखेबाज होता है.) यह आपको भ्रमित कर सकता है।


मन आपसे कहेगा,  "ओह मूर्ख, तुम क्या पूछ रहे हो; यह 100% निश्चित है कि यह कोई सपना नहीं है, यह वास्तविक जीवन है। तुम शरारती आदमी, ऐसे मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछकर मुझे परेशान मत करो, चलो अब मुझे ओवरथिंकिंग करने दो, परेशान मत करो। 


वास्तविकता जांच के प्रकार:


उँगलियाँ गिनना


उंगली-गिनती रियलिटी चेक स्पष्ट सपने देखने वालों के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली रियलिटी चेक विधियों में से एक है। इस विधि में आपको दिन में कई बार सचेत होकर अपनी उंगलियां गिननी होती हैं। गिनती करते समय आपको खुद से ये सवाल भी पूछने होंगे कि, "क्या मैं अभी सपना देख रहा हूं? क्या ये एक सपना है?"


जागते समय, जब भी आप अपनी उंगली गिनते हैं, तो आप हमेशा पाते हैं कि आपके पास पांच उंगलियां हैं। आपके हाथ में हर वक्त पांच उंगलियां होंगी, ये तो जाहिर सी बात है.


लेकिन सपनों के साथ ऐसा नहीं है, आमतौर पर सपनों में आपको अपने हाथ में पांच उंगलियां नहीं मिलेंगी। यदि आप सपने में अपनी उंगलियां गिनते हैं तो आपके हाथ में छे या सात उंगलियां आ सकती हैं। 


सपनों में चीजें हकीकत जैसी नहीं होतीं। आमतौर पर, सपनों में हमारा गिनती ठीक से काम नहीं करता है क्योंकि नींद के दौरान चेतन मन बंद हो जाता है।


इसलिए, यदि आप जागते समय नियमित रूप से 'उंगलियों की गिनती का रियलिटी चेक' करते हैं, तो धीरे-धीरे यह आपकी आदत में बदल जाता है, और यह आदत आपके सपने में भी आ जाती है। 


सपने में भी आप उन्हीं अंगुलियों की गिनती का रियलिटी चेक करते हैं और सपने में छे अंगुलियां देखकर आप हैरान रह जाएंगे। बिंगो! उसी क्षण, आप अपने स्वप्न में सचेत हो जायेंगे।


इसलिए, इस पद्धति की एकमात्र आवश्यकता आपके जागने के समय के प्रत्येक घंटे में एक या दो बार वास्तविकता की जांच करना है। 


रियलिटी चेक करते समय, अपने और अपने आस-पास के प्रति पूरी तरह सचेत और जागरूक रहें। इसे पूरी सजगता से, पूरी जागरूकता से करें।


हथेली में उंगली घुसाना


अब, यह मेरा पसंदीदा सुस्पष्ट स्वप्न वास्तविकता परीक्षण है। मैंने इस तकनीक के माध्यम से कई सफल स्पष्ट स्वप्न देखे हैं। मेरा विश्वास करें, "उंगलियों को गिनना और उंगली को हथेली से धकेलना" तकनीक शुरुआती और उन्नत स्पष्ट सपने देखने वालों दोनों के लिए बहुत अच्छी तरह से काम करती है।


इस विधि में, जागते समय एक घंटे में दो बार अपनी एक हाथ की उंगली को दूसरे हाथ के हथेली से गुजारने का प्रयास करें। अपनी उंगलि को अपनी हथेली में घुसाने का प्रयास करें, यह विश्वास करते हुए कि आपकी उंगली हथेली से होकर गुजर जाएगी। 


इस विधि को करते समय एक प्रश्न भी पूछें, "क्या मैं अभी सपने में हूं?" 


यह निश्चित है कि, जागते समय, किसी भी सूरत में आपकी उंगली आपके हथेली से नहीं गुजरेगी। 


लेकिन, आप सपने में इस विधि को करने की आदत बना रहे हैं। और सपने में जब आप अपनी उंगली को हथेली से गुजारने की कोशिश करेंगे तो वह जरूर उसमें से निकल जाएगी और अगर ऐसा होता है तो आपको पता चल जाएगा कि आप सपना देख रहे हैं। 


चूँकि आपके सपनों का शरीर ठोस नहीं है, यह शरीर आपके दिमाग का अनुकरण है; इसलिए आपकी उंगली हथेली से गुजर जाएगी।


यहां मुख्य बात यह है कि इस विधि को अपनी आदत बना लें, तभी यह तकनीक आपके सपनों में साकार हो सकेगी। इस पद्धति को आदत बनाने में थोड़ा समय लगता है, शायद 2 से 3 महीने। यह व्यक्ति दर व्यक्ति पर निर्भर करता है।


हवा में उछलना


सुस्पष्ट स्वप्न देखने के लिए वास्तविकता की जाँच करने के लिए उछलना थोड़ी अजीब तकनीक है। सार्वजनिक रूप से, आपको इस विधि को करने में कठिनाई होगी क्योंकि आप अपने दोस्तों के सामने या कार्यालय में बिना किसी कारण के नहीं कूद सकते। 


अगर आप अपना ज्यादातर समय घर पर ही बिताते हैं तो यह तरीका आपके लिए है। अन्यथा, आप ऊपर या नीचे उल्लिखित वास्तविकता जांच की अन्य तकनीक अपना सकते हैं।


इस विधि में एक या दो बार हवा में छलांग लगाने का प्रयास करें। तुम्हें यह पहले से ही पता है कि जब तुम कूदोगे तो निश्चित रूप से यदि तुम जागे हुए हो तो तुम धरती पर आ जाओगे। यह स्पष्ट है। 


लेकिन जब आप सपने में छलांग लगाएंगे तो आप धरती पर लौटने की बजाय हवा में ही तैरते रहेंगे और मुश्किल से ही धरती पर पहुंच पाएंगे। 


सपनों में, गुरुत्वाकर्षण वास्तविक दुनिया की तरह ठीक से काम नहीं करेगा। और सपने में अगर आप खुद को हवा में तैरता हुआ पाते हैं तो इससे आपको आभास होगा कि आप सपने में हैं।


हालाँकि हवा में कूदना अजीब लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में काम करता है। यह तकनीक सभी के लिए नहीं है। केवल इस पद्धति का तभी पालन करें, यदि आप दिन में कई बार इस वास्तविकता की जांच करने में सक्षम हैं। 


यदि आप इसे दिन में केवल एक या दो बार ही करते हैं, तो मुझे यकीन है कि यह आपके लिए काम नहीं करेगा। आपको इसे दिन में कई बार करना होगा और याद रखना होगा कि यह निरंतरता की मांग करता है।


अपनी नाक बंद करना


यह भी बहुत शक्तिशाली वास्तविकता जांच के तरीकों में से एक है। इसे कोई भी किसी भी स्थान और स्थिति में कर सकता है। यह 'हवा में कूदना' विधि की तरह अजीब या कठिन नहीं है।


इस विधि को आपको दिन में 10 से 30 बार करना है। इस में बस अपनी नाक को अपने हाथों से बंद करें या दबाएँ, और साँस लेने का प्रयास करें। अपने नासिका छिद्रों से हवा खींचने का प्रयास करें। 


यदि आप वास्तविक दुनिया में हैं, तो आप सांस नहीं ले पाएंगे क्योंकि आपने अपनी नासिका बंद कर रखी है।


लेकिन अगर आप सपने में हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप अपनी नाक बंद किए हैं या खुली रखी है, आप फिर भी अपनी बंद नासिका से सांस ले सकते हैं। ज्यादा देर तक नाक बंद करने पर भी आपको घुटन महसूस नहीं होगी।


याद रखें, इस रियलिटी चेक को करते समय आपको खुद से यह भी पूछना है कि "मैं कहां हूं? क्या यह एक सपना है? इससे आपके रियलिटी चेक को बढ़ावा मिलता है।"


इस रियलिटी चेक को करने की आदत डालें ताकि यह आपके अवचेतन मन में बैठ जाए और आप सपने में भी इस विधि को स्वचालित रूप से करने लगे।


अक्षर को पढ़ने के प्रयास करे


अक्षर पढ़ना वास्तविकता जांच एक बहुत ही पसंदीदा तरीका है। आप यह अभी कर सकते हैं. मुझे पता है, अभी आप यह किताब पढ़ रहे हैं। इसलिए एक वाक्य को बहुत ध्यान से, बहुत सचेत होकर पढ़ें। 


एक वाक्य पढ़ने के बाद उसी वाक्य को दोबारा पढ़ें और जांचें कि अक्षर बदले हैं या नहीं। 


अगर आपको ऐसा लगता है कि दूसरी बार कुछ शब्द बदले गए हैं तो हो सकता है कि यह सपना हो, हो सकता है कि आप अभी सपना देख रहे हों। आमतौर पर ऐसा सपने में ही होता है.


तो अनुरूपता के लिए, किसी भी वाक्य को एक बार फिर से पढ़ें। इसे पढ़ने के बाद दोबारा वही वाक्य पढ़ें। यदि आप पाते हैं कि वाक्य दूसरी बार भी बिल्कुल वैसा ही है, तो निश्चिंत रहें कि आप अभी जाग रहे हैं, यह वास्तविक दुनिया है, कोई सपना नहीं।


इस वास्तविकता परीक्षण विधि को दिन में कई बार करें। जब भी आप सड़क पर कोई शब्द, किताब या होर्डिंग बोर्ड पढ़ें तो उसे दो बार पढ़ें और शब्द की शुद्धता देखें। अगर आपको कुछ भी गलत या अजीब लगता है तो यह एक सपने का संकेत है।


घड़ी पर समय देखना


समय और सपने एक साथ मौजूद नहीं रहेंगे। आप कभी भी सपने में सही समय का पता नहीं लगा पाएंगे. यह एक बेहद सफल रियलिटी चेक तकनीक है. 


यह हर व्यक्ति के लिए काम करता है और 100% काम करता है। यह तरीका आपको कभी धोखा नहीं देगा।


इस तकनीक में, अपने जागने के घंटों में, जब भी आप समय देखने के लिए घड़ी देखते हैं, तो आपको उसे दो बार देखना होता है। आम तौर पर जब आपको समय देखना होता है तो आप उसे एक ही बार देखते हैं और यह अच्छा है। लेकिन इस विधि का अभ्यास करते समय आपको दो बार समय देखना होगा। 


सबसे पहले समय देखें और याद रखें कि समय कितना हुवा है। कुछ सेकंड के बाद, फिर से घड़ी को देखें, यदि आप पाते हैं कि समय आश्चर्यजनक रूप से बदल गया है, तो आप सपने में है। मेरा मतलब है कि सबसे पहले आप देखते हैं कि घड़ी में 1:00 बजे है और दूसरी बार आप देखते हैं कि यह 8:00 बजे है; तो यह एक सपना है.


सपने में घड़ियाँ बहुत अजीब तरह से दिखती हैं। आप कभी भी घड़ी को सही स्थिति में नहीं देखते हैं। और सपने में लोगों को समय का सही से पता नहीं चल पाता है। हर बार जब आप घड़ी देखेंगे तो आपको अलग-अलग समय नजर आएगा। 


चूँकि स्वप्न के समय चेतन मस्तिष्क कार्य नहीं कर रहा होता है, इसलिए घड़ी पर सही समय देखना बहुत कठिन होता है, चाहे वह हाथ की घड़ी हो या दीवार घड़ी।


लोगों के चेहरों को ध्यानपूर्वक देखना


मुझे पूरा यकीन है कि जागते समय जब आप किसी का चेहरा देखते हैं, तो आप सचेत रूप से नहीं देखते हैं। आप लोगों के चेहरों को विस्तार से नहीं देखते है। इसका कारण यह है कि आपकी चेतना का स्तर कम है और आप हर समय सोचते रहते हैं। 


सबसे पहले तो मैं आपको यह बता दूं कि आमतौर पर सपने में; सपनों के किरदारों के चेहरे धुंधले नजर आते हैं. मुख्यतः सपने में हमारे आस-पास की चीज़ें धुंधली रहती हैं। 


चूँकि हम सपनों के प्रति बहुत सचेत नहीं हैं, सपनों के सभी तत्व स्पष्ट नहीं दिखते है। अगर आप सपने में थोड़ा सचेत हो जाएं तो इस धुंधलेपन को आसानी से पहचान सकेंगे।


इसलिए जागते समय आपको लोगों और अपने आस-पास की चीज़ों को विस्तार से देखना होगा, आपको सचेत होकर लोगों के चेहरे देखने होंगे। 


अगली बार जब आप अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी से बात करें तो अपना पूरा ध्यान उसी पर रखें। देखें कि वह आपसे किस तरह बात कर रही है, उसके चेहरे के हाव-भाव पर ध्यान दें। 


यदि आप सड़क पर चल रहे हैं, तो जाहिर तौर पर आपके सामने बहुत से लोग होंगे, लेकिन याद रखें कि आपको उन लोगों को सचेत होकर देखना होगा।


नोट: कृपया लोगो को घूर ने का प्रयास न करे। आगर आप ऐसा करेंगे तो लोग गुस्सा हो जायेंगे।


जल्द ही आप सपनों में भी अपने आस-पास की चीज़ों को बहुत सजगता से देखना शुरू कर देंगे। और यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको धुंधलापन दिखाई देगा, इससे आपको सपनों में स्पष्टता लाने में मदद मिलेगी।


अपने आप को आईने में देखो


अगर आपने MATRIX फिल्म देखी है तो आपने देखा होगा कि फिल्म का शीशा काफी अजीब और विचित्र लगता है। दर्पण में प्रतिबिम्ब भयावह दिखता है। 


इसका कारण यह है कि सपने में प्रकाश या प्रतिबिंब की अनुभूति ठीक से काम नहीं करती है। आपको इस बात का फायदा उठाना होगा.


दिन के समय यदि आप दर्पण में अपना चेहरा देखें तो उसे अच्छे से देखें और देखें कि दर्पण में आपका चेहरा सामान्य दिखता है या नहीं। अगर आपका चेहरा शीशे में सामान्य दिखता है तो कोई बात नहीं, आप सपने में नहीं हैं. 


लेकिन सपने के आईने में आपका चेहरा सामान्य नहीं दिखता. आपको स्वप्न दर्पण में अपना चेहरा हमेसा विकृत या असामान्य दिखेगा।


तो इस विधि में आपको दिन में कई बार अपना चेहरा शीशे में देखना है और बहुत ध्यान से देखना है। जब भी आप दर्पण में अपना चेहरा देखें तो मन ही मन खुद से कहें, "क्या मेरा चेहरा ठीक लग रहा है? क्या यह कोई सपना है?"


गणित गणना


अगर आप छात्र या शिक्षक हैं तो यह तकनीक आपके लिए सबसे अच्छा काम करेगा। इस रियलिटी चेक विधि में समय-समय पर आपको कुछ बुनियादी गणित गणनाएं करनी होती हैं। आप गणना मन में या कागज के टुकड़े पर कर सकते हैं, इसे मन में करना बेहतर होता है। 


आपको कुछ सरल गणनाएँ करनी होंगी जैसे 13 + 6 बराबर 19 या 11 + 9 बराबर 20. जब आप एक सुस्पष्ट स्वप्न के लिए इस वास्तविकता जाँच पद्धति को अपनाते हैं तो आपको हर बार दो से तीन गणनाएँ करनी होती हैं। 


यदि आप इन गणित गणनाओं को सही ढंग से करने में सक्षम हैं, तो आप वास्तविक दुनिया में हैं, लेकिन यदि आप गणना करने में विफल रहते हैं या यदि आपको गणना करने में कठिनाई होती है, तो आप एक सपने में हो सकते हैं।


सुनो, गणना या गणित का कार्य मस्तिष्क का चेतन भाग करता है। लेकिन सोते समय ये दिमाग बंद रहता है. तो सपने में आपको गणित की ये गणनाएं करने में दिक्कत जरूर आती है।


ध्यान दें: 1 + 1 = 2 या 2 + 2 = 4 जैसी बहुत सरल गणनाएँ न करें।


यदि आप ये सरल गणनाएँ करते हैं, तो आपको सपने में सही उत्तर मिल सकता है, या आप आसानी से अपने मस्तिष्क में ये गणनाएँ करने में सक्षम हो सकते हैं। 


ऐसा इसलिए है क्योंकि ये बहुत ही सरल गणनाएँ हैं और आपका अवचेतन मन अपनी सरलता के कारण इस प्रकार के प्रश्न का उत्तर पहले से ही जानता है।


इसलिए हर बार जब आप अपना असाइनमेंट कर रहे हों या अपनी गणना का काम कर रहे हों, तो इस तकनीक का प्रयोग करें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रतिदिन इसका अभ्यास करते रहें।


घूमता हुआ फिजेट स्पिनर


खाली और उबाऊ समय में फिजेट स्पिनर को घुमाना एक बहुत ही अच्छा और मजेदार काम है। आपको आश्चर्य हो सकता है कि क्या इससे मुझे स्पष्ट स्वप्न उत्पन्न करने में भी सहायता मिलती है।


और इसका उत्तर है हाँ, यह भी स्पष्ट स्वप्न उत्पन्न करने में मदद करता है।


यह फिजेट स्पिनर तकनीक फिल्म इन्सेप्शन में कोब के टोटेम के समान है। 


इंसेप्शन मूवी पूरी तरह से स्पष्ट सपने देखने पर आधारित है। अगर आपने अब तक यह ब्लॉकबस्टर फिल्म नहीं देखी है तो फिर देर किस बात की? 


जाइए और इस फिल्म को देखिए, इस फिल्म से आपको स्पष्ट सपनों को तेजी से सीखने की प्रेरणा मिलेगी। 


इस विधि के लिए आपको बाजार से एक फिजिट स्पिनर खरीदना होगा। इस स्पिनर को हर समय अपने पास रखें। और हर घंटे इस स्पिनर को घुमाएं. 


अगर स्पिनर कुछ सेकंड के बाद अपने आप रुक जाता है तो आप कोई सपना नहीं देख रहे हैं लेकिन अगर ये फिजिट स्पिनर काफी देर तक घूमता रहता है या फिर रुकता नहीं है तो तैयार हो जाइए आप सपने में हैं।


अंतिम विचार

वास्तविकता की जांच के ऊपर उल्लिखित सभी तरीके स्पष्ट सपनों को प्रेरित करने के बहुत शक्तिशाली तरीके हैं। आप उपरोक्त तकनीकों में से किसी एक को अपना सकते हैं और आपको चुनी गई तकनीक का नियमित रूप से निरंतर अभ्यास करना होगा।


आप एक से अधिक तरीकों का भी अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन शुरुआत में किसी एक तरीके को अपनाने का प्रयास करें। 


एक बात और, उन तकनीकों को चुनें जो आपके अनुकूल हों, ताकि आप दिन में कई बार उनका अभ्यास कर सकें। ऐसी तकनीक न चुनें जिसका अभ्यास करना आपके लिए कठिन हो। 


याद रखें कि आपको माइंडफुलनेस मेडिटेशन का भी अभ्यास करना है। अपनी चेतना के स्तर को बढ़ाये बिना आप सुस्पष्ट स्वप्न देखने में सफल नहीं हो सकेंगे।


|| अध्याय 13 ||

WILD Technique : वह विधि जो आपको जाग्रत अवस्था से सीधे स्पष्ट स्वप्न में ले जाएगी

WILD विधि का पूरा नाम Wake Induced Lucid Dream Technique हैं। हम इस विधि को तीन चरण में समझेंगे और ये तीन चरण इस प्रकार है:-


  • शरीर को शीथिल करना
  • मन को शांत और स्थिर करना
  • Hypnogogia को होसपूर्वक अवलोकन करना


शरीर को शीथिल करना


जब आप दिनभर के सारे क्रियाओं को छोड़कर सोने जाते हैं तो उस वक्त आपका शरीर पूर्ण रुप से सोने के लिए तैयार नहीं होता है। शरीर के बहुत सारे हिस्सों में तनाव रहता है। पहले आपको शरीर के सभी तनाव को शांत करना होगा।


एक शांत मन और शरीर ही शांत और प्रभावशाली सपने विकसित करते हैं। यदि आपका सरीर शिथिल नहीं होगा तो मन को शांत करने में कठिनाई आएगी। तो शरीर के जिस जिस हिस्से में तनाव है उसे ढीला छोड दीजिए।


पैर में खिंचाव है तो उसे ढीला छोड़ें। शरीर के किसी हिस्से में ज्यादा दबाव पड़ रहा है तो उसे कम कीजिए। सोने का एक सही तरीका होता है, उसी सही तरीका से सोए। पेट के बल ना सोए।


धीरे-धीरे शरीर को ढीला, और ढीला छोड़ते जाए। लंबी और गहरी सांस लीजिए। शरीर के जिस हिस्से में आपको खिंचाव महसूस हो रहा है उस हिस्से में अपना ध्यान ले जाए। ध्यान को थोड़ी देर वहां रखिए और फिर शरीर के दूसरे हिस्से में ध्यान को ले जाए।


यदि किसी हिस्से में दर्द हो रहा है तो उस हिस्से में अपनी ध्यान को केंद्रित कीजिए। इस तरह अपने शरीर को एकदम शांत और सिथिल करना है।


मन को शांत और स्थिर करना


बहुत सारे लोगों को सोने से पहले सोचने और कल्पनाएं करने की आदत होती है। बहुत सारे लोगों के लिए सोचना एक लत बन गया है। नींद बिल्कुल खो चुकी है। अमेरिका में 40% लोगों को इनसोम्निया की बीमारी हो गई है। 


वह स्लीपिंग पिल्स के बिना सो नहीं सकते हैं। यह मन इंसान को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ता। दिनभर अपने जाल में उलझा कर तो रखता ही है और सोने के समय में भी इंसान को पकड़े रहता है।


हमें सोचना अच्छा लगने लगा है। हम कल्पना में जीना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि वास्तविकता हमारी इच्छा के अनुसार नहीं होता है इसलिए हम कल्पनाओं में जीने के आदी हो गए हैं।


पर यह कोई समाधान तो नहीं है। इसके उलट सोचने से, कल्पना करने से, और बहुत सारी ऊर्जा नष्ट होती है। मैं आपको बता दूं कि मात्र 15 मिनट सोचने से उतना ही ऊर्जा नष्ट होता है जितना कि एक घंटा खेत खोदने में होती है। मगर आप तो पूरा दिन ही सोचते रहते हैं। बहुत थोड़ी ही ऐसे परिस्थितियां होती है जिसमें आपको सोचना जरूरी होता है। बाकी समय में तो आप व्यर्थ ही सोचते रहते हैं।


इस तरह से आप लुसिड ड्रीम कभी नहीं अनुभव कर पाएंगे। आप जागने के समय में ही जागे हुए नहीं है तो सोने के दौरान कैसे जागेंगे आप।


आप दिन में भी यूं चलते फिरते हैं जैसे आप नींद में चल रहे हो। कोई होश नहीं होता। कहने को तो आप सड़क पर चल रहे होते हैं पर आप सड़क पर बिल्कुल भी नहीं होते हैं। आप अपने ख्याली दुनिया में कहीं खोए हुए रहते हैं। 


जब आप सारी क्रियाएं गिरा कर सोने जाते हैं तब भी मन दौड़ता रहता है। क्योंकि मन दिनभर दौड़ता रहा है इसलिए वह दौड़ने का आदि हो गया है। अब यह आपके वस में ना रहा। आप गुलाम हो गए हैं मन के। 


हुआ, अब बहुत हुआ, यह मन आपको बहुत नाच नचाया है। अब समय आ गया है मन को अपने मुताबिक चलाने का। मन पर विजय प्राप्त किए बिना कोई किसी चीज में सफल नहीं हुआ है।


अपने मन को समझिए (Understanding The Thinking Mind)


तो मान लीजिए कि आप सोने के लिए गए हैं और मन आपको सोने नहीं दे रहा है। सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि मन आपको क्यों सोचने पर मजबूर कर रहा है।


देखिए मन सीधे-सीधे आपको सोचने पर मजबूर नहीं करता है। बल्कि आप मन को सोचने के आजादी देते हैं। क्योंकि आपको सोचने में मजा आ रहा होता है। इसलिए आप मन को सोचने देते हैं। आपको समझना होगा कि कल्पनाएं भ्रम के अलावा और कुछ भी नहीं है। आप मन को ऊर्जा देते हैं इसलिए मन सोचता चला जाता है।


अब आपको इसे ऊर्जा नहीं देना है। यदि आप मन को ऊर्जा नहीं देंगे तो धीरे-धीरे मन कमजोर होने लगेगा।


जब भी कोई विचार आए तो आप उसमें मत उलझो। उस विचार के साथ मत बहो। उस विचार को देखो और जाने दो।


क्योंकि यह मन बहुत चालाक और पाखंडी है। यह आपको बहुत सुंदर सुंदर विचार के Ideas देगा। आपको मजबूर करेगा ज्यादा से ज्यादा सोचने पर। आप मेरे बात को स्मरण रखना, आप मन को सोचने के लिए ऊर्जा मत देना। 


अपने स्वांस पर ध्यान लगाए 


आप यह छोटे छोटे कल्पनाओं के नदी नालों में मत उलझना, आपको तो लुसिड ड्रीम जैसा महासागर को अनुभव करना है। अगर विचारों को छोड़ना आपको मुश्किल लगे तो आप अपने सांसो पर ध्यान लगाना। 


अपने आते जाते स्वासो को देखो। उसे महसूस करो। स्वास पे ही ध्यान को केंद्रित करो। इसका अभ्यास रोज आपको सोने से पहले लेटे हुए करना है। स्वास के ऊपर ध्यान लगाते रहने से यह ध्यान इतना गहरा हो जाएगा कि किसी रात ऐसा आएगा जब आप इसी ध्यान को नींद में ले जा सकेंगे। 


आपके होश इतना सघन हो जाएगा कि आप सांसों के सहायता से होश को सपने में आसानी से ले जा सकेंगे। और जिस दिन आप ऐसा कर पाएंगे उस दिन आपको बहुत सारी चीजों का पता चलेगा।


आप पहली दफा जान पाएंगे कि नींद कैसे आता है। आप जान पाएंगे कि नींद आप पर कैसे हावी होता है।

 

जिस दिन आप नींद को जानोगे उस दिन आपको पता चलेगा कि सोने और जागने में कोई भेद नहीं है। हमारे वास्तविक संसार भी आपको सपने जैसा ही मालूम पड़ेगा। तब जागने में चलना और नींद में चलना दोनों में कोई अंतर नहीं होगा।


इस पर पतंजलि कहते हैं कि सपने आपको बहुत ज्ञान दे सकती है। आप सपनों के सहायता से बहुत सारे चीजों को जान सकेंगे। आप अपने आप को जान पाएंगे। आप अपने बुरी आदतों को छोड़ सकेंगे।


सांसो पर ध्यान रखते हुए होश पूर्वक नींद में जाने के अलावा एक दूसरा भी तरीका है जिससे आप होस सहित सपनों में जा सकते हैं। और वह विधि का नाम है हिप्नगोगिया।


हिप्नगोगिया (Hypnogogia) को होसपूर्वक अवलोकन करना


रोज रात आप सोते हैं। रोज आप नींद में जाते हैं। पर मैं अच्छे से जानता हूं कि आपने कभी भी hypnogogiya पर ध्यान नहीं दिया होगा। शायद थोड़ा बहुत आप जानते भी होंगे पर इसे पढ़कर आप इसके के बारे में काफी कुछ जान जाएंगे।


 Hypnogogiya, स्पष्ट सपने में जाने का एक सीधा और शॉर्टकट रास्ता है। मगर इसे प्रयोग करने से पहले आपको अपने जागरूकता के स्तर को बढ़ाना होगा। यदि आपके जागरूकता कमजोर है तो शायद आप इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। इस प्रयोग को सोते वक्त करना है।

 

 जब आप सोने जाते हैं तो आप एकदम से नींद में नहीं जाते हैं। धीरे-धीरे आपकी चेतना खोती जाती है और नींद आप पर हावी हो जाता है। नींद एक बहुत बड़ी प्रक्रिया है और बड़े मजे की बात है कि लोग इस पर कभी ध्यान ही नहीं देता। 

 

Hypnogogiya नींद आने के पहले की अवस्था है जिसमें बंद आंखों के अंदर आपको बहुत सारे चित्र और आकृतियां दिखाई देगा। आप भिन्न-भिन्न किसिम के आवाज भी सुन और महसूस कर सकते है। इसमें आपको करना यह है कि आपको उन चित्र और आवाज पर ध्यान देना है। आपको होश पूर्वक उन आकृतियों पर एकाग्र करना है।


दरअसल यह जो चित्र और आकृतियां है, यही बाद में कुछ समय के पश्चात सपने में विकसित हो जाएंगे। इसीलिए यदि आप इन चित्रों और आकृतियों पर ध्यान देंगे तो आपका ध्यान बना रहेगा। 


आपका ध्यान कहीं खोएगा नहीं। और जब यही चित्र और आकृतियां सपने में विकसित हो रहे होंगे  तो आपका होश सधता रहेगा और जब यह चित्र पूरी तरह से सपने में विकसित हो जाएंगे तब भी यह होश बना रहेगा और आप सीधे ही लूसीड ड्रीम में प्रवेश कर जाएंगे।


ध्यान रहे, सोते वक्त आपको पूरे तल्लीन होकर इस हिप्नगोगिया पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आप अपने विचार में मत खो जाना। यदि सोते वक्त आप विचार करेंगे तो आप इससे चूक जाएंगे। 


आप hypnogogiya पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। जब आप सो रहे होंगे तब आपके मन आपको विचारों में उलझाने का कोशिश करेंगे लेकिन आप पूरे होश के साथ अपने मन को देखते हुए मन में आने वाले विचारों को सद्भाव से देखते हुए उसे जाने देना। उस में फसना मत और अपने hypnogogiya पर ध्यान को बनाए रखना।


पांच घंटे के नींद के बाद 10 मिनट के लिए बीच में उठना


मैने यह विधि के बारे में पिछले अध्याय में भी बताया था। एक बार फिर से बता देता हूं। इस अध्याय में जो मैंने तीन विधियों के बारे में बताया है उन विधियों को आप सोते वक्त तो प्रयोग करेंगे ही लेकिन आप यिनका प्रयोग सोने के 5 घंटे बाद जाग कर फिर से प्रयोग कर सकते हैं। 


इस से फायदा आपको यह होगा कि आप इन विधियों का दो बार एक ही रात में प्रयोग कर पाएंगे और इससे लुसिड ड्रीम में जाने का संभावना बढ़ जायेगा। 


तो आपको इसमें करना ये होगा कि जब आप सोने जा रहे होंगे रात को तो आप अपने मोबाइल में 5 घंटे बाद के अलार्म लगा लीजिए। पांच घंटे बाद जब अलार्म बजेगा तो आप उठ जाइए। उठ कर कम से कम 10 मिनट तक आप जागे रहना। 


इस वक्त आप कुछ ऐसा कीजिए जिससे आपका फोकस बढ़ सके। जाग कर आप सपने को याद कीजिए और सपने याद आते ही डायरी में लिख लीजिए। 10 मिनट जागने के बाद आप फिर से सो जाए। सोते वक्त एकदम से नहीं सो जाना। आपको ऊपर दिए गए बिधिवों को फिर से प्रयोग करना है। आप फिर से अपने hypnogogiya को देखते हुए सोना। अपने मन में विचार को आने मत देना।


रात को बीच में उठना बहुत मुश्किल और पेचीदा होता है। सुरूवत में आपको यह बहुत मुश्किल और कठिन लगेगा। पर यह विधि बहुत कारगर है। यदि आप रात को बीच में उठेंगे 5 घंटे बाद और फिर से सोने जाएंगे तो बहुत ज्यादा संभावना है कि आप सीधे स्पष्ट सपने में जा पाएंगे। 


क्योंकि जब आप नींद के दौरान उठ जाते हैं तो आपका होश वापस आ जाता है। उसी होश के साथ जब आप फिर से सोने जाएंगे तो वह होश आपकी नींद में प्रवेश कर जाएगा। पर इसके लिए आपको कुछ दिन या फिर महीने का अभ्यास लगेगा।


स्पष्ट सपने में जाने के एक खाश टिप


अंक गिनते हुवे स्पष्ट सपने में जाने की विधि

(Numbers Counting Technique for Lucid Dream in Hindi)


इस विधि को भी बिस्तर पर लेटे हुए ही करना है। सबसे पहले पांच से आठ बार गहरी सांस लीजिए और अपने मन को शांत और स्थिर कीजिए। दिन भर के भागदौड़ के कारण हमारा मन एकदम अशांत और सुस्त हो जाता है। इसलिए लंबी और गहरी सांसे लेने से मन शांत होने लगता है और दिमाग में ज्यादा ऑक्सीजन जाने से सजगता बढ़ने लगती है।


जब आप कम से कम 8 बार तक गहरी सांसे ले लेंगे तब आपको अपने आंखें बंद करनी है और नंबर्स को गिनना शुरू करना है। ध्यान रहे कि नंबर्स को सीधे-सीधे नहीं गिनना है। आपको नंबर को कुछ इस तरह से गिनना है, जैसे की, 


--> १- मैं सपना देख रहा हूं।

--> २- मैं सपना देख रहा हूं।

--> ३- मैं सपना देख रहा हूं।

--> ४- मैं सपना देख रहा हूं।

--> ५- मैं सपना देख रहा हूं। 


इस तरह आपको नंबर को गिनते चले जाना है और साथ ही ' मैं सपना देख रहा हूं ' भी दोहराना है। तब तक गिनना है जब तक कि आपको नींद ना आ जाए।


बहुत बार ऐसा होगा कि नंबर्स को गिनते समय आपका मन नंबर से भटक जाएगा और किसी दूसरे चीज के संबंध में सोचने लगेगा। या फिर ऐसा भी होगा कि आप गिनती को बीच में ही भूल जाएंगे क्योंकि होस खोने लगेगा।


पर आप ऐसा होने मत देना। इस प्रयोग को कम से कम 5 से 10 मिनट तक आपको करना होगा। इस अभ्यास को करने से धीरे-धीरे आपका शरीर नींद में जाने लगेगा पर नंबर को गिनते रहने के कारण आपका दिमाग होश में रहेगा।


जब शरीर पूरी तरह नींद में चला जाएगा और सपने बनने लगेंगे तब आप सपने को बनते हुए देख पाएंगे। यदि आप सपने को निर्मित होते हुए देखने में समर्थ हो गए तो आप आसानी से सपने में जागरूक रह सकेंगे। तब यह अपने आप में बहुत बड़ी चीज होगी, इतनी बड़ी चीज की इससे आपकी पूरी जिंदगी बदल जाएगी।


अंतिम बिचार 

Wake Induced Lucid Dream Technique (WILD) का प्रयोग आपको तीन चरण में करना है। सबसे पहले लेटे हुए आपको अपने शरीर को शिथिल करना होगा। यदि शरीर के किसी हिस्से में तनाव और खिंचाव है तो उसे आराम करना होगा। फिर आपको अपने मन को विचार रहित करना होगा। यदि आप के मन में विचार चल रहा है तो उसे ध्यान पूर्वक, होश पूर्वक उसे देखें। जब आप अपने विचार को देखेंगे तो विचार आना बंद हो जाएगा। 


इस तरह से आपको अपने मन और शरीर को रिलैक्स और आराम करना होगा। फिर आपको बंद आंखों के भीतर दिखाई देने वाले चित्र और आकृतियों पर फोकस करना होगा।


|| अध्याय 14 ||

MILD Technique: डॉक्टर स्टीफ़न लाबर्ज द्वारा विकसित सरल विधि 

MILD का पूरा नाम Mnemonic Induction of Lucid Dream in Hindi है। यह एक एसी विधि है जिसमें आप अपने आपको बार बार सुझाव देते है की आज रात मुझे हर हाल में स्पष्ट सपना देखना ही है।


यदि आपका इच्छा सकती प्रगाढ़ है तो इस तकनीक के जरिए आप जब चाहे तब जागरूक सपने देख सकते है। बहत ही कारगर विधि है ये। माइल्ड विधि को Dr. Stephen Laberg द्वारा विकसित किया गया है।


माइल्ड विधि को सफलतापूर्वक प्रयोग करने के लिए आपमें कुछ बिशेस प्रकार के छमता होनी चाहिए। जैसे की:-


1. आपमें इच्छा करने की छमता प्रबल होनी चाहिए।

2. आपको प्रथनावो में विश्वास होनी चाहिए।

3. आपको रियलिटी चेक तकनीक का पता होनी चाहिए।

4. आपमें धर्य और आपके पास पर्याप्त समय होनी चाहिए।

5. आपमें सोने से पहले व्यर्थ सोचने की लत नही होनी चाहिए।


यदि आपके पास उपर दिए गए छमताओ में से कोई छमता नहीं है तो आप उसे विकसित कर सकते है। लेकिन याद रहे की आपमें इन कौशल का होना आवश्यक है।


माइल्ड विधि सुरु करने से पहले आपको कुछ गोल सेट करने होंगे या कहे की आपको Reality Check के लिए अपने मेमोरी को ट्रेन करना होगा। माइल्ड और रियलिटी चेक ये दोनो स्पष्ट सपने के विधियां है और जब इन दोनो का प्रयोग एक साथ किया जाता है तब स्पष्ट सपने को आसानी से सीखा जा सकता है।


Prospective Memory Training for Lucid Dream in Hindi


इस क्रिया को आपको पूरे हफ्ते तक करना है। जब आप सुबह उठेंगे तो आपको उसी वक्त से रियलिटी चेक करना शुरू कर देना है। रियलिटी चेक करने का अभ्यास शुरू करने से पहले आपको कुछ गोल्स सेट करने होंगे। आप प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग गोल सेट कर सकते हैं। 


How to set goals?


आपको goals कुछ इस तरह से सेट करना है। उदाहरण के लिए: अगली बार जब में अपना दोस्त को देखूंगा तो मैं अपने आसपास के वातावरण को बहुत गौर से देखूंगा और मैं अपने आप से पूछूंगा कि "क्या मैं सपना देख रहा हूं अभी"?


आपको रियलिटी चेक करने की आदत को विकसित करना होगा। हम जागते समय जो काम बार-बार करते हैं वह हमारे दिमाग में बस जाते हैं और बहुत ज्यादा संभावना होता है कि वह चीज को हम रात मे सपने मे भी कर रहें हों। 


तो आपको बस करना इतना है कि आपको वास्तविकता जांच करने की आदत को विकसित करना है और यही आदत बाद में आपके सपने में प्रवेश कर जाएगा।


Daily Targets:


नीचे कुछ targets दिए जा रहे हैं। आपको इन टारगेट्स को रिफरेंस के तौर पर लेना है। Targets हर किसी के लिए अलग अलग हो सकता है। आप अपने टारगेट खुद बना सकते हैं।


जब आप इन targets को देखेंगे तो आपको तुरंत अपना रियलिटी चेक करना होगा। और आपको अपने आप से प्रश्न करना होगा की "क्या में सपना देख रहा हूं"? "क्या ये सब कुछ एक सपना है"?


रविवार

1. अगली बार जब मैं कोई फूल देखूंगा तो मैं अपने आपसे प्रश्न पूछूंगा कि क्या मैं अभी सपना देख रहा हूं?

2. अगली बार जब में किसी रिश्तेदार को देखूंगा।

3. जब मैं कोई कुत्ते की भौंकने का आवाज सुनूंगा।

4. अगली बार जब मैं फेसबुक को ऑन करूंगा।


सोमवार

1. अगली बार जब मैं कोई किताब पढूंगा।

2. यूट्यूब खोलते वक्त

3. अगली बार जब मैं बाथरूम जाऊंगा तो मैं चेक करूंगा कि क्या मैं सपना देख रहा हूं।

4. अगली बार जब मैं कोई गाना सुनूंगा।


मंगलवार

1. जब मैं हंसने की आवाज सुनूंगा

2. बर्तन धोते वक्त

3. ट्रैफिक लाइट को देखने के बाद

4. पैसा को छूते समय


बुधवार

1. जब भी मैं आकाश में कोई एरोप्लेन को देखूंगा।

2. घड़ी में समय को देखते वक्त

3. सब्जी खरीदते वक्त या सब्जी को देखने के बाद

4. अगली बार जब मुझे पता चलेगा कि मैं ओवरथिंकिंग कर रहा हूं।


गुरुवार

1. फोन के रिंगटोन को सुनने के बाद

2. अगली बार जब मैं ब्लैक कार को देखूंगा

3. जब मैं अपना कोई रिश्तेदार को देखूंगा

4. जब मैं कोई दुर्घटना देखूंगा


शुक्रवार

1. अगली बार जब मैं अपना कोठा के ढोका खोलूंगा

2. अगली बार जब मैं कोई विज्ञापन देखूंगा

3. अगली बार जब कोई मेरा नाम पुकारेगा

4. बस पर चढ़ते वक्त


शनिवार

1. अगली बार जब मैं कोई पंछी को देखूंगा

2. जब मै किसी सुंदर स्त्री को देखूंगा

3. अगली बार जब मैं अपने लैपटॉप या कंप्यूटर को ऑन करूंगा

4. जब मैं अपने शिक्षक को देखूंगा


हर बार जब आप इन टारगेट्स को देखेंगे तो आपको अपने आपसे प्रश्न करना होगा क्या अभी आप सपना तो नहीं देख रहे है। जब आप इस आदत को अच्छे से विकसित कर लेंगे तो आपको माइल्ड विधि में बहुत जल्द ही सफलता प्राप्त होगी।


ऊपर दिए गए चीजों को हम सपने में बार-बार देखते रहते हैं। इसीलिए जब आप इन सारी चीजों पर अपना ध्यान देंगे तो जब आप सपने में इन चीजों को दोबारा देखेंगे तो आप उसी वक्त रियलिटी चेक करेंगे और तब आप यह जान जायेंगे कि आप एक सपना देख रहे हैं।


माइल्ड विधिको साधने की प्रक्रिया


Set up intention for dream recall

रात को सोने से पहले संकल्प करे के नींद के दौरान जब भी में उठूंगा तो में सपने को अच्छे से याद कर सकूंगा। सपने के दौरान जब भी मेरा आंख खुलेगा तो मुझे नींद में देखे गए सपने क्रमबद्ध तरीके से याद रहेगा। यदि आप नींद के दौरान बीच में नही उठ सकते है तो आप संकल्प करे की सुबह जब में उठूंगा तब मुझे पूरी रात में देखे हुवे सारे सपने याद रहेंगे।


Recall Your Dreams


जब आप नींद के दौरान बीच में उठ जायेंगे, कोई फरक नही परता की रात के कितने बजे है, बस आपको देखे हुवे सपने को याद करना है। देखे गए सपने का हर एक अंश को याद करने की कोशिश करना है। यदि आपको सपने को याद करते वक्त बहत जोर से नींद आ रहा हो तो आप कुछ ऐसा करे जिससे आप थोड़ा सचेत हो जाए। जैसे की पानी से मुंह धोना, या फिर टहलना।


Focus on your intention


जब आप फिर से सोने जाएंगे तो आपको कुछ एफर्मेशंस को बार-बार दोहराना है। यह affirmations कुछ इस प्रकार हो सकते हैं, "सपने मे मैं जान जाऊंगा की में सपना देख रहा हूं"। "सपने के दौरान में होस मे रहूंगा"। "मेरे सपने मुझे अच्छे से याद रहता है"। आपको इस प्रकार से ऊपर दिए गए एफर्मेशंस को दोहराते हुए नींद में प्रवेश करना है। आपको बस इसे दोहराना ही नहीं है बल्कि पूरे मन से इसे महसूस भी करना है। 


मन बहुत चंचल और अशांत होता है। यदि आपका मन affirmations से भटक जाए तो आप तुरंत ही इसे वापस लाइए।


See yourself in lucid dream


आप चाहे तो अपने मन में एफर्मेशंस को दोहरा सकते है या फिर आप यह कल्पना कर सकते हैं कि आप जिस सपने से अभी उठे हैं उसी सपने में अब दोबारा से जाइए। और इस बार आप कल्पना करे की आप सपने मे जागरूक हो गए हैं।


क्योंकि आप सपने में जागरूक हो गए हैं तो आप कल्पना करें उस चीज के बारे में जो आप स्पष्ट सपने में करना चाहते हैं। आप आसमान में उड़ सकते हैं क्या आप किसी सेलिब्रिटी के साथ बात कर सकते हैं। आपने जो कुछ भी स्पष्ट सपने में करने का सोच रखा है उस चीज को करते हुए आप कल्पना कीजिए। 


जब आप इस तरह के कल्पना करते हुए नींद में जाएंगे तो बहुत ज्यादा संभावना है कि आप उसी कल्पना को अपने सपने में पाएंगे और आप जागरूक हो जाएंगे उस सपने के प्रति।


Repeat


आपको स्टेप 3 और 4 को बार-बार रिपीट करना है जब तक कि वह इंटेंशन सेट ना हो जाए। सोते वक्त यदि आप किसी अन्य विचार में फंस जाते है या किसी और चीज के बारे मे overthinking करने लगते हैं तो आपको इससे बचना होगा। 


नींद आने के दौरान आपका अंतिम विचार यह होना चाहिए कि मैं सपने में यह जान जाऊंगा कि मैं सपना देख रहा हूं। आपका अंतिम विचार स्पष्ट सपने के बारे में ही होना चाहिए।


अंतिम विचार

यदि सब कुछ सही रहता है तो आप सफलता पूर्वक अपने आपको सपने में जागरूक कर लेंगे। जिस प्रकार आपने जागते समय अपने टारगेट को सेट किया होगा उसी टारगेट के जरिए आप शीघ्र ही सपने में अपने आप को सचेत कर लेंगे।


इस तकनीक का अभ्यास करते समय यदि आपको नींद ना आए या नींद आने में बहुत देर लगे तो घबराना नहीं है। जितनी देर आप जागे रहेंगे उतना ही संभावना है कि आप सपनों में सचेत हो जाएंगे। क्योंकि जितनी देर तक आप इस तकनीक का अभ्यास करेंगे उतना ही प्रबल यह तकनीक होता चला जाएगा। 


यदि आपका नींद बहुत गहरी है तो जब आप सपने के दौरान बीच में उठेंगे तो आपको 10 से लेकर 15 मिनट तक जागे रहना है। उठने के बाद तुरंत ही आपको नहीं सोना है नहीं तो आप अपनी चेतना को तुरंत ही खो देंगे। 


आपको कम से कम 15 मिनट तक जागे रहना है। इस दौरान आप कुछ ऐसा करें जिससे आपका चेतना सक्रिय रहे। जैसे कि आप अपने मुंह को पानी से धो सकते हैं और अपने ही कमरे में कुछ देर तक टहल सकते हैं।


10 से 15 मिनट होने के बाद आप फिर से दोबारा सोने के लिए जाए और आपको उन्हीं प्रोसेस को फिर से दोहराना है।


रिसर्च यह बताते हैं कि इस तकनीक का प्रयोग करके लोग 2 से 3 दिन में ही अपने आपको सपने में जागृत करने में सफल रहा है। बहुत से advanced oneironauts इस तकनीक के जरिए एक ही रात में बहुत सारे लूसीड ड्रीम उत्पन कर लेते है।


|| अध्याय 15 ||

FILD Technique: उंगलियों की हलचल सपने में आपको सचेत करवा सकती है 


वैसे तो लूसीड ड्रीमिंग सीखने के लिए इंटरनेट पर बहुत सारे तरीके मौजूद है पर Finger Induced Lucid Dream (FILD) उन्हीं में से एक ऐसे तरीके हैं जो बाकी तरीके से आसान है और इसके लिए कोई खास व्यवस्था की भी जरूरत नहीं होती है।


यदि आप नौसिखिए है तो FILD टेक्निक सीखने से पहले आपको रियलिटी चेक टेक्निक के बारे में अच्छे से समझना होगा। क्योंकि यह तकनीक में रियलिटी चेक का एक अहम भूमिका है। पिछले अध्याय में वास्तविकता जांच (रियलिटी चेक) विधि के बारे में बिस्तर से दिया गया है। आशा है की आप उस अध्याय पढ़ चुके है।


फील्ड (FILD) विधि क्या है?


फील्ड टेक्निक आपके हाथ के उंगली के हलचल से संबंधित है। इसमें आपको अपनी उंगलियों को कुछ खास लय में हिलाना होता है जिससे कि आप अपनी जागरूकता को नींद में ले जा सके। 


हमारा माइंड जो है वह हमारे शरीर से हर समय जुड़ा हुआ रहता है। शरीर में होने वाले कोई भी हलचल मस्तिष्क के किसी खास हिस्से को प्रभावित करती है। जब मस्तिष्क के किसी हिस्से प्रभावित होते हैं तो वह हिस्से अलर्ट हो जाते हैं। 


स्पष्ट सपने देखने के लिए दिमाग का एक जरूरी हिस्सा जिसे प्रीफ्रोंटल कॉर्टेक्स कहते हैं वह जिम्मेदार होते हैं। यदि सोने के दौरान आपका प्रीफ्रोंटल कॉर्टेक्स सक्रिय रहता है तो आप आसानी से अपने सपने में जागरूक हो सकते हैं। 


फील्ड तकनीक इसी हिस्से को एक्टिव रखता है। फील्ड टेक्निक में आपको अपने हथेली के किसी भी दो उंगलियों को ऊपर नीचे हिलाना होता है। जब आपके हाथ की उंगलियां हिलती रहती है तो यह प्रीफ्रोंटल कॉर्टेक्स सक्रिय रहता है। 


धीरे-धीरे हमारा शरीर नींद में डूबता चला जाता है पर क्योंकि आप अपने उंगलियों को हिलाते रहते हैं तो यह दिमाग का हिस्सा सक्रिय रहता है। वह शटडाउन (बंद) नहीं होता है। शरीर नींद में जाने के कुछ देर बाद ही सपने आना शुरू हो जाते है और क्योंकि हमारा दिमाग का वह खास हिस्सा एक्टिव रहता है तो हम सपने में यह जान जाते हैं कि हम सपना देख रहे हैं।


फील्ड विधि को साधने की प्रक्रिया


1. आप अपने बिस्तर पर एक आरामदायक स्थिति में लेट जाए। 


2. अपने शरीर को ढीला छोड़ दें और उसे शिथिल होने दे। शरीर के किसी हिस्से में तनाव है तो उसे रिलैक्स कीजिए।


3. अब आप अपने मस्तिष्क को शांत कीजिए। यदि आपके मन में कोई विचार चल रहा है तो तुरंत अपने मन को उस विचार पर से हटाए।


4. यदि आपको शांत होने में कठिनाई होती है तो आप अपने ध्यान को अपने स्वासो पर केंद्रित कीजिए। इससे आपका मन शांत होगा और आप रिलैक्स कर पाएंगे।


5. अब आप अपने हथेली को बिस्तर पर ढीला छोड़ दीजिए। हथेली को बिस्तर पर इस तरह रखे की सारी उंगलियां विस्तार को स्पर्श कर सके।


6. अब आपको अपने हथेली के किसी भी दो उंगलियों को बिस्तर को छूते हुवे ऊपर नीचे करना है। 


7. यदि आप इंडेक्स फिंगर और मिडल फिंगर का प्रयोग करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। (हाथ की दूसरी और तीसरी उंगलियां)


8. आपको उंगलियों को एक लय में ऊपर नीचे, ऊपर नीचे करना है जैसे कि आप पियानो बजा रहे हो।


नींद की अपनी ही व्यवस्था होती है। जब आप धीरे-धीरे नींद में उतरते हैं तो आपकी चेतना खोती चली जाती है। ऐसा बहुत बार होगा जब आप उंगलियों को ऊपर नीचे करना बीच में भूल जाएंगे। पर जब याद आए तो आपको तुरंत उंगलियों को हिलाना शुरू कर देना है। 


अपने आपको ज्यादा से ज्यादा सतर्क और जागरूक रखने का प्रयास कीजिए। 


सोने से पहले आपको भारी भोजन नहीं करना है। सोने से पहले भारी भोजन करेंगे तो आपका नींद गहरी होगी और आपको होश को बनाए रखने में बहुत कठिनाइयां होगी।


भारी भोजन करने से बहुत सारी ऊर्जा खाने को पचाने में लग जाती है। और जागरूक रहने में ऊर्जा की ही जरूरत पड़ती है। इसलिए आपको अधिक से अधिक ऊर्जा को बचाना है। क्योंकि आपको यही ऊर्जा जागरूक होने में मदद करेगा।


फील्ड विधि कैसे काम करती है?


जब आप अपनी उंगलियों को हिलाते रहते हैं तो मस्तिष्क और आपकी उंगलियों के बीच signals का आदान-प्रदान होता रहता है। इस अवस्था में आपके मस्तिष्क का prefrontal cortex सक्रिय रहता है जोकि होस को बनाए रखता है।


जब कोई लूसीड ड्रीम में होता है तो दिमाग का यही हिस्सा सक्रिय रहता है। दिमाग का यही वह हिस्सा है जो लॉजिकल रीजनिंग में मदद करता है, सही या गलत में फर्क करता है। यदि आपके सपनों के दौरान यह हिस्सा सक्रिय हो गया तो आप आसानी से यह जान जाएंगे कि जो दृश्य आप देख रहे हैं वह असली नहीं है और आप तुरंत ही सचेत हो जायेंगे।


अंतिम विचार

फील्ड तकनीक बहुत ही आसान तकनीक है जिससे सपनों में जागरूक हुआ जा सकता है। 


यदि आप लकी है तो पहले प्रयास में ही आप सपनों में जागरुक होने में सफल रहेंगे। यदि यह तकनीक पहले दिन काम नहीं करता है तो आपको इसे निरंतर अभ्यास करते रहना है। कुछ ही दिनों में आप इस तकनीक से जागरूक सपने देख सकेंगे।


|| अध्याय 16 || 

CAT: Cycle Adjustment Technique | पुरस्कार विजेता विधि

स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए चक्र समायोजन तकनीक - cycle adjustment technique (CAT) for lucid dream in hindi एक स्पष्ट स्वप्नदृष्टा डैनियल लव द्वारा विकसित की गई थी। डैनियल लव को 24 घंटों में सबसे अधिक सुस्पष्ट सपने देखने के लिए 2017 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था।


स्पष्ट स्वप्न देखने की यह तकनीक स्पष्ट स्वप्न देखने का सबसे आसान तरीकों में से एक है।


Cycle Adjustment technique क्या है?


चक्र समायोजन तकनीक CAT एक ऐसी विधि है जिसका उद्देश्य स्वप्न स्मरण में सुधार करना और स्पष्टता को बढ़ावा देना है।


इस तकनीक में व्यक्ति के नींद चक्र को समायोजित करना शामिल है ताकि व्यक्ति अधिक तेज़ी से REM नींद में प्रवेश कर सके और समग्र रूप से REM नींद में अधिक समय बिता सके।


ऐसा कहा जाता है कि इससे स्वप्न स्मरण में सुधार होता है और स्पष्ट स्वप्न आने की संभावना बढ़ जाती है। CAT एक सरल और प्रभावी तकनीक है जिसका उपयोग कोई भी कर सकता है।


ल्यूसिड ड्रीम के लिए कैट तकनीक का उपयोग कैसे करें?


इस पद्धति में अनिवार्य रूप से आपके नींद के चक्रों पर नज़र रखना और फिर उन्हें समायोजित करना होता है ताकि आपको स्पष्ट स्वप्न आने की अधिक संभावना हो।


ऐसा करने के लिए, आपको सबसे पहले यह पता लगाना होगा कि आपका प्राकृतिक नींद चक्र क्या है। यह एक या दो सप्ताह तक आपकी नींद के पैटर्न को ट्रैक करके और फिर औसत की गणना करके किया जा सकता है।


एक बार जब आप अपने प्राकृतिक नींद चक्र को जान लेते हैं, तो आप इसे समायोजित करना शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपको यह जानना होगा कि आपके शरीर के लिए कितने घंटे की नींद आवश्यक है। यह 7, 8, या 9 घंटे का हो सकता है।


इसके अलावा, आपको दिन में भी कम समय के लिए सोना शुरू करना होगा। इससे आपके लिए सामान्य जागने के समय से पहले जागना आसान हो जाएगा, और यह आपके शरीर के प्राकृतिक नींद चक्र को रीसेट करने में भी मदद करेगा। लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।


आइए इसे सरल बनाएं:


पहला चरण

यदि आप रोजाना सुबह के 6 बजे उठते है तो अब से आपको 4:30 बजे ही उठ जाइए। अर्थात आपको सामान्य जागने के समय से 90 मिनट्स पहले का अलार्म लगाना है और उठके रियलिटी चेक करना है। ऐसा आपको हर दिन एक हपते तक करना होगा। 


दूसरा चरण

आठवें दिन से आप इस प्रयोग को अल्टरनेट कीजिए। कहने अर्थ ये है की आठवें दिन आपको 6 बजे उठना है, फिर नौवें दिन 4:30 में। फिर दसवें दिन 6 बजे, ऐसा ही आपको दूसरे हप्ते भर करना है जब तक की आप सपने में स्पष्टता को पा नहीं लेते।


टिप्पणी:

सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि आपको पर्याप्त नींद मिले। यदि आप नींद से वंचित हैं, तो आपको स्पष्ट स्वप्न आने की संभावना बहुत कम होगी।


इसके लिए आपको दिन में कम समय के लिए सोना शुरू करना होगा। इससे आपके लिए 90 मिनट पहले उठना आसान हो जाएगा और यह आपके शरीर के प्राकृतिक नींद चक्र को रीसेट करने में भी मदद करेगा।


कैट विधि कैसे काम करता है?


जब हम रोजाना सुबह 6 बजे उठते है तो ये प्रक्रिया हमारे शरीर का आदत बन जाता है। पर जब हम सामान्य जागने के समय से 90 मिनट्स पहले ही उठने लगते है तो धीरे धीरे अब से नया जागने का समय शरीर के आंतरिक घड़ी में सेव हो जाता है।


पर जब आठवें दिन से हम इस प्रक्रिया को alternate कर देते है तब हमारा शरीर कंफ्यूज हो जाता है की कब नींद से जगना है। 


ऐसा होने पर हमारे दिमाग का चेतन हिस्सा थोड़ा बहुत जाग जाता हैं पर शरीर तब भी सोया ही रहता है। क्युकी शरीर को लगता है की अभी जागने का समय नहीं हुआ है। इस अवस्था में हम आसानी से जान जाते है की हम अभी भी नींद में ही है और lucidity घटित हो जाता है।



निष्कर्ष

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कुछ अभ्यास की आवश्यकता होगी। इसलिए यदि आप पहली बार प्रयास करने पर स्पष्ट नहीं हो पाते हैं तो निराश न हों।


अभ्यास के साथ, आप सुस्पष्ट सपने देखने में बेहतर से बेहतर होते जायेंगे।


|| अध्याय 17 ||

मिथ्या जागृति क्या है? झूठी जागृति को सुस्पष्ट स्वप्न में कैसे बदलें?

क्या आपने कभी अनुभव किया है कि आप नींद से उठे बाथरूम गए, ब्रश किए और फिर दुबारा से आप नींद से उठ गए। इसे False Awakening (मिथ्या जागृति) कहते हैं जिसमें होता यह है कि आप नींद के दौरान ही नींद से जागने का सपना देखते हैं। 


इस तरह के सपने हर एक इंसान अपने जीवन काल में एक ना एक बार तो देखा ही होता है। ऐसे सपने बड़े ही उपयोगी होते हैं। आप false awakening के जरिए आसानी से स्पष्ट सपने में प्रवेश कर सकते हैं।


स्पष्ट सपने में हमारे दिमाग का सचेतन हिस्सा एक्टिवेट हो जाता है। सपना चलने की दौरान सपने देखने वाला को पूरी तरह से पता होता है कि वह सपना देख रहा है। 


शरीर तो नींद में ही होता है पर हमारा दिमाग सपने की दुनिया में जागरूक हो जाता है। सपने की दुनिया में जब दिमाग सचेत हो जाता है तब उस सपने को जागरूक सपना कहते हैं। खैर, आपको तो यह सब पता ही है।


False Awakening के संबंध में मैं अपना एक अनुभव साझा करना चाहता हूं। एक बार ऐसा हूवा की मैं नींद से उठा, ब्रश किया और फ्रेश हो कर स्कूल के यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल चला गया। स्कूल में मैं पहला पीरियड अटेंड कर रहा था की उसी वक्त अलार्म बजा और मैं झटके से नींद से जाग गया। 


मैं अपने आप को बिस्तर पर देख कर बड़ा हैरान था। मुझे बिल्कुल भी बिस्वास नहीं हो रहा था की मैं बेड रूम में ही हूं। ये सपना इतना असली था की मुझे कुछ देर पता ही नही चला की मैं स्कूल के जाने का सपना देख रहा था। हे भगवान! अपरम पार है तेरी लीला।


इस अध्याय में हम मिथ्या जागृति (false awakening) के सहायता से कैसे स्पष्ट सपने देख सकते हैं इसके बारे में बात करेंगे।


 यदि आपने false awakening को अनुभव किया है तो आपको इसके बारे में अच्छे से पता होगा कि यह बहुत ही असली सा लगने वाला एक सपना ही होता है। पर यदि आपने इसे अनुभव नहीं किया है तो आप इस अध्याय को पढ़ने के बाद इसे अच्छे से जान लेंगे।


मिथ्या जागृति क्या है?


मिथ्या जागृति एक तरह का सपना ही होता है जिसमें सपना देखने वाले को यह लगता है कि वह सपना से जाग गया है और जो कुछ भी वह कर रहा है वह हकीकत है। 


पर असल में वह सब कुछ नींद में ही कर रहा होता है। वह सब कुछ जो उसने अनुभव किया वह एक सपना था ये बात उसे तब पता चलता है जब वह नींद से जागता हैं। 


इस तरह के सपने हुबहू हकीकत जैसा ही होता है। सपने के दौरान हमें जरा सा भी भनक नहीं लगता कि हम एक सपने में है।


एक्सपर्ट्स का मानना है कि आप मिथ्या जागृति के जरिए लूसीड ड्रीमिंग का अनुभव कर सकते हैं। कुछ ऐसे तरीके है जिसकी मदद से आप मिथ्या जागृति को एक जागरूक सपने में बदल सकते हैं।


इसके लिए आपको अपने दिमाग को कुछ खास अवस्थाएं पहचानने के लिए ट्रेन करना होगा। यदि आप पहले से ही स्पष्ट सपने सीख रहे हैं तो आपके लिए मिथ्या जागृति एक अवसर होगा जिसके सहायता से आप आसानी से सपने में जागरूक हो सकते हैं।


मिथ्या जागृति कैसे पहचाने?


सबसे पहले तो आपको यह जानना होगा कि आप अभी जागे हुए हैं या सोए हुए हैं। 


यदि आप कहेंगे कि मैं जागा हुआ हूं तो आप इस बात को कैसे साबित करेंगे कि आप अभी जागे हुए हैं। क्योंकि मिथ्या जागृति में भी ऐसा ही होता है। आपको लगता है कि आप जाग गए हैं पर असलियत में तो आप सोए ही रहते हैं। 


रियलिटी चेक नामक एक ऐसी विधि है जो हमें यह बताते हैं कि हम अभी जागे हुए हैं या सोए हुए हैं। यदि यह चेक सफल हो जाता है तो आप सपने देख रहे हैं पर यदि यह रियलिटी चेक विफल हो जाता है तो इसका मतलब है कि आप अभी जागे हुए हैं।


वैसे तो रियलिटी चेक करने के बहुत सारे तरीके है पर मैं जिस तरीके का इस्तेमाल करता हूं वह मैं आपको अभी बताऊंगा। इस संबंध में हमने पिछले अध्याय में पूरे बिस्तर से चर्चा की है। आशा करता हूं की आप रियलिटी चेक पर आधारित वह अध्याय पढ़ चुके है।


मैं हर रोज दिन में 50 से लेकर 80 बार तक रिजल्ट चेक करता हूं। अक्सर मैं रियलिटी चेक में अपने एक हाथ की उंगली को दूसरे हाथ की हथेली में घुसाने की कोशिश करता हूं। 


यदि मैं जागरण की अवस्था में हूं तो मेरे उंगली हथेली में नहीं घुसेगा पर मैं यदि सपना देख रहा हूं तो मेरे उंगली हाथ की हथेली में घुस जाएगी, उंगली हथेली के आर पार चली जाएगी। इससे मुझे तुरंत पता चल जाएगा कि मैं अभी सपना देख रहा हूं।


आपको भी इसी तरह किसी एक रिजल्ट चेक को अपनाना है और उसी का अभ्यास करना है। आपको पता ही होगा कि जिस काम को हम दिन में बार-बार करते हैं वह रात में हमें सपने के रूप में आता है। 


जब आप अपने जागरण अवस्था के दौरान बार-बार रियालिटी चेक करेंगे तो धीरे-धीरे वह आदत आपके दिमाग में सेव हो जाएगा और जब आप सपना देख रहे होंगे तो इसी आदत के चलते आप सपने में भी रियलिटी चेक करेंगे। और सपने में रियलिटी चेक काम नहीं करता है। वह हर बार सफल हो जाएगा। 


आपकी उंगलिया आपके हथेली के आर पार चले जाएंगे। यदि आप अपनी उंगली को दीवार के आर पार भी घुसाना चाहेंगे तो घुस जाएगा।


मिथ्या जागृति को स्पष्ट सपने में कैसे बदले?


मिथ्या जागृति को जागरूक सपने में बदलने के लिए जो सामान्य सिद्धांत है वह है रियलिटी चेक। यदि आप रियलिटी चेक करने में कुशल हो गए अर्थात यदि आप रेयालिटी चेक को अपना आदत बना लिया है तो आप स्पष्ट सपने आसानी से सीख सकते हैं। 


मिथ्या जागृति को लूसीड ड्रीम में बदलने के लिए आपको हर सुबह जब आप नींद से उड़ते हैं तब तुरंत ही रियलिटी चेक करना होगा।


दिन में तो आपको रियलिटी चेक करना ही है पर जब आप सुबह नींद से उठते हैं तो तुरंत आपको reality चेक करना है। 

 

रात में नींद के दौरान यदि आप बाथरूम जाने के लिए भी उठते हैं तो सबसे पहले आपको रियलिटी चेक करना है। इस आदत को आपको जैसे भी करके बार-बार दोहराना है।


फिर एक रात ऐसा आएगा जब आपको लगेगा कि आप नींद से जाग गए हैं पर असल में आप सपने में ही होंगे तब आप रियलिटी चेक करेंगे और आप यह आसानी से जान जाएंगे कि आप अभी भी बिस्तर पर सो रहे हैं। आपको पता चल जाएगा को यह मिथ्या जागृति है। इस तरह से आप लुसिडिटी को मास्टर कर लेंगे।


अंतिम विचार

इस अध्याय में हमने जाना कि मिथ्या जागृति क्या है और हम किस तरह से इसका प्रयोग करके लूसीड सपना को देख सकते हैं। 


|| अध्याय 18 ||

स्पष्ट स्वप्न देखने की कल्पना विधि

जब आप सुस्पष्ट स्वप्न देख रहे होते हैं, तो आप सचेत होते हैं कि आप स्वप्न देख रहे हैं और उस पर आपका नियंत्रण होता है। आप अपनी इच्छानुसार कोई भी स्थिति डिज़ाइन कर सकते हैं, जैसे कि आप अपनी स्वयं की फिल्म के निर्देशक हों। आप सुदूर स्थानों पर जा सकते हैं, सुपरमैन की तरह उड़ सकते हैं और यहां तक ​​कि अपनी पसंदीदा हस्तियों से बातचीत भी कर सकते हैं।


कल्पना कीजिए कि आपको अपनी इच्छानुसार कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। लेकिन यह सिर्फ अच्छा समय बिताने के बारे में नहीं है। अध्ययनों के अनुसार, स्पष्ट सपने देखने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं।


तनाव और चिंता को कम करने की क्षमता स्पष्ट सपने देखने के मुख्य लाभों में से एक है। यह वास्तविकता से एक संक्षिप्त ब्रेक लेने जैसा है जहां आप अपनी परेशानियों को भूल सकते हैं। इसके अलावा, यह पाया गया है कि स्पष्ट सपने देखने से मानसिक स्पष्टता, रचनात्मकता और समस्या सुलझाने के कौशल में सुधार होता है।


विज़ुअलाइज़ेशन (कल्पना) एक शक्तिशाली कौशल है जो रंगीन और विश्वसनीय सपनों की दुनिया को संजोने में आपकी सहायता कर सकता है। आप कल्पना करने के अभ्यासों में संलग्न होकर अपने मस्तिष्क को सपनों को पहचानना और उन्हें प्रबंधित करना सिखा सकते हैं।


कल्पना तकनीक एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग सुस्पष्ट स्वप्नों के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के लिए भी किया जा सकता है। कल्पना की नींव यह विचार है कि मन और शरीर घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और मन मानसिक चित्रों के माध्यम से शरीर को प्रभावित कर सकता है। 


सुस्पष्ट स्वप्न के साथ, स्वप्न के वातावरण को बनाने और नियंत्रित करने के लिए कल्पना का उपयोग किया जा सकता है।


जब सुस्पष्ट स्वप्न आते हैं, तो स्वप्न देखने वाले को पता चलता है कि वह स्वप्न देख रहा है और उस पर उसका नियंत्रण होता है। सपने देखने वाले को अपने दिमाग में एक दृश्य को विकसित करने और उससे जुड़ने में सक्षम बनाकर, इस अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कल्पना तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।


सपने देखने वाला कल्पना का उपयोग करके एक स्वप्न परिदृश्य का निर्माण कर सकता है जो अधिक व्यापक, ज्वलंत और यादगार हो।


वैज्ञानिक अध्ययनों में यह प्रदर्शित किया गया है कि कल्पना का मस्तिष्क पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है । अध्ययनों के अनुसार, कल्पना व्यायाम के समान मस्तिष्क क्षेत्रों को शामिल करके विभिन्न कार्यों में प्रदर्शन को बढ़ा सकता है। जब कोई स्पष्ट स्वप्न देख रहा होता है, तो कल्पना शक्ति उसे सपने पर अधिक नियंत्रण और अधिक जीवंत अनुभव प्रदान करा सकता है।


स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कल्पना तकनीक का अभ्यास करने के चरण नीचे दिए जा रहे है।


कल्पना विधि सुस्पष्ट सपने देखने को एक बहुत ही रोमांचक और संतुष्टिदायक अनुभव में बदल देता है। यदि आप सुस्पष्ट स्वप्न देखने में नए हैं या ऐसा करने की अपनी क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो कल्पना शक्ति तकनीक का उपयोग कैसे करें, इसके बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका यहां दी गई है:


1. लेटने के लिए ऐसी जगह चुनें जो शांतिपूर्ण और आरामदायक हो और जहां आपको कोई परेशानी न हो। शुरू करने से पहले, सहज और आरामदायक होना महत्वपूर्ण है।


2. आराम करने के बाद अपने शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए, अपनी आँखें बंद करें और कुछ गहरी साँसें लें।


3. अपने दिमाग में किसी स्थिति की कल्पना करना शुरू करें। हर चीज़ तब तक चलती है जब तक वह विशिष्ट और रंगीन है। उदाहरण के लिए, आप स्वयं को समुद्र तट पर देख सकते हैं, जहां सूरज चमक रहा है और लहरें तट पर तेज़ गति से चल रही हैं।


4. एक बार जब आपके पास इसकी स्पष्ट मानसिक तस्वीर हो तो परिदृश्य में तत्व जोड़ना शुरू करें। अपने काल्पनिक वातावरण को सुनने, महसूस करने, देखने और सूंघने का प्रयास करे। दृश्य को यथासंभव यथार्थवादी बनाने के लिए, अपनी सभी इंद्रियों का उपयोग करने का प्रयास करें।


5. जब आप परिदृश्य का चित्रण कर रहे हों तो अपने काल्पनिक दुनिया के लोगों के साथ बातचीत करना शुरू करें। चारों ओर घूमें, चीजों को छूएं और अपने आस-पास की जांच करें। परिणामस्वरूप आपके सपनों को नियंत्रित करने की आपकी क्षमता में सुधार होगा।


6. इस कल्पना तकनीक का नियमित रूप से अभ्यास करें, आदर्श रूप से सोने से ठीक पहले। आप देखेंगे कि समय के साथ आपके सपने अधिक ज्वलंत और प्रबंधनीय होते जा रहे हैं।


आप ऊपर बताए गए विधि अपना कर अपने सुस्पष्ट स्वप्न को बेहतर बना सकते हैं और अपनी कल्पना तकनीक को मजबूत कर सकते हैं। हमेशा सुसंगत और धैर्यवान रहें, और विभिन्न तकनीक और छोटी-छोटी जानकारियों को आज़माने से न डरें; जब तक आपको पता न चल जाए कि आपके लिए सबसे अच्छा कौन सा विधि काम करता है।


बेहतर स्वप्न नियंत्रण स्पष्ट सपनों को प्रेरित करने के लिए कल्पना तकनीक को नियोजित करने के प्रमुख लाभों में से एक है।


अन्य लाभ:

रचनात्मकता में वृद्धि: रचनात्मकता बढ़ाने के लिए कल्पना एक प्रभावी रणनीति है। जब आप किसी चीज़ का चित्रण करते हैं तो आप अपनी कल्पना का उपयोग करते हैं और अपनी रचनात्मक क्षमता को उजागर करते हैं।


तनाव से राहत: विज़ुअलाइज़ेशन चिंता और तनाव को कम करने की एक शक्तिशाली तकनीक है। जब आप शांतिपूर्ण स्थितियों की कल्पना करते हैं तो आपका शरीर आराम करके और तनाव मुक्त होकर प्रतिक्रिया करता है।


भय और चिंता पर काबू पाने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन एक शक्तिशाली उपकरण है।


व्यक्तिगत विकास: सुस्पष्ट स्वप्न में विज़ुअलाइज़ेशन का उपयोग किसी के व्यक्तिगत विकास को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।


प्रभावी विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों के लिए युक्तियाँ


स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन दृष्टिकोण एक प्रभावी उपकरण है। अपने सपनों पर नियंत्रण और रचनात्मकता को बेहतर बनाने के लिए, आपको अपने दिमाग में एक दृश्य की कल्पना करनी चाहिए और उसके साथ बातचीत करनी चाहिए। यदि आप इस विधि को अधिकतम करना चाहते हैं तो विचार करने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं:


सभी इंद्रियों का प्रयोग करें:


अपनी कल्पनाको अधिक जीवंत अनुभव देने के लिए अपनी सभी इंद्रियों का उपयोग करें। इसमें देखने के अलावा सुनना, सूंघना, छूना और यहां तक ​​कि चखना भी शामिल है। उदाहरण के लिए, अपने आप को समुद्र तट पर कल्पना करें और अपनी त्वचा पर सूरज की गर्मी, समुद्र की नमकीन हवा और ताजे नारियल पानी के स्वाद का अनुभव करें।


भावनाओं पर ध्यान दें:


अपनी भावनाओं पर ध्यान दें क्योंकि वे दृश्यावलोकन के लिए महत्वपूर्ण हैं। जब आप कल्पना करें, तो खुशी, उत्साह या कृतज्ञता जैसी सुखद भावनाओं को जगाने का प्रयास करें। यह आपको सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और अपने लक्ष्यों को साकार करने में सहायता कर सकता है। उदाहरण के लिए, जब आप स्वयं को एक सफल प्रस्तुति प्रस्तुत करते हुए चित्रित करते हैं तो खुशी और उपलब्धि महसूस करें।


लगातार अभ्यास करें:


किसी भी अन्य क्षमता की तरह, विज़ुअलाइज़ेशन को प्रभावी बनाने के लिए लगातार अभ्यास आवश्यक है। सोने से पहले या जागने के ठीक बाद कुछ मिनट कल्पना करने को अपनी दिनचर्या बना लें। आपकी ध्यान केंद्रित करने और फोकस करने की क्षमता में भी सुधार होगा, साथ ही सपनों को याद करने की आपकी क्षमता में भी सुधार होगा।


सादगी बनाए रखें: 


जटिल या भारी कल्पनाएँ करने से दूर रहें क्योंकि वे आपका ध्यान भटका सकती हैं और आपके विकास में बाधा डाल सकती हैं। इसके बजाय, सीधी, सटीक स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करें जो आपके उद्देश्यों का समर्थन करती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक स्पष्ट सपने में अपने एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ाना चाहते हैं, तो अपने आप को एक सही रेस ट्रैक पर दौड़ते हुए या पूरी तरह से कूदते हुए कल्पना करें।


धैर्य रखें: 


कल्पना तकनीक के परिणामों को देखने के लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होती है; यह कोई त्वरित समाधान नहीं है. यदि आपको तुरंत सुस्पष्ट स्वप्न देखने का अनुभव नहीं होता है, तो हार न मानें। जब तक आपको कोई ऐसा दृष्टिकोण न मिल जाए जो आपके लिए कारगर हो, तब तक उस पर काम करते रहें।


सामान्य गलतियाँ जो कल्पना विधि को विफल कर सकती है


कुछ बुनियादी गलतियाँ हैं जो लोग स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कल्पना तकनीक का अभ्यास करते समय अक्सर करते हैं। ये गलतियाँ तकनीक की दक्षता को कम कर सकती हैं और उन्हें वांछित परिणाम प्राप्त करने से रोक सकती हैं। हम इनमें से कुछ गलतियों के बारे में बात करेंगे और उन्हें कैसे रोका जाए इसके बारे में भी चर्चा करेंगे।


ध्यान की कमी


स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कल्पना तकनीक का उपयोग करते समय ध्यान की कमी लोगों द्वारा की जाने वाली सबसे आम गलतियों में से एक है। ऐसा तब हो सकता है जब व्यक्ति बाहरी उत्तेजनाओं से आसानी से विचलित हो जाता है या यदि वे दृश्य प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से मौजूद नहीं होते हैं। 


इस त्रुटि को रोकने के लिए, कुछ रुकावटों के साथ एक शांतिपूर्ण, आरामदायक क्षेत्र का पता लगाना महत्वपूर्ण है जहां आप कल्पना का अभ्यास कर सकें। ध्यान को बेहतर बनाने के लिए, कल्पना प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपने दिमाग से किसी भी चिंता या विचार को हटाने का प्रयास करें।


विचलित होना


एक और गलती जो लोग अक्सर करते हैं वह है कल्पना करते समय भटक जाना। ऐसा तब हो सकता है जब व्यक्ति के विचार भटकने लगते हैं या जब वे समग्र प्रभाव के बजाय दृष्टि के छोटे पहलुओं पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। 


इस त्रुटि से बचने के लिए कल्पना को बुनियादी और सरल रखना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, बाहरी विकर्षणों को कम करने के लिए कल्पना करते समय अपनी आँखें बंद करने का प्रयास करें।


अवास्तविक उम्मीदें


सुस्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कल्पना तकनीक का उपयोग करते समय, अवास्तविक अपेक्षाएँ रखना एक सामान्य गलती है। पहली बार जब वे तकनीक का उपयोग करते हैं, तो वे एक स्पष्ट स्वप्न देखने या अपने स्वप्न पर पूर्ण नियंत्रण पाने की आशा कर सकते हैं। 


यदि इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं, तो इससे निराशा और असंतोष हो सकता है। कल्पना प्रक्रिया शुरू करते समय, इस गलती से बचने के लिए उचित अपेक्षाएँ रखना महत्वपूर्ण है। अपने साथ धैर्य रखें क्योंकि स्पष्ट सपने देखना सीखना एक प्रतिभा है जिसमें महारत हासिल करने के लिए समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है।


वास्तविक मामले का अध्ययन


विज़ुअलाइज़ेशन विधि एक प्रभावी उपकरण है जो स्पष्ट स्वप्न देखने में सहायता कर सकती है। हालाँकि यह विधि सीधी लगती है, लेकिन इसमें महारत हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बहरहाल, कई लोगों ने सुस्पष्ट स्वप्न देखने के लिए कल्पना विधि को सफलतापूर्वक अपनाया है और समय और दृढ़ता के साथ इसका लाभ उठाया है।


जॉन एक 35 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जो हमेशा स्पष्ट सपने देखने से मोहित हो गया है। कल्पना विधि की शक्ति को अपनाने से पहले उन्होंने कई तरीकों का प्रयोग किया था। रात को सोने से पहले, उसने अपने दिमाग में एक सीधा-सादा दृश्य चित्रित करना शुरू कर दिया। 


धीरे-धीरे, वह ज्वलंत विवरणों के साथ और अधिक जटिल चीज़ों को गढ़ने में सक्षम हो गया। जैसे-जैसे उन्होंने विज़ुअलाइज़ेशन दृष्टिकोण का उपयोग करना जारी रखा, उन्होंने देखा कि उनके सपने स्पष्ट हो गए और उन्हें प्रबंधित करना आसान हो गया।


एक अन्य उदाहरण 29 वर्षीय कलाकार लिसा का है, जिसने विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करके रचनात्मक रुकावटों पर काबू पाई। खुद को कला बनाते हुए चित्रित करने से पहले वह खुद को एक शांत वातावरण में चित्रित करती थी। उसने पाया कि जैसे-जैसे उसने विज़ुअलाइज़ेशन दृष्टिकोण का उपयोग करना जारी रखा, उसकी रचनात्मकता बढ़ती गई और वह अधिक अनूठी और अत्याधुनिक कलाकृति बनाने में सक्षम हो गई।


अंतिम विचार

संक्षेप में, कल्पना तकनीक स्पष्ट सपनों को ट्रिगर करने और स्वप्न सामग्री को विनियमित करने के लिए अच्छी तरह से काम करती है। मानसिक छवियों को बनाकर और उनके साथ बातचीत करके लोगों की रचनात्मकता, प्रज्ञा के स्तर और शांति को बढ़ाया जा सकता है। 


हालाँकि, कल्पना पद्धति का अभ्यास करने के लिए दृढ़ता और धैर्य की आवश्यकता होती है, यह निश्चित रूप से प्रयास के लायक है। 


|| अध्याय 19 ||

स्पष्ट स्वप्न के लिए ध्वनि थेरेपी

ध्वनि चिकित्सा एक आकर्षक तकनीक है जो ध्वनि की शक्ति का उपयोग करने से संबंधित है। हाल के दिनों में, इसने स्पष्ट स्वप्न अनुभव को बढ़ाने के एक माध्यम के रूप में लोकप्रियता हासिल की है।


इस अध्याय में हम ध्वनि चिकित्सा के मनोरम क्षेत्र पर चर्चा करेंगे और हम यह भी जानेंगे कि यह कैसे किसी को भी सुस्पष्ट सपनों की असाधारण दुनिया को अनलॉक करने में मदद कर सकता है।


ध्वनि थेरेपी: सुस्पष्ट स्वप्न देखने का प्रवेश द्वार


ध्वनि चिकित्सा एक प्राचीन पद्धति है जो विभिन्न ध्वनि आवृत्तियों और कंपनों का उपयोग करती है। यह थेरेपी साउंड हीलिंग और वाइब्रेशनल मेडिसिन जैसे अन्य नामों से भी व्यापक रूप से लोकप्रिय है। ये ध्वनि आवृत्तियाँ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।


ध्वनि चिकित्सा के पीछे सबसे बुनियादी सिद्धांतों में से एक यह है कि ब्रह्मांड में हर चीज कंपन ऊर्जा से बनी है। हमारे भौतिक शरीर से लेकर हमारे अभौतिक विचारों तक, सभी कंपन हैं।


यदि हम विशिष्ट और विशेष ध्वनियों का उपयोग करें तो हम इन कंपनों में सामंजस्य और संतुलन बना सकते हैं। इससे गहन विश्राम की स्थिति मिलती है और हमारी आत्म-चेतना भी बढ़ती है।


साउंड थेरेपी और स्पष्ट स्वप्न के बीच की कड़ी


स्पष्ट स्वप्न जिसे सचेत सपना के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार का सपना है जिसमें हमारा चेतन मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और हमें पता चलता है कि हम सपने के अंदर सपना देख रहे हैं। 


साउंड थेरेपी सुस्पष्ट सपनों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और सपने देखने वालों को अपने सपनों के बारे में जागरूक होने में मदद करती है। इस प्रकार की थेरेपी मस्तिष्क तरंग गतिविधि पर अपने प्रभाव के माध्यम से स्पष्ट सपनों को बढ़ाती है।


Brainwave Entrainment (ब्रेनवेव एंट्रेनमेंट): स्पष्ट सपने देखने की कुंजी


ब्रेनवेव एंट्रेनमेंट वह प्रक्रिया है जो मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि को विशिष्ट आवृत्तियों के साथ संरेखित करती है। यह ध्वनि या प्रकाश जैसी बाहरी उत्तेजनाओं से प्रभावित हो सकता है।


यदि आप अपने मस्तिष्क को विशिष्ट आवृत्तियों के संपर्क में लाते हैं तो यह आपके मस्तिष्क तरंगों को सिंक्रनाइज़ करने में मदद कर सकता है और इससे चेतना की परिवर्तित अवस्थाएँ हो सकती हैं।


सुस्पष्ट सपनों को साकार करने के लिए यह समन्वयन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके इतने महत्वपूर्ण होने का कारण यह है कि यह स्वप्न अवस्था के दौरान मस्तिष्क के जागरूकता केंद्रों को सक्रिय करता है।


Binaural Beat For Lucid Dream in Hindi


मैं जानता हूं कि आपमें से कई लोग इसके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। अगर आपने अब तक इसका इस्तेमाल नहीं किया है तो आपको इसे जरूर ट्राई करना चाहिए. यह कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छा काम कर सकता है लेकिन दूसरों के लिए इसकी गारंटी नहीं है।


स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए ध्वनि चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय तकनीकों में से एक है binaural beats। प्रत्येक कान में दो अलग-अलग आवृत्तियों को पेश करके बिनौरल बीट्स बनाई जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क एक तीसरी आवृत्ति का अनुभव कर सकता है जिसे "बीट" के रूप में जाना जाता है।


ये beats विशेष मस्तिष्क तरंग पैटर्न को उत्तेजित कर सकती हैं जो मानव चेतना की विभिन्न अवस्थाओं से जुड़ी हैं। और ऐसी ही एक अवस्था है स्पष्ट स्वप्न अवस्था। तो यह स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए फायदेमंद हो सकती है।


गूगल प्लेस्टोर पर कुछ बाइनॉरल बीट्स ऐप्स:


Binaural Beats - study music

बाइनॉरल बीट्स थेरेपी

बाइनॉरल: मस्तिष्क तरंगों को मात देता है


सुस्पष्ट स्वप्न के लिए ध्वनि चिकित्सा को कैसे उपयोग करें


इस ध्वनि चिकित्सा के साथ अपनी सुस्पष्ट स्वप्न यात्रा में शीघ्र सफलता पाने के लिए, नीचे दिए गए व्यावहारिक चरणों का पालन करें:


एक स्वप्न-अनुकूल साउंडस्केप बनाएं:


एक शांतिपूर्ण और आरामदायक नींद का माहौल चुनें जहां आप खुद को ध्वनि में डुबो सकें। फिर सुखदायक संगीत या रिकॉर्डिंग का चयन करें जो विशेष रूप से स्पष्ट स्वप्न देखने के लिए बनाई गई हैं। यह आपके सपनों की खोज के लिए मंच तैयार करने में मदद कर सकता है।


बाइनॉरल बीट्स का परिचय:


आपको बाइन्यूरल बीट्स रिकॉर्डिंग ढूंढनी होगी जो थीटा ब्रेनवेव रेंज (4-8 हर्ट्ज) को लक्षित करती है। यह श्रेणी आमतौर पर सुस्पष्ट सपनों से जुड़ी होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि beat प्रत्येक कान तक ठीक से पहुंच रही हैं, हेडफ़ोन या इयरफ़ोन पहनने का प्रयास करें। इस तरह, आप बाइन्यूरल बीट्स की प्रभावशीलता को अधिकतम कर सकते हैं।


ध्वनि थेरेपी को अन्य तकनीकों के साथ मिलाएं:


आपको यह ध्यान रखना होगा कि इस ध्वनि चिकित्सा का उपयोग अन्य स्पष्ट स्वप्न देखने की तकनीकों के साथ भी किया जा सकता है। कई शक्तिशाली तकनीकें हैं जैसे ऑल डे अवेयरनेस, रियलिटी चेक, ड्रीम जर्नलिंग, मेडिटेशन आदि।


यदि आप इन तकनीकों को ध्वनि चिकित्सा के साथ जोड़ते हैं तो आप आसानी से सपनों में स्पष्ट बनने की संभावना बढ़ा सकते हैं।


अंतिम विचार

मैं यह कहना चाहता हूं कि ध्वनि चिकित्सा आपके सुस्पष्ट स्वप्न अनुभव को बढ़ाने के लिए एक रोमांचक और सुलभ दृष्टिकोण प्रदान करती है। यदि आप ध्वनि आवृत्तियों और मस्तिष्क तरंग अवरोधन की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम हैं, तो आप उल्लेखनीय स्वप्न यात्राएं शुरू कर सकते हैं।


एक सुस्पष्ट स्वप्न यात्रा पूरी तरह से रचनात्मकता, अन्वेषण, आत्म-खोज, इच्छाओं को पूरा करने और आध्यात्मिकता से भरी होती है। आपको यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सफलता की कुंजी निरंतरता और खुले दिमाग में निहित है। तो, आप किसका इंतजार कर रहे हैं, अपना हेडफोन लें और साउंड थेरेपी की दुनिया में उतर जाएं।


    स्वप्न नियंत्रण एवं स्थिरता

|| अध्याय 20 ||

स्वप्न स्थिरता: सुस्पष्ट स्वप्न में अधिक समय तक कैसे रहें?

How To Lucid Dream in Hindi


अपने स्पष्ट सपनों को लंबे समय तक बनाए रखने की सिद्ध तकनीकों को सीखें और अपने अवचेतन मन की असीमित संभावनाओं का पता लगाएं। हमारी चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका के साथ, आप नियंत्रण में रहने और अधिक ज्वलंत और यादगार सपनों का अनुभव करने में सक्षम होंगे।


स्पष्ट सपनों को लंबे समय तक बनाए रखने का लक्ष्य उस समय की अवधि को बढ़ाना है जब आपको पता चले कि आप सपना देख रहे हैं। अधिक ज्वलंत और यादगार अनुभव के लिए, अपने सुस्पष्ट स्वप्न की अवधि को लंबा करना बहुत महत्वपूर्ण है।


संकल्प शक्ति का प्रयोग करें 


सोने से पहले एक लंबा स्पष्ट सपना देखने का संकल्प लें। आप प्रगाढ़ संकल्प ले जो आपको हर हाल में स्पष्ट स्वप्न में बहुत लंबे समय के लिए टीका सके।


केंद्रित रहिए


यदि आप एक स्पष्ट सपने में प्रवेश करते हैं तो सपने में शांत और केंद्रित रहने का प्रयास करें। आपको यह जानना होगा कि उत्तेजना और डर के कारण सपना समय से पहले ख़त्म हो सकता है। तो, इसे ध्यान में रखें.


सपनों का माहौल महसूस करें


ऐसी गतिविधियों में संलग्न रहें जो दिलचस्प हों जैसे कि स्वप्न के वातावरण की खोज करना या स्वप्न की वस्तुओं को छूना। यह आपका ध्यान सपनों की दुनिया में बनाए रखने में सहायता करेगा और सपने को लंबे समय तक बरकरार रखेगा।


स्वप्न स्थिरीकरण तकनीक


स्पष्ट स्वप्न को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए आपको स्वप्न स्थिरीकरण की कुछ तकनीकें अपनानी होंगी, जैसे कि अपने हाथों को एक-दूसरे से रगड़ना या अपनी जगह पर गोल गोल घूमना। 


यह स्वप्न को धूमिल होने से रोकता है। बार-बार हाथ रगड़ने की तकनीक का प्रयोग करके अपने सपने को फीका होने से रोकें। यकीन मानो यह बहुत ही प्रभावशाली तरीका है।


स्वप्न पात्रों से बात करें


जितना संभव हो सके अपने सपनों के माहौल के साथ बातचीत करने की कोशिश करें जैसे कि सपनों के पात्रों के साथ बात करना। यह आपको सपने में स्थिर करने और उसे अधिक वास्तविक महसूस कराने में मदद कर सकता है। सपने में मौजूद लोगों से बातें करना यकीनन बहुत मजेदार होता है।


लक्ष्य बनाना


सोने से पहले कल्पना करें कि आप क्या करना चाहते हैं। हो सकता है कि आप का लक्ष्य सपने में किसी से मिलना हो या किसी नई जगह घूमना हो। मुख्य बात सपने में पूरा करने के लिए एक लक्ष्य या कार्य होना आवश्यक है। यह आपको प्रेरित रखने और सपने पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद कर सकता है।


स्वप्न स्पष्टता का प्रयोग करें


जागने की इच्छा को रोकने की कोशिश करें, भले ही सपना अस्थिर होने लगे। सपने में आकाश की ओर देखते हुए जोर से चिल्लाओ की इस सपने को स्पष्ट करो और फिर देखो क्या होता है। यह काम करता है क्यूं की सपना आपके कलात्मक मन से निर्मित होता है। सपने में विश्वास बहत ही महत्वपूर्ण और जरूरी होती है।


अन्य स्वप्न स्थिरीकरण तकनीकें


1. सपने में बहुत ज्यादा भावुक होने से बचें, क्योंकि मजबूत भावनाएं सपने के खत्म होने का कारण बन सकती हैं। अगर सपने में आप मृत प्रियजन से मिल रहे हैं तो अपने भवानावो पर नियंत्रण रखे।


2. स्पष्ट स्वप्न देखने का नियमित रूप से अभ्यास करें, क्योंकि इससे आपको स्पष्टता बनाए रखने में मदद मिलेगा।  हर समय जागरूकता का अभ्यास करें।


3. अपनी नींद की अवधि बढ़ाने के लिए तकनीकों का उपयोग करें, जैसे सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करना या जल्दी सो जाने के लिए विश्राम तकनीकों का उपयोग करना। इससे आपको स्वप्न अवस्था में बिताने के लिए अधिक समय मिल सकता है। सोने से पहले अपने मन को पूरी तरह शांत कर लें। यदि आप सुबह उठने के बाद अपने सिर में दर्द महसूस करते हैं तो इसका सीधा मतलब यह है कि आप कल रात को अत्यधिक सोचते हुए सोए थे। ओवरथिंकिंग करना सोने का बुरा आदत है।


4. अपने सपने में संवेदी विवरणों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें, जैसे कि आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले दृश्य, ध्वनियाँ और भावनाएँ। यह सपने को अधिक ज्वलंत और वास्तविक बनाने में मदद कर सकता है, और सपने को लम्बा करने में मदद कर सकता है।


5. सपने में पुष्टि का प्रयोग करें, जैसे अपने आप से कहें "मैं सपना देख रहा हूं" या "यह एक सपना है।" यह इस विचार को सुदृढ़ करने में मदद कर सकता है कि आप सपने में हैं और सपने को समाप्त होने से रोकने में मदद कर सकता है।


6. अपने सपने के शरीर को गतिशील रखने का प्रयास करें। सपने में शरीर को गति में बनाए रखने से दिमाग का वह भाग जो सपने के लिए जिम्मेदार होता है, अधिक सक्रिय रहता है। यह सपने को ख़त्म होने से रोकने में मदद करता है और सपने को स्थिर करने में भी मदद कर सकता है।


7. इस तथ्य से अवगत रहने का प्रयास करें कि आप हर समय सपना देख रहे हैं। आप सपने में बार-बार रियलिटी चेक करते रहें। रियलिटी चेक करते रहने से आपका फोकस ड्रीम वर्ल्ड में बना रहेगा। यह आपको स्पष्ट स्थिति में रखने में मदद मदद करेगा।


8. कोशिश करें कि सपने में बहुत ज्यादा उत्साहित या उत्तेजित न हों। यदि आप सुस्पष्ट स्वप्न देखने में शुरुआती हैं तो मेरी सलाह है कि ड्रीम सेक्स जैसी रोमांचकारी चीजों का प्रयास न करें। अगर आप ऐसे सपने का अनुकरण करेंगे तो आप बहुत उत्साहित हो जाएंगे और सपने से जाग जाएंगे। पहले आप सपनों की दुनिया में अपना पैर जमाइए और फिर ऐसे रोमांचक सपनो का अनुभव लीजिए।


9. अपने सुस्पष्ट सपनों को लम्बा करने में मदद के लिए बाइन्यूरल बीट्स या अन्य ब्रेनवेव एंट्रेनमेंट तकनीकों का उपयोग करने पर विचार करें। ये तकनीकें आपको गहन विश्राम की स्थिति में रखने में मदद कर सकती हैं और आपके सपनों की अवधि बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं।


अंतिम विचार

स्पष्ट स्वप्न देखने की कला वास्तव में एक जादुई और सुंदर अनुभव है। यह हमें अपने अवचेतन मन की शक्ति का दोहन करने और हमारी कल्पना की असीमित क्षमता की खोज करने की अनुमति देता है। स्पष्ट सपनों को लंबे समय तक कायम रखने का तरीका सीखकर, हम खुद को संभावनाओं की एक पूरी नई दुनिया के लिए खोलते हैं, जहां हम नए दृष्टिकोण तलाश सकते हैं, अपने डर पर काबू पा सकते हैं और यहां तक कि अपनी समस्याओं का समाधान भी कर सकते हैं।


स्पष्ट सपनों को लंबे समय तक बनाए रखना आसान नहीं है, इसके लिए अभ्यास और निरंतरता की आवश्यकता होती है, लेकिन सही तकनीक, धैर्य और दृढ़ता के साथ, कोई भी इस कौशल में महारत हासिल कर सकता है।


तो, सुस्पष्ट सपनों की सुंदरता को अपनाएं, अपने दिमाग को सपनो की दुनिया में गोता लगाने दें, और उन चमत्कारों की खोज करें जो आपके अवचेतन की दुनिया में आपका इंतजार कर रहे हैं। प्रत्येक स्पष्ट सपने के साथ, आप स्वयं की एक नई परत, आत्म-खोज का एक नया मार्ग और अपने अंतरतम से जुड़ने का एक नया तरीका खोलेंगे। सुस्पष्ट स्वप्न देखने की शुभकामनाएँ!


|| अध्याय 21 ||

ल्यूसिड ड्रीम्स में करने के लिए शीर्ष 50 चीजें 

स्पष्ट सपने में करने के लिए शीर्ष 50 रोमांचक चीज़ें।


ऐसी अनगिनत चीज़ें हैं जो आप एक स्पष्ट स्वप्न में कर सकते हैं। केवल आपकी कल्पना ही एक सीमा है!


नीचे स्वप्न में की जाने वाली कुछ सर्वोत्तम चीज़ें दी गई हैं जिन्हें वास्तविक जीवन में करना कठिन होता है:


1. उड़ो - पक्षी या सुपरमैन की तरह आकाश में उड़ो!


2. दूसरे ग्रह पर जाएँ - नई दुनिया का पता लगाएं और एलियंस से मिलें!


3. डॉल्फ़िन के साथ तैरें - अपने चेहरे पर समुद्र के स्प्रे और डॉल्फ़िन की फिसलन भरी त्वचा को महसूस करें।


4. अपनी खुद की दुनिया बनाएं - अपने सपनों का घर डिजाइन करें। अपने आसपास के मौसम को अपने मुताबिक सेट करे।


5. एक मास्टर शेफ बनें - अपने सपनों की रसोई में तूफान मचा दें, स्वादिष्ट भोजन तैयार करें जो देखने में और स्वाद में अविश्वसनीय हो।


6. एक सुपरहीरो बनें - अपने पसंदीदा कॉमिक बुक चरित्र के रूप में दिन बिताएं या अपना खुद का अनोखा सुपरहीरो बनाएं।


7. समय में पीछे जाएँ - प्राचीन सभ्यताओं का अन्वेषण करें या प्रसिद्ध ऐतिहासिक शख्सियतों से मिलें।


8. खेल खेलें - फुटबॉल से लेकर फिगर स्केटिंग तक, किसी भी प्रकार के खेल में शामिल हों जिसके बारे में आप सोच सकते हैं।


9. लॉटरी जीतें - आप दस खराब रूपियो का क्या करेंगे?


10. अपने सपने में A+ ग्रेड प्राप्त करें - जिस परीक्षा से आप डर रहे थे उसमें A+ ग्रेड प्राप्त करें या अपने स्कूल के खेल में शानदार प्रदर्शन करें।


(एक सुस्पष्ट स्वप्न में आप क्या कर सकते हैं इसकी अनंत संभावनाएँ हैं।)


11. अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शक से मिलें

12. किसी खोए हुए प्रियजन से पुनः मिलें 

13. किसी पिछली समस्या का समापन करें

14. प्राकृतिक आपदा का साक्षी बनें

15. समय यात्रा करे

16. अपनी पसंदीदा फिल्म में हीरो बनें

17. अपने पसंदीदा बैंड के संगीत कार्यक्रम में जाएँ

18. बच्चे पैदा करें 

19. एक जानवर बनें 

20. एक पेड़ लगाए

21. किसी की जान बचाएं

22. चाँद पर जाओ

23. शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण में रहें

24. ड्रैगन से लड़ो

25. एक गेंडा की सवारी करें

26. डॉल्फ़िन के साथ तैरें

27. एक बड़ी भीड़ को भाषण दें 

28. एक दौड़ जीते

29. एक टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करें

30. नया स्वरूप प्राप्त करें

31. डेट पर जाएं

32. शादी करें 

33. स्काइडाइविंग करें

34. प्याराग्लाइडिं करे

35. हैंग ग्लाइडिंग

36. बंजी जंपिंग

37. गहरे समुद्र में गोताखोरी करें

38. एक प्रेतवाधित घर का अन्वेषण करें

39. कार्निवल में जाओ

40. सभी रोलर कोस्टर की सवारी करें

41. सफ़ारी पर जाओ

42. स्कीइंग या स्नोबोर्डिंग करें

43. सर्फिंग या वेकबोर्डिंग पर जाएँ

44. ऐसा खेल खेलें जिसे आपने पहले कभी नहीं आजमाया हो

45. किसी मनोरंजन पार्क में जाएँ

46. किसी वॉटर पार्क में जाएँ

47. घुड़सवारी करो

48. लंबी पैदल यात्रा या कैंपिंग पर जाएं

49. कयाकिंग या व्हाइट वॉटर राफ्टिंग करें

50. गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी पर जाएँ


अंतिम विचार

संभावनाएं अनंत हैं - आप अपने अगले स्पष्ट सपने में क्या करेंगे?


सुस्पष्ट सपने अविश्वसनीय रूप से ज्वलंत और यथार्थवादी हो सकते हैं, और अक्सर जागने वाले जीवन की तुलना में अधिक वास्तविक महसूस हो सकते हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि स्पष्ट स्वप्न देखना आत्म-अन्वेषण और व्यक्तिगत विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है


|| अध्याय 22 ||

ल्यूसिड ड्रीम सेक्स | The Ultimate Fantasy

क्या आप सोच रहे हैं कि स्पष्ट स्वप्न में सेक्स कैसे किया जाए। क्या आपने कभी सोचा है कि सचेत कामुक स्वप्न संभव है या नहीं?


इस अध्याय में ड्रीम सेक्स को लेकर आपके सारे संदेह दूर हो जाएंगे। आप यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि स्वप्निल सेक्स वास्तविक जीवन के सेक्स जितना ही आनंददायक होता है। मेरे दृष्टिकोण में, यह वास्तविक सेक्स से भी अधिक वास्तविक है। इसमें आवश्यकता सिर्फ इतनी है कि आपको अधिक जागरूक होना होगा।


इसे पढ़ने के बाद आपका एक्समेंट लेवल बहत हद तक बढ़ सकता है। कृपया आप खड़े है तो कही बैठ जाए और सीट बेल्ट बांध लीजिए। इस टॉपिक को पढ़ने के बाद सपना को देखने का जो नजरिया है वह आपके लिए पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहेगा। 


यह जानकर आपको पता चल जाएगा कि आपके अंदर ही खजाना मौजूद है और आप फालतू में बाहर समय बर्बाद कर रहे थे, इधर उधर भटक रहे थे और धक्के खा रहे थे। खैर छोड़िए, भटकना भी जरूरी है।


आपको अपने दिमाग की ऐसी शक्ति के बारे में पता चलेगा जिसके बारे में आपने कभी सोचा नहीं होगा। तो ज्यादा से ज्यादा समय न गंवाते हुवे चलिए आपको बता ही देते हैं कि आप कैसे अपने उस स्वप्न सुंदरी के साथ आनंद ले सकते हैं जिसे आपने कभी चाहा था, या कहे की चाह रहे हैं।


जब भी आपको सपने में यह पता चले कि आप सपना देख रहे हैं तो आप किसी भी तरह का सपना देख सकते हैं। आप सपने को अपनी इच्छानुसार बदल सकते हैं। आप जिस सपने को देखना चाहते हैं उस सपने को आप देख सकते हैं। उसे अनुभव कर सकते हैं। उसका आनंद ले सकते हैं। सुस्पष्ट स्वप्न को प्रमाणित किया जा चुका है और यह वास्तविक होता है।


ल्यूसिड ड्रीम में सेक्स कैसे करें?


1. जब आप सपने में यह जान जायेंगे कि आप सपना देख रहे हैं तो सबसे पहले आप अपने मन को शांत और स्थिर करें।


2. सबसे पहले आपको सपने में अपना संतुलन बनाना होगा। उसके बाद अगर आपका सपना धुंधला सा है तो आपको इसे स्पष्ट करना होगा। आप सपने में जोर से चिल्ला के बोल सकते हैं कि यह सपना को स्पष्ट करो।


3. अब आपको एक कमरे के दरवाजा को कल्पना करना होगा। अगर आपको दरवाजा नहीं मिल रहा है तो आपको इसे अपनी इच्छा शक्ति से बनाना होगा।


4. अगर आपको दरवाज़ा मिल गया है तो दरवाज़े के ठीक सामने खड़े हो जाएं।


5. अब आप अपने मन में यह सोचिए कि जब मैं इस दरवाजे को खोलूंगा तो एक बहुत ही खूबसूरत स्त्री मेरा इंतजार कर रही होगी। इस पर पूर्ण श्रद्धा से विश्वास करें। यदि आप इस पर पूरा विश्वास नहीं करते हैं तो चीजें आपकी इच्छा के विपरित भी हो सकती है।


6. अब धीरे से दरवाजा खोलें और आप पाएंगे कि जिस स्त्री के साथ आप संबंध बनाना चाहते हैं वह स्त्री सुगंधित फूलों की सेज पर आपका इंतजार कर रही है।


7. धीरे-धीरे आपको हल्के पैरों से उस बिस्तर के पास जाना है। अब आपको उस स्त्री से बाते करनी होगी। जंगली जानवर की तरह उस पर टूट मत पड़िएगा। आपको यह काम बहुत सावधानी से करना होगा वरना आप जाग जाओगे.


8. पहले उससे बात करें, ढेर सारे प्रश्न पूछें, उससे मिलें, फिर जो भी आप उसके साथ करना चाहते हैं वह करना शुरू करें। आपको यह विश्वास करना होगा कि वह सुंदर स्त्री भी आपमें रुचि रखती है।


यदि वह स्त्री आप में उत्सुक नहीं है तो फिर आप ही जानिए, मैं इस में कुछ नही कर सकता। ~ मजाक


9. बाते करते समय आपको एक बात का ध्यान देना है कि आप उस स्त्री को यह न बताएं कि यह एक सपना है। ये उसके लिए बहुत अजीब होगा. इससे आपका सपना असंतुलित हो सकता है.


10. तो अब आपको वह करना शुरू कर देना चाहिए जो आप करना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है की आपको करना तो आता ही होगा। सब को आता है, आपको भी आना चाहिए।


11. ऐसे सपने बहुत रोमांचक होते हैं। ऐसा करते समय आपको समय-समय पर रियलिटी चेक करते रहना होगा। करते वक्त इतना मत जुड़ जाना कि तुम यह भी भूल जाओ कि तुम एक स्पष्ट स्वप्न देख रहे थे।


नोट: देखो, मैने जो आपको यह विधि बताई है, इसको फॉलो करना जरूरी है। क्यों जरूरी है, मैं आपको बताता हूं। आप चाहे तो सपने में किसी स्त्री को देखते ही उसके साथ करना सुरु कर सकते है; जो बहत सारे नए lucid dreamers करते भी है। पर मेरा यकीन मानो, यदि आप ऐसे संबंध बनाएंगे तो आप ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएंगे। मेरा मतलब है की आप अधिक उत्तेजित हो कर तुरंत जाग जायेंगे।


फिर वह स्त्री सोचेगी, रहे कहा गया, अभी तो कर रहा था। आचनक बीच में ही छोड़ कर नजाने कहा चला गया। लगता है डर कर भाग गया। मदमास कहिका!


अंतिम विचार

सुस्पष्ट स्वप्न के कई उपयोग हैं। इसके कई फायदे हैं। इसका एक फायदा यह है कि आप सुस्पष्ट सपनों के जरिए संभोग का आनंद ले सकते हैं।


(इस अध्याय को थोड़ा मजाकिया अंदाज में लिखा गया है। कृपया दिल से ना लें। देखो, यह सब मोह माया है, इस माया के चंगुल से आप जितना जल्दी हो सके बाहर निकले। जाग जाना ही धर्म है।)


|| अध्याय 23 ||

किसी मनचाहे इंसान को स्पस्ट सपने में कैसे लाए

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्पष्ट सपनों में वांछित चरित्र बनाना एक मजेदार और फायदेमंद अनुभव होता है।


सुस्पष्ट सपनों में वांछित चरित्र बनाना क्यों महत्वपूर्ण है?


कई सपने देखने वाले स्पष्ट सपने देखना सिर्फ इसलिए सीखते हैं ताकि वे अपने सपनों में जो चाहें कर सकें। लेकिन नए स्पष्ट सपने देखने वालों को अपने पसंदीदा लोगों को अपने सपनों में लाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वे सपनों को अपनी इच्छा के अनुसार बदलने में कुशल नहीं होते हैं।


यदि आप एक नए स्पष्ट सपने देखने वाले हैं, और आप अपने पसंदीदा चरित्र को अपने सपने में लाना चाहते हैं, तो आप नीचे दी गई तकनीकों का उपयोग करके आसानी से अपने सपने में किसी भी व्यक्ति का अनुकरण कर सकते हैं।


शुरुआती लोगों के लिए स्वप्न चरित्र बनाना कठिन क्यों है?


जिन लोगों को आप चाहते हैं उन्हें अपने सपनों में न ला पाने का एक कारण कल्पना की कमी या विश्वास की कमी है।


यदि कोई व्यक्ति कल्पना करने में बहुत कुशल है तो वह व्यक्ति किसी को भी आसानी से अपने सपने में ला सकता है। या फिर सपने में जो भी व्यक्ति उसके सामने हो, वह उस व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार किसी भी व्यक्ति में बदल सकता है।


इसीलिए इस प्रकार के सुस्पष्ट स्वप्न देखने के लिए व्यक्ति के पास महान कल्पनाशक्ति होनी चाहिए और साथ ही अपनी कल्पना पर दृढ़ विश्वास भी होना चाहिए।


तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए समझते हैं कि आप उस शख्स को अपने सपनों में कैसे ला सकते हैं जिसके साथ आप जागते हुए समय बिताने का सपना देखते रहते हैं।


हो सकता है कि आप अपने सपने में अपनी एक्स-गर्लफ्रेंड (या एक्स-बॉयफ्रेंड) को लाना चाहते हों, या फिर किसी बेहद खूबसूरत सेलिब्रिटी के साथ सपने में वक्त बिताना चाहते हों। खैर, आप जो चाहें कर सकते हैं


मैं अक्सर अपने स्कूल के दोस्तों को अपने सपनों में लाता हूँ और अपने स्कूली जीवन को फिर से जीवंत करता हूँ जिसे मैंने पहले अच्छी तरह से नहीं जीया था।


सुस्पष्ट सपनों में वांछित चरित्र बनाने के लिए युक्तियाँ?


सुस्पष्ट स्वप्न में वांछित स्वप्न पात्र बनाने के लिए यहां कुछ अद्भुत सुझाव दिए गए हैं:


सोने से पहले एक इरादा बनाए


बिस्तर पर जाने से पहले, उन पात्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ मिनट निकालें जिनसे आप अपने सपने में मिलना चाहते हैं। उन्हें अपने मन में कल्पना करें और सपने में उनसे मिलने का इरादा बनाएं।


इससे आपको सपने में उनकी उपस्थिति के लिए बीज बोने में मदद मिल सकती है। और एक बात और, अपने इरादे पर पूरा भरोसा रखें और नकारात्मकता को अपने दिमाग में न आने दें।


अपने पात्र को बुलाना


यदि आप पहले से ही एक स्पष्ट सपने में हैं और विशिष्ट पात्रों को अपने सपनों के परिदृश्य में लाना चाहते हैं, तो उन्हें प्रकट होने के लिए कहने का प्रयास करें।


और आप यह कैसे करेंगे? खैर, आप सपने में खुद से बात करके ऐसा कर सकते हैं। जिन लोगों को आप अपने सामने लाना चाहते हैं उनसे बात करना शुरू करें और जल्द ही आप उन्हीं लोगों को अपने सामने खड़ा पाएंगे।


यह तकनीक काम करता है क्योंकि सपनों का कोई तर्क नहीं होता। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सपने में जिनसे बात कर रहे हैं वो आपके सामने खड़े हैं या नहीं। वे तभी प्रकट होते हैं जब आपका विश्वास तंत्र मजबूत हो। इसे आज़माएं, मुझे यकीन है कि यह काम करेगा।


विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करें


जागते समय, अपने सपने में पात्रों को प्रकट करने में मदद के लिए विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करने का प्रयास करें। अपनी आँखें बंद करें और कुछ गहरी साँसें लें, फिर अपने मन में पात्रों की कल्पना करें।


उन्हें स्पष्ट रूप से और यथासंभव विस्तार से देखें। जितनी अधिक स्पष्टता से आप पात्रों की कल्पना कर सकते हैं, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे आपके सपने में दिखाई देंगे।


आप इस विधि से पहले से ही परिचित हैं, हाँ? अगर आप दिन भर किसी व्यक्ति के बारे में सोचते रहते हैं तो रात को वह व्यक्ति आपके सपने में आ जाता है।


पात्रों के साथ ऐसे बातचीत करें जैसे कि वे वास्तविक हों।


एक बार जब पात्र आपके सपने में दिखाई दें, तो उनसे बात करने और उनके साथ बातचीत करने का प्रयास करें जैसे कि वे वास्तविक लोग हों। इससे पात्रों को सपने में अधिक "वास्तविक" और पूरी तरह से गठित महसूस कराने में मदद मिल सकती है।


अगर आपका पसंदीदा व्यक्ति सपने में आता है तो उसके साथ अजीब व्यवहार न करें। उसके साथ प्यार से व्यवहार करें और एक सुंदर और मनमोहक समय बिताएं।


स्वप्न नियंत्रण तकनीकों का अभ्यास करें


अपने सपने पर अधिक नियंत्रण पाने और वांछित पात्रों को लाना आसान बनाने के लिए, स्वप्न नियंत्रण तकनीकों का अभ्यास करने का प्रयास करें।


इसमें आपके सपनों के वातावरण और आपके सपनों की वस्तुओं में हेरफेर करना, सपने में लचीलापन विकसित करना, नींद के बारे में जागरूकता बढ़ाना और यहां तक कि सपने के पाठ्यक्रम को बदलना भी शामिल हो सकता है।


आपको सपनों में एक शक्तिशाली विश्वास प्रणाली स्थापित करने पर भी काम करना होगा।


एक स्वप्न डायरी रखें


अंततः, एक स्वप्न पत्रिका रखना और उसमें अपने सपनों को दर्ज करना सहायक हो सकता है। अपने बिस्तर पर सपनों की डायरी रखें और जागने के तुरंत बाद सपने को उस डायरी में लिखें।


शुरुआत में सपने को याद रखना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए जब आप उठें तो तुरंत अपनी आंखें न खोलें।


आंखें खोलने से पहले आपको यह याद करने पर जोर देना चाहिए कि आप नींद में क्या सपना देख रहे थे। कुछ सुराग मिलने पर उस सुराग के जरिए पूरे सपने की समीक्षा करें और फिर उसे डायरी में लिखें।


इससे आपको अपने सपनों के परिदृश्य से अधिक परिचित होने और समय के साथ इसे बेहतर ढंग से नियंत्रित करने और हेरफेर करने में मदद मिल सकती है।


अंत में, इन युक्तियों का पालन करके, आप एक सुस्पष्ट स्वप्न में वांछित स्वप्न पात्र बना सकते हैं और अधिक समृद्ध और अधिक गहन स्वप्न अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।


अंतिम विचार

स्पष्ट सपनों में वांछित चरित्र बनाने की कला में महारत हासिल करने से सपने के अनुभव में काफी वृद्धि हो सकती है।


स्वप्न नियंत्रण की यांत्रिकी को समझकर और वास्तविकता परीक्षण, पुष्टि और विज़ुअलाइज़ेशन जैसी तकनीकों का उपयोग करके, व्यक्ति सुस्पष्ट स्वप्न देखने की संभावना बढ़ा सकते हैं और बाद में स्वप्न के वातावरण और पात्रों में हेरफेर करने की क्षमता हासिल कर सकते हैं।


|| अध्याय 24 ||

आप स्पष्ट स्वप्न से कैसे बाहर निकल सकते हैं? बहुत आसान ट्रिक!

'ल्यूसिड ड्रीमिंग', एक ऐसी घटना जहां सपने देखने वाला जागरूक हो जाता है कि वे सपना देख रहे हैं। ऐसे सपने को सपने देखने वाला अपने इच्छा से नियंत्रित कर सकता हैं। 


यह एक आकर्षक और उत्साहजनक अनुभव होता है। पर, कभी कभी यह थोड़ा अचंभित करने वाला और भयावह भी हो जाता है। यदि आप एक आकर्षक सपने से जागने में असमर्थ होते है तो डरो मत। क्योंकि आकर्षक सपने के चंगुल से बाहर निकल कर वास्तविक दुनिया में लौटने के कई तरीके हैं।


सामान्य "चिट्टी कटना" विधि


आपके ही द्वारा बनाई गई स्पष्ट सपने के काल्पनिक दुनिया में फंसना स्वाभाविक है। यदि आप स्पष्ट सपने से जगना चाहते है और आप नही जाग पा रहे है तो आप स्वयं को जोर से चिट्टी काटिए। आप मानोगे नही, पर, अपने आप को चिट्टी कटना एक सामान्य लेकिन प्रभावी तरीका है! जी हां, आपने सही पढ़ा - अपने स्वप्न शरीर के किसी हिस्से में जोर से चिमटे। यह आपको मूर्खतापूर्ण लग सकता है, लेकिन दर्द की अनुभूति अक्सर आपको अपने सपनों की स्थिति से बाहर निकाल कर वास्तविकता में वापस ला सकती है। 


The "टर्न अप द वॉल्यूम" तकनीक


यदि आपको एक आकर्षक सपने से जागना मुश्किल हो रहा है, तो वॉल्यूम बढ़ाने का प्रयास करें! अपने सपने में, "जागो!" चिल्लाना शुरू करें। या "मैं वास्तविकता में वापस जाना चाहता हूँ!" आसमान के तरफ देखते हुवे जोर से चिल्लाए। यह न केवल संभावित रूप से सपने को बाधित करेगा बल्कि आपको जगाने में भी मदद करेगा। 


मजाक: कल्पना कीजिए कि जब आप सपने में जोर जोर से चिल्लाएंगे तो आपके सपने में मौजूद अन्य लोग क्या सोचेंगे। खैर, जो भी हों! जब आप किसी दुस्वप्न से बाहर आएंगे तो बहत सुकून और अच्छा महसूस होगा। एक बार आप यह 'turn up the volume' तकनीक जरूर आजमा कर देखिए की क्या होता है।


"रन फॉर योर लाइफ" सपने में तेज दौड़े


ये भी कमाल का विधि है। आकर्षक सपने से जागने का एक और प्रफुल्लित करने वाला तरीका है "Run For Your Life"! इस विधि का प्रयोग करने के लिए सपने में कल्पना करें कि आप एक विशाल बात करने वाली गाजर या क्रोधित पेंगुइन के झुंड से बच कर भाग रहे है। आप सपनों की दुनिया में तेजी से दौड़ना शुरू करें। जब सपने में आप किसी चीज से दर कर भागने लगते है अर्थात तेजी से दौड़ने लगते है तब आपका धड़कन तेज हो जाता है और आप सपने से जाग जाते है।


जब मेरे सपने डरावने हो जाते है या में सपने में भूत देख लेता हूं तब में दो तरह से रिएक्ट करता हु। यदि में सपने में सचेत हूं तो में उस भूत को ही खदहेरने लगता हु। मेरा ऐसा करने से वह भूत दर कर भाग ने लगता है और कुछ ही क्षण में यह डरावना सपने दुश्रे स्वप्न में बदल जाता है। 


पर, यदि में सपने में सचेत नहीं होता हु तब में वह भूत से दर कर भागने लगता हु। अक्सर सपने में मैं तेजी से नही भाग पता हु और भूत मुझे पकड़ ही लेता है। भूत मुझे पकड़ते ही मैं सपने से जाग जाता हु। जागने के बाद मैं थोड़ा भयभीत होता हु पर में खुद को सम्हाल लेता हूं। बाते बहत हुवा, चलिए अब चौथी विधि को देखते है।


The "डांस पार्टी" तकनीक


कौन कहता है कि आप स्पष्ट सपने से बाहर निकलने के लिए पार्टी नहीं कर सकते? अपने सपने में एक डांस पार्टी फेंको! एक भीड़ भरे डांस क्लब में होने का कल्पना करें। उस डांस क्लब में आने के बाद आप ऐसे नाचिए जैसे यह आपके आखिरी बार नाचना हो। 


नाचो, गाओ, संगीत की धुन बजाओ, और अपने आप को ढीला छोड़ दो! आपके सपने में नाचने की सरासर खुशी और प्रफुल्लितता आपके दिमाग को विचलित करने लगेगा। आपको एक बेचैनी सी होने लगेगी। यह बेचैनी आपको जगाने में मदद करने के लिए पर्याप्त होगी। 


साथ ही, सपने में डांस करना आपके असल जीवन के डांस कौशल को बढ़ाएगा। असल जीवन में आप डांस के ऐसे ऐसे स्टेप्स करने लगेंगे जिसे देख कर लोग आपके लिए पागल हो जायेगा।


 "चैनल बदलें" तकनीक

 

एक आकर्षक सपने में, आपके पास चैनल बदलने अर्थात एक अलग सपने पर स्विच करने की शक्ति होती है। अगर आप खुद को ऐसे सपने में फंसा हुआ पाते हैं जिससे आप उठ नहीं सकते, तो दृश्य बदलने की कोशिश करें। अपने आप को एक अलग स्थान या पूरी तरह से अलग परिदृश्य में कल्पना करें। आप एक समुद्र तट पर, बाहरी अंतरिक्ष में, या एक कार्टून की दुनिया में भी होने का कल्पना कर सकते हैं! 


इस तरह से आप दुस्वप्न से किसी सुंदर सपने में जा सकते है। इस तकनीक को आजमाने के लिए आपके कल्पना सकती बहत मजबूत होनी चाहिए। यदि आप सटीक कल्पना करने में असमर्थ रहे तो आप नए सपने में नही जा पाएंगे।


"कॉल फॉर हेल्प" रणनीति | मदद के लिए चिल्लाए


क्या आपको पता है की स्पष्ट सपने से जगाने के लिए आप सपने में ही किसी से मदद भी मांग सकते है। आप सपने में मौजूद किसी व्यक्ति से कहिए कि मुझे इस सपने से जगना है। फिर आप उसके जवाब का इंतजार कीजिए। 


पिछली बार जब मैने अपने सपने में एक महिला को कहा कि मुझे इस सपने से बाहर निकलना है तो वह महिला मेरे नजदीक आई और मुझे अपने दोनो हाथो से पकड़ लिया। फिर वह महिला मुझे जोर जोर से हिलाने लगी। यह देख कर में आश्चर्यचकित हो गया और मैं तुरंत ही जाग गया। यह विधि को आप भी आजमा सकते है। आज के रात ही इसे आजमाएं और देखे की क्या होता है।


"लेट गो एंड सरेंडर" दृष्टिकोण | समर्पण विधि


कभी-कभी एक आकर्षक सपने से जागने का सबसे अच्छा तरीका इसे नियंत्रित करने की कोशिश ना करना होता है। सपने से जागने के लिए संघर्ष करने के बजाय कही पर शांत होकर बैठ जाए। अपने आपको अवचेतन मन के प्रति समर्पण कर दें। 


हमारा अवचेतन मन ही हमारे सपने को निर्मित करते है। सपनों की दुनिया की बेरुखी और अप्रत्याशितता को गले लगाए। प्रवाह के साथ जाने का प्रयास करे और अपने आप को सपने की कथा के साथ बहाने दें। यह दृष्टिकोण आपके सपने में अप्रत्याशित मोड ला सकता है। और अंत में, आप अपने आप को स्वाभाविक रूप से सपने से जागते हुए पाएंगे।


स्पष्ट सपने से जागने के लिए कुछ अन्य भी तकनीक है जो नीचे दिया जा रहा हैं


1. सपने में किसी स्थान पर खड़े हो जाए और अपने ही अक्ष पर चारो ओर घूमे। ऐसा करने से आप स्पष्ट सपने से जाग जायेंगे या आप किसी दूसरे सपने में चले जायेंगे।


2. अपने दोनो आंखो को जोर से बंद करने से भी आप स्पष्ट सपने से जाग सकते है।


3. सपने में अपने आप को जोर से चाटा मारे


4. अपने स्पष्ट सपने में किसी स्त्री के साथ संबंध बनाने का प्रयास करे। ऐसा करने से आप उत्तेजित हो जायेंगे और जाग जायेंगे। यदि आप स्त्री है तो आप इसका ठीक उल्टा करे।


5. किसी एक स्थान पे लंबे समय तक खड़े रहने से भी आप स्पष्ट सपने से जाग सकते है। 


अंतिम विचार

आकर्षक सपने से जगना चुनौतीपूर्ण और मनोरंजक दोनों हो सकता है। वैसे तो अपने सपनों पर नियंत्रण रखना एक आकर्षक अनुभव है, लेकिन जब आप जागने में असमर्थ होते हैं तो यह निराशाजनक भी हो सकता है। 


आप कुछ मज़ेदार और रचनात्मक तकनीकों का उपयोग करके साहसिक रुपसे सपने से जाग सकते हैं। सपने से बाहर निकलने के लिए अपने आप को चिकोटी काटे,' मुझे जगाओ ' बोलकर जोर से चिल्लाओ, किसी से मदद मांगो, सपने में अपने आंखो को जोर से बंद करो, तेजी से दौड़ो, आदि।


प्रसिद्ध हास्य अभिनेता के रूप में, जिमी फॉलन ने एक बार कहा था, "सपने प्याज की तरह होते हैं - उनमें परतें होती हैं!" इसलिए, आकर्षक सपनों की प्रफुल्लितता को अपनाएं, अप्रत्याशित के साथ मज़े करें, और तब तक अलग-अलग तरीकों का प्रयास करते रहें जब तक कि आपको सही तकनीक ना मिल जाए। 


और याद रखें, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे बहुत गंभीरता से न लें। अपने सपने को भी आह्यासप्रद बनाने का प्रयास करे। हँसी सबसे अच्छी दवा है, यहाँ तक कि सपनों के दायरे में भी!


तो, अगली बार जब आप खुद को एक आकर्षक सपने में फंसा हुआ पाएं, तो घबराएं नहीं। इसके बजाय, अपनी काल्पनिक पार्टी की टोपी पहनें, बात करने वाले गाजर के साथ नृत्य करें, या सपने में फोन उठाएं और मदद के लिए कॉल करें; ठीक मैट्रिक्स फिल्म की तरह।


|| अध्याय 25 ||

क्या स्पष्ट सपनों में ध्यान किया जा सकता है?

जी हां, स्पष्ट सपने में ध्यान करना संभव है। यह तो आप जानते ही होंगे कि स्पष्ट सपना में कुछ भी करना संभव होता है। 


तिब्बत में ऐसे बहुत से योगी रहते हैं जिनको स्पष्ट सपना देखने में महारत हासिल है। मैंने तिब्बत की कई किताबों में पढ़ा है कि वहां के योगी स्पष्ट सपना को आध्यात्मिक मार्ग के लिए उपयोग करते हैं।


तिब्बती योगी दिन के दौरान तो ध्यान का अभ्यास करता ही है पर जब वह रात को नींद की अवस्था में जाते हैं तब भी वह अपने सपने में सचेत होकर ध्यान का अभ्यास करता है। स्पष्ट सपनों के मामलों में वह लोग इतना कुशल होते हैं कि वह लोग जागरण के अवस्था से सीधे ही स्पष्ट स्वप्न में प्रवेश कर लेते हैं। उन योगियों के लिए जागरण और सपने में कोई भेद नहीं होता है।


अध्यात्म के अनुसार साधारण नींद की अवस्था, ध्यान की अवस्था जैसा ही होता है; बस फर्क इतना है कि ध्यान के दौरान व्यक्ति होश में रहता है पर नींद के दौरान व्यक्ति होश में नहीं रहता है। पर जब कोई व्यक्ति अपने नींद में सचेत हो जाता है अर्थात नींद में ही होश पूर्ण हो जाता है तब उसकी नींद की गुणवत्ता पूरी तरह बदल जाता है।


इतना पढ़कर आप जान ही चुके होंगे कि स्पष्ट स्वप्न में ध्यान करना संभव है या नहीं है। यदि कोई व्यक्ति चाहे तो वह अपनी स्पष्ट सपने को ध्यान में बदल सकता है। इसके लिए दृढ़ संकल्प और मन की स्थिरता की जरूरत होती है।


शुरुआत में स्पष्ट सपने को ध्यान में बदलना बहुत मुश्किल होगा। यदि आप अभी स्पष्ट सपना देखना शुरू ही किया है तो आपको सपने में ध्यान करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यदि आप अपने आंख बंद करके सपने में ध्यान करने बैठेंगे तो आप तुरंत ही नींद से जाग जाएंगे।


जब हम सपने में सचेत होते हैं तब हमारा सपना बिखरने लगता है। ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि यह हमारे लिए नया होता है। स्पष्ट सपना ट्रिगर होते ही हमारा धड़कन तेज हो जाता है और थोड़ा डर भी लगता है।


इसलिए शुरुआत में आपको स्पष्ट सपने में ध्यान करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। पहले आपको स्पष्ट सपने को अच्छे से समझना चाहिए। आप अवलोकन कारिये कि स्पष्ट सपने में आपका मन किस तरह से बर्ताव करता है।


आप अपने स्पष्ट सपने को लंबा और गहरा करने का प्रयास कीजिए। स्पष्ट सपने में ऐसा कुछ मत कीजिए जिसके वजह से आप जाग सकते हैं।


जब आप बहुत ज्यादा स्पष्ट सपने देखने लगेंगे और ऐसे सपने में ज्यादा देर तक रह सकेंगे तब आप बहुत ही आसानी से स्पष्ट सपने को रूपांतरण कर सकते हैं। स्पष्ट सपने में चेतन मन के साथ-साथ अवचेतन मन भी सक्रिय रहता है। यदि आप स्पष्ट सपने में ध्यान का अभ्यास करेंगे तब आप इस प्रयोग में बहुत जल्दी सफलता प्राप्त करेंगे।


स्पष्ट सपने में आप ध्यान के संबंध में बहुत सारा ज्ञान भी पा सकते हैं। आप बुद्ध से मिल सकते हैं और आप दीक्षा भी ले सकते हैं। आप जीसस से भी बेशक स्पष्ट सपने में मिल सकते हैं और बातें कर सकते हैं। 


मेरा यकीन मानो यह बहुत ही अनूठा अनुभव है। हालांकि, बुध और जीसस असली नहीं होंगे; वह आपके अंतर्मन के उपज होंगे पर आपको ज्ञान मिल सकता है। हमारा अवचेतन मन बहुत ही शक्तिशाली होता है; इसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता है।


   सुस्पष्ट स्वप्न युक्तियाँ

|| अध्याय 26 ||

आनंदमय नींद का रहस्य खोलें: होशपूर्वक कैसे सोएं!

तिब्बती योगियों के अनुसार सपने में होश पूर्वक जाने के लिए आपको अपने जागरूकता का स्तर को बढ़ाना होगा।


अभी आपका जागरूकता का स्तर बहुत ही कम है। आपका होश अभी एक जीरो वोल्टेज घटना की भांति ही है। इसलिए जब आप सोते हैं तो यह नियून जागरूकता बहुत आसानी से तिरोहित हो जाता है।


मदर तंत्र कहता है, यदि कोई व्यक्ति अपने जागरण अवस्था में पूरी तरह होश में रहता है तो वह व्यक्ति अपनी नींद के दौरान सपने में भी होश में रहेगा।


नींद में होश पूर्वक जाना भी एक प्रकार का ध्यान ही है। होश एक आम शब्द है पर इसे बढ़ाना या हर पल होश में जीना बहुत कठिन है। एक बार किसी रात जब आप होश पूर्वक अपने नींद में जा पाएंगे तो आप यह देखकर चकित रह जाएंगे कि किस प्रकार आपका चेतना का परिवर्तन होता है। यह बात इतनी अनूठी है कि यह आपकी पूरी जिंदगी बदलने की ताकत रखता है।


सचेत नींद क्या है?


सचेत नींद को लूसीड नींद भी कहते हैं। इस तरह की नींद में आपको पता होता है कि आप नींद में है। आप अप्रत्यक्ष रूप से जान रहे होते हैं कि आप अभी बिस्तर पर सोए हुए हैं। आप जान रहे होते हैं कि आपका शरीर नींद में है और साथ ही आप नींद के दौरान उत्पन्न होने वाले सपने को भी होश पूर्वक देखते है और महसूस करते हैं।


क्या आप प्रत्येक काम को सचेत होकर करते हैं या सोए सोए नींद में करते हैं। मुझे पता है कि आप अपने दैनिक काम को ऑटोपायलट मोड में करते हैं। कार्य को ऑटो पायलट मोड में करने से हमारे जागरूकता में कोई वृद्धि नहीं होती है।


अब से आप जो भी काम अपने दैनिक जीवन में करते हैं, सब काम को होश पूर्वक कीजिए। जब आप किसी काम को कर रहे है तो भीतर से जानिए कि आप काम को कर रहे हैं। जिस कार्य को आप कर रहे हैं उसी कार्य पर अपना पूरा ध्यान रखिए।


ब्रश करते समय आप अपना ध्यान को ब्रश करने पर ही रखे। यदि ब्रश करते समय आपके मन में कोई विचार आता है तो आप उस विचार के साथ मत बहिए। उस विचार को देखें और जाने दे।

 

इसी तरह व्यायाम करते समय होश रखें कि आप व्यायाम कर रहे हैं। नहाते समय पूरी तरह से जागरूक होकर नहाए। अपने शरीर पर गिरते हुए पानी को महसूस कीजिए। पानी का स्पर्श ठंडा है या गरम है, इस पर भी अपने ध्यान को ले जाइए।


मैं इतना कहना चाह रहा हूं कि हर कार्य को आप जानते हुए करिए। ऐसा ना हो कि आपका शरीर किसी एक काम को कर रहा है और आपका मन किसी दूसरे काम के विचार में उलझा हुआ है। यह जिंदगी जीने के एकदम गलत तरीके है।


जहां शरीर होता है मन को भी वहीं पर होना चाहिए। शरीर और मन में गहरा सामंजस्य होने चाहिए। जब हमारा शरीर कहीं और होता है और मन कहीं और होता है तब आंतरिक सामंजस्य का बंधन टूट जाता है। इसका परिणाम स्वरूप थकान, चिंता और अवसाद आता है और साथ ही जागरूकता का स्तर भी नीचे गिरने लगता है। 


कार्य के माध्यम से जागरूकता को विकसित करना सबसे उत्तम तरीका है। आप तो जानते ही होंगे कि दिनभर हम जो भी करते हैं हमारे सपने भी उसी से निर्मित होते हैं। दिन भर आप जागरूकता का अभ्यास करेंगे तो नींद में भी यह जागरूकता बना रहेगा।


कार्य के प्रति जागने से कार्य का स्थान दूसरा हो जाता है और कार्य के माध्यम से प्राप्त हुई सजगता प्राथमिक हो जाता है।


अपने स्वासों पर ध्यान लगाना


ज्यादातर लोग दिन भर तो सोचते ही रहते हैं और आश्चर्य की बात यह है कि रात को सोते समय भी ओवरथिंकिंग करते रहते हैं। मन इतना चंचल और अस्थिर हो गया है कि रात को सोते वक्त भी सोचना बंद नहीं करता है।


इंसानों में सोने से पहले बिस्तर पर लेटे हुए सोचते रहने का जो यह बुरी लत है यह एक दिन नींद की प्रक्रिया को पूरी तरह बर्बाद कर देगा। यदि आप जागरूकता सहित नींद की गहराइयों में उतारना चाहते हैं तो आपको सोने से पहले ओवरथिंकिंग को छोड़कर बेडटाइम मेडिटेशन को अपनाना ही होगा।


सबसे पहले आप बिस्तर पर आराम दायक स्थिति में लेट जाइए। फिर 5 से 8 बार गहरी सांस लीजिए और छोड़िए। गहरी और लंबी सांस लेने से खून में ऑक्सीजन की प्रवाह बढ़ जाता है जिसके कारण सजगता भी बढ़ती है।


अब आप आते-जाते सांसो पर अपना ध्यान को केंद्रित कीजिए। नींद जब आने लगती है तो जागरूकता खोने लगती है। आपको अपने जागरूकता को खोने नहीं देना है क्योंकि आप इसी जागरूकता की सहायता से नींद में होश पूर्वक जाने वाले हैं। इसलिए ध्यानको सांसो पर टिकाए रखना महत्वपूर्ण है। 


जब श्वास बाहर से आपके नाक से होते हुए अंदर आता है तो जानिए कि सांस भीतर आया। इसी तरह जब सांस बाहर की ओर जाए तो आप जानिए कि श्वास बाहर गया। चाहे जो हो जाए आपको अपने ध्यान को सांसो पर से हटने नहीं देना है।


शुरुआत में इस ध्यान को करने में आपको बहुत परेशानी होगी। बहुत बार ऐसा होगा की आपको पता ही नहीं चलेगा कि आपका ध्यान सांसो से कब हट गया। इसमें थोड़ा समय लगेगा पर यह विधि बहुत ही कारगर है। यह विधि किसी भी व्यक्ति को होश पूर्वक नींद में ले जाने की क्षमता रखती है, बस इसमें अधिक अभ्यास की जरूरत पड़ती है।


माइल्ड विधि


माइल्ड तकनीकी जिसका पूरा नाम नेमोनिक इंडक्शन ऑफ लूसीड ड्रीम है, यह विधि भी इस प्रयोग में कारगर सिद्ध हो सकती है। इस विधि के बारे में हम आपको पहले ही पिछले अध्याय में बता चुके है। यह विधि आपको सीधे नींद में होश पूर्वक तो नहीं ले जाएगा पर नींद के दौरान सपने में अवश्य आपको सचेत कर सकता है। इस विधि में आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होता है बस बिस्तर पर सोने से पहले कुछ फॉरमेशंस को अपने मन में दोहराना होता है। जैसे कि:


  • सपने में मैं जान जाऊंगा कि मैं सपना देख रहा हूं।
  • आज मैं सपने में सचेत हो जाऊंगा। 
  • सपने में जागरूक होना मेरे लिए बाएं हाथ का खेल है। 
  • मुझे सुबह नींद में देखे गए सारे सपने अच्छे से याद रहते हैं। मैं स्पष्ट सपना देखने में बहुत कुशल हूं। 
  • सपने में मुझे पता चल जाएगा कि मैं सपने में हूं। 


इसी तरह से आपको दो-तीन अफॉरमेशंस को दोहराते दोहराते सो जाना है। बेहतर होगा कि आप किसी एक ही affirmation को चुनिए और उसे ही दोहराते हुए सो जाएंगे। मैंने ऊपर जो affirmations बताए हैं आप उसी को दोहरा सकते हैं या आप चाहे तो अपना खुद का affirmation भी बना सकते हैं।


अंतिम विचार

नींद में जागरूकता सहित जाना उतना आसान नहीं है। आपको बहुत अभ्यास और ऊर्जा की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए प्रत्येक काम को होश पूर्वक करिए और जागरूकता एकत्रित करते जाइए। आपको सचेत नींद में जाने के लिए जितना हो सके उतना होश को विकसित करना होगा। 


वैसे तो हमारा विषय रात को सोने से संबंधित है पर इसका अभ्यास दिन के दौरान करना होता है। दिन के दौरान की गई सजगता का प्रयास ही रात को काम आएगी। दिन में आप चलते हैं, फिरते हैं, दुकान जाते हैं, ऑफिस जाते हैं, सिनेमा हॉल जाते हैं, चाहे आप जो भी करते हैं उसे एकदम होश पूर्वक कीजिए। अधिक से अधिक ऊर्जा को होश को बढ़ाने में लगाइए। 


अंत में मैं इस अध्याय को एक बहुत ही गहरा अर्थपूर्ण कोटेशन से समाप्त करना चाहूंगा, "जो व्यक्ति नींद में होश पूर्वक जाने में समर्थ होता है उसके लिए मृत्यु जैसी कोई चीज नहीं होती है।"



|| अध्याय 27 ||

ओशो द्वारा जागरूकता उद्धरण | जागरूकता ही स्पष्ट सपने की कुंजी है 

1. जागरूकता का एक अद्भुत गुण यह है कि जो व्यक्ति जितना ज्यादा होशपूर्ण होता है वह उतना ही ज्यादा मानवीय होता है। और जिस दिन कोई इंसान पूरी तरह जागरूकता से भर जाता है, वह व्यक्ति दिव्य हो जाता है।


2. आप जितनी ज्यादा जागरूकता में गहरे उतरते हैं, आप उतने ही ज्यादा इस ब्रह्मांड के साथ संपर्क बना पाते हैं और साथ ही आप उतनी ही ज्यादा शांत और सहज होते हैं।


3. आध्यात्मिक यात्रा अकेले तय करने का सफर होता है और इसमें बहत साहस दिखानी पड़ती है।


4. अजीब रिवाज है इस दुनिया का, लोग बटोरने में लगे हैं एक दिन खाली हाथ जाने के लिए।


5. अंतिम अनुभव तब घटित होता है जब आप खुद को भी मिटा लेते हैं और केवल शुद्ध जागरूकता होती है। यह जागरूकता आपका या मेरा नहीं होता है। यह बस शुद्ध जागरूकता होता है जो स्वयं में ही परिपूर्ण होता है।


6. केवल शुद्ध जागरण के अवस्था में ही आप जान सकते हैं कि आप कौन हैं। जब तक नींद होती है तब तक चेतना की आईना पर धूल जमा होता है।


7. आपको जागरूकता का निरंतर जलता हुआ दीपक बनना होगा। केवल तभी जीवन में क्रांति घटित हो सकती है। केवल तभी जीवन अपनी पूरी जीवंतता का अनुभव कर सकती है।


8. जागृत चेतना जो है वह बादल रहित शुद्ध और स्पष्ट आकाश है जिसमें हर और सन्नाटा है पर फिर भी एक ध्वनि सा गूंजता रहता है।


9. तुम सिर्फ और सिर्फ कंटेनर को देखो पर कंटेंट को मत देखो। बदलो से भरा हुआ है आकाश पर तुम सिर्फ आकाश को देखो, बादलों पर ध्यान मत दो। इसी तरह मत देखो कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है। खोपड़ी के अंदर के मायावी कंटेंट के झांसे में मत आओ। वहां सुंदर सपने हैं, हवस का मायावी संसार है, प्रेम है, घृणा है, जेलेसी है, और डर भी है। यह सब कंटेंट है, धूल है। इन सब से थोड़ा पीछे अंतहीन चेतना है, उस चेतना के आकाश को देखो और उसे ही अपना समझो।


10. जो मनुष्य सामग्री के माध्यम से जीता है, वह एक मशीन का जीवन जीता है। और जो मनुष्य सामग्री को छोड़ कंटेनर के माध्यम से जीने लगता है, वह वास्तव में एक जागरूक जीवन जीने लगता है। और ऐसा जीवन एक बुद्ध का जीवन होता है।


11. पूर्ण जागरूकता में जिया गया एक मिनट भी अनंत काल के समय के बराबर है और यह वास्तव में अद्भुत है।


12. मात्र शुद्ध चेतना जो कि आपके भीतर का दृष्टा है वह सास्वत वास्तविकता से संबंध रखता है। यह ना तो कभी पैदा हुआ ना ही कभी मरेगा।


13. आपके पास बहुत सारे प्रश्न होंगे, बहुत सारे जिज्ञासा होंगे पर उन सब का एक ही उत्तर है और वह है जागरूकता।


14. अपना एक भी अमूल्य समय किसी भी फालतू चीज में मत गवावो। वही करो जो महत्वपूर्ण है, जो आवश्यक है। पर अधिक से अधिक ऊर्जा सजगता विकसित करने में लगाओ। जागो, कब तक सोए रहोगे! देखो, रोने से यहां कुछ मिलने को है नहीं। इसलिए जागो, कब तक यूं ही दरिद्र की भांति अपना जीवन को गवाते रहोगे।


15. हर पल जागरूकता में जीना, हर समय होसपूर्ण रहना एक बुद्ध का जीवन है।


16. तुम्हारा यौन शक्ति अभी नीचे की तरफ बह रहा है पर जब तुम जागरूक हो जाओगे तब यही यौनशक्ति ऊपर उठने लगेगी। फिर यही यौन ऊर्जा कुंडलिनी कहलाएगी। जब तक यह शक्ति नीचे की ओर बहती रहेगी तब तक आप दूसरों को जन्म देते रहेंगे। पर यदि आप इस अद्भुत ऊर्जा को ऊपर ले जाएंगे तो आप इस जीवन मरण के चक्र से बाहर हो जाएंगे। तब यह एक नया जन्म होगा, शरीर में नहीं, किसी दूसरे आयाम में।

 

|| अध्याय 28 ||

शीर्ष 20 स्पष्ट स्वप्न गलतियाँ जो आपको नहीं करनी है 

क्या आपको स्पष्ट सपने सीखने में परेशानी हो रही है? क्या आप स्पष्ट सपने देखने में असमर्थ है? यदि ऐसा है तो यह अध्याय आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। 


कुछ ऐसे गलतियां है जो बहुत सारे नए Lucid Dreamers अनजाने में कर देते हैं और इसलिए उसे स्पष्ट सपने सीखने में बहुत परेशानी होती है। स्पष्ट सपना सिखने से पहले आपको इसके बारे में बहुत अच्छे से पता होना चाहिए। 


वैसे तो स्पष्ट सपना सीखना थोड़ा कठिन तो है पर सही वक्त पर सही समझ ना होने से इसमें बहुत ज्यादा समय लग सकता है। कई लोग तो सफलता ना पाने से इसे बीच में ही छोड़ देते हैं और कहते हैं कि यह सब बकवास है, इसे सीखा नहीं जा सकता।


नहीं ऐसा नहीं है। यह बिल्कुल सीखा जा सकता है। जब आप इसके पहलुओं को समझेंगे तो आपके लिए यह आसान हो जाएगा। बस कुछ ऐसी गलतियां है जो आपको शुरुआत में नहीं करनी है। 


वैसे तो यदि आप स्पष्ट सपने में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बहुत सारी चीजों पर ध्यान देना होगा। आपको अपने दिनचर्या को बदलना होगा। आप जिस तरह से अभी है इसे बदले बिना तो आप नही सीख सकते है। अपने आप में आपको बदलाव लाना होगा।


देखिए लूसीड ड्रीम जो है वह अध्यात्म से जुड़ा हुआ है। यह कोई सांसारिक कौशल नहीं है जो आप कुछ दिन के अभ्यास में इस पर सफलता प्राप्त कर लेंगे। नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आपको इसमें अपना समय और ऊर्जा लगाना होगा तभी जाकर आप इसमें सफल हो पाएंगे।


तो देरी ना करते हुए मैं आपको 20 ऐसे गलतियां के बारे में बताऊंगा जिसे आपको किसी भी हाल में नहीं करना है।


1. आपको रोज जागरूकता का अभ्यास करना होगा। यदि आप जागरूकता विकसित करने पर ध्यान नहीं दे रहे है तो आप सबसे बड़ा गलती कर रहे हैं। बिना अधिक से अधिक जागरूक हुए आप इसमें सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। लूसीड ड्रीम सीखने के लिए जागरूकता बढ़ाना अनिवार्य है।


2. बहुत सारे लोगों को सोने से पहले सोचनेका एक बहुत बुरी लत होती है। यदि आप भी सोने से पहले ओवरथिंकिंग करते हैं तो इसे जल्द से जल्द छोड़ दीजिए। क्योंकि सोने से पहले आपको अपना मन शांत करना होगा। मन में आने वाले विचार को देखते हुए सोना है। आप अपने विचार में फस गए तो आपका मन अशांत होगा और आप होस को साध नहीं पाएंगे।


3. यदि आप एक नए स्पष्ट स्वप्न दृष्टा हैं और थोड़ा बहुत लूसीड ड्रीम सीख गए हैं तो शुरुआत में आपको कामुख सपने नहीं देखने हैं। यदि आप अश्लील सपने विकसित करेंगे तो आप सपने से तुरंत जाग जाएंगे क्योंकि ऐसे सपने बहुत उत्तेजक होते हैं। पहले आपको सपने में अपना पकड़ बनाना होगा। अपने दिमाग को स्थिर और शांत करना होगा। जब आप इसे शांत करने में कुशल हो जाएंगे तब आप किसी भी प्रकार के सपने देख सकते हैं।


4. यदि आप लूसीड ड्रीम सीखना चाहते हैं तो आपको मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। मादक पदार्थ नशीले प्रकृति की होती है। यह आपकी जागरूकता को कम करता है और आप को बेहोशी की हालत में ले जाती है जो कि लूसीड ड्रीम के लिए एकदम अच्छा नहीं है।


5. आपको अपने भोजन पर भी ध्यान देना होगा। आपको सात्विक और संतुलित भोजन ही लेना चाहिए। यदि आप शाकाहारी भोजन खाते हैं तो यह बहुत अच्छा है लूसीड ड्रीम के लिए। परंतु यदि आप मांसाहारी है तो आपको कठिनाइयां होगी। दरअसल मांसाहारी भोजन बहुत भारी भोजन होती है। शरीरको इसे पचाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर में एक चिड़चिड़ाहट, एक तनाव होता है जिसका असर नींद पर भी पड़ता है। क्योंकि सारा शक्ति भोजन को पचाने में खर्च हो रही होती है इसलिए सपने स्पष्ट नहीं हो पाते हैं और हमें सपने में जागरूक होने में बहुत कठिनाइयां होती है।


6. लूसीड ड्रीमिंग को पूरे सीखने में औसतन 3 से लेकर 6 महीने लगते हैं। यदि आप शुरुआत में लूसीड ड्रीमिंग नहीं कर पाते हैं तो घबराना मत; बस अभ्यास करते रहना है। थोड़ा सा समय लगेगा पर आप इसे जरूर कर पाएंगे। बस आपको निरंतरता रखनी होगी। मन को शांत रखिए और अभ्यास में ध्यान दीजिए।


7.  यदि आपका स्मरण शक्ति कमजोर है तो पहले आप इसे मजबूत कीजिए क्योंकि हर सुबह आपको उठकर अपने सपने को याद करना होगा। और इसे एक डायरी में लिखना होगा। यदि आप रोज सुबह अपने सपने को डायरी में लिखेंगे तो आप जल्दी ही स्पष्ट सपने में सफल हो पाएंगे।


8. जब आप थोड़ा बहुत स्पष्ट सपने देखने लगेंगे तो आप बहुत ही कम समय के लिए इस तरह के सपने में टिक पाएंगे। इस तरह के सपने से आप तुरंत ही जाग जाएंगे। क्योंकि यह अनुभव आपके लिए बहुत नया होगा। आपका मन इसके लिए तैयार नहीं है। अपने मन को शांत और स्थिर रखने में आपको ज्यादा जोर देना होगा। ध्यान के जरिए आप अपने मन को शांत और स्थिर रख सकते हैं।


9. बहुत सारे लोगों को स्पष्ट सपने देखने में इसलिए कठिनाई होती है क्योंकि जब वह जागे हुए होते हैं तो ज्यादा जागरूक नहीं होते हैं। जागने के समय में भी वह सोया ही रहता है। इसीलिए आप जब जागे हुए होते हैं तो आप जो काम कर रहे हैं उसे होशपूर्वक करिए। हर समय सचेत रहिए और अपने आसपास के चीजों को बहुत ही ध्यान से देखिए। 


10. आप जागने के समय में जितना होश में रहेंगे उतना ही संभावना है कि आप जब सो रहे होंगे तब भी आप सपने में होश में रहेंगे। इसलिए जो मुख्य अभ्यास है वह जागते समय का है। जागते समय जितना आप सचेत रहेंगे, जितना आप होश में रहेंगे, वही जागरूकता सपने में प्रवेश कर जाएंगे और आप लूसीड ड्रीम देख पाएंगे।


11. यदि आप जल्दी लूसीड ड्रीम सीखना चाहते हैं तो हर रात आपको 5 घंटे की नींद के बाद अलार्म के मदद से जागना होगा। 10 मिनट आपको जागे रहना है और फिर से वापस जाकर सोना है। और आप सोते वक्त सचेत रहने का अभ्यास कीजिए। सचेत रहने के बहुत ज्यादा कोशिश मत करना नहीं तो आप सो ही नहीं सकेंगे। बस मध्यम जागरूकता रखनी है, एक passive awareness। इस तरह से आप जल्द ही स्पष्ट स्वप्न देख पाएंगे।


12. बहुत सारे लुसिड ड्रीमर्स को अभ्यास के समय स्लीप पैरालिसिस का अनुभव होता है जो कि थोड़ा सा डरावना होता है। पर यह स्वाभाविक है, इससे आपको डरना नहीं है। बल्कि यह स्पष्ट स्वप्न देखने में सहायक होता है। लूसीड ड्रीमर्स के लिए स्लीप पैरालिसिस एक आम बात होती है। Sleep paralysis में इतना होता है कि आपका दिमाग जाग गया होता है पर शरीर अभी भी नींद मे ही होता है, इसलिए उस वक्त आप अपने शरीर के किसी हिस्से को हिलाना चाहते हैं तो वह नहीं हिलता है। आपको लगता है कि आपका शरीर जम गया है। आप हिलाने की कोशिश करेंगे पर हीलेगा नहीं। यह बस थोड़े समय के लिए ही होता है। मुश्किल से 5 या 10 सेकंड के लिए होता है। यह डरावना जरूर होता है पर इससे आपको डरना नहीं है।


13. जब आप लूसीड ड्रीम में प्रवेश करेंगे तो समय-समय पर आपको रियलिटी चेक करते रहना है। यदि आप लुसिड ड्रीम में रियलिटी चेक नहीं कहेंगे तो आप बहुत जल्दी ही यह भूल जाएंगे कि आप एक लूसीड ड्रीम में थे। वह स्पष्ट स्वप्न तुरंत ही एक साधारण सी स्वप्न में बदल जाएगा। इसलिए आपको रियलिटी चेक करते रहना है।


15. लूसीड ड्रीमिंग के लिए जागरूकता एक बहुत बड़ी चीज है। पूरा का पूरा स्पष्ट सपना का अभ्यास इसी जागरूकता पर निर्भर होता है। जितना ज्यादा आप जागरूक होंगे उतना ही ज्यादा होश में अपने सपने में रह पाएंगे। यदि जागते वक्त आप जागरूकता विकसित नहीं कर रहे हैं तो आप को बड़ी हानि होगी।


16. सारे दिन आप जो कुछ भी कर रहे हैं वह केवल बहाना बन जाना चाहिए होशपूर्ण होने के भीतरी प्रशिक्षण का। फिर एक दिन ऐसा आएगा जब आप यही होश को सपने में ले जा सकेंगे।


17. आपको स्पष्ट सपने सीखने में ज्यादा भी जोर नहीं लगाना है। यदि आप बहुत ज्यादा इसमें प्रयास करेंगे तो हो सकता है कि आप इसमें सफल ना हो, क्योंकि यह एक ऐसा अभ्यास है जिसमें समय की बहुत ज्यादा महत्व होता है। इसलिए समय लगाइए और सही तरीके से अभ्यास कीजिए।


18. लूसीड ड्रीम में लंबा समय तक टिकने के लिए मैं अक्सर लूसीड ड्रीम के जमीन को छूता हूं। उसे महसूस करता हूं। इससे यह होता है कि मेरा ध्यान स्पष्ट सपने में बना रहता है और मैं जागता नहीं। आप भी सपने के चीजों को देखिए, उसे छुए, उसे महसूस कीजिए। अपने सारे ध्यान को उसमें लगाइए। जब आप ऐसा करते हैं तो आपका दिमाग सपनो की दुनिया में घुल मिल जाता है और आप इससे जल्दी जागते नहीं है। इस तरह से आप बहुत लंबे समय के लिए स्पष्ट सपने से आनंद ले सकते हैं।


19. यदि आप स्वप्न संकेत (Dream Sign) पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो आप भूल कर रहे हैं। दरअसल dream sign वह sign होते हैं जो सपने में बार-बार दिखाई देते हैं। जैसे कि सपने में आप अपने आपको स्कूल में देख सकते हैं, सपने में हो सकता है आप अपने पुराने घर के सपने बार-बार देख रहे हो। यह सब ड्रीम sign होते है। आप अपने सपने की Diary मे से ड्रीम साइन को ढूंढिए और यदि फिर से आप सपने में वही चीजों को देखते हैं तो यह एक trigger होगा। आप अपने आप को इसके लिए तैयार करिए कि यदि आप फिर से उसी दृश्य को सपने में देखे तो आप यह जान जाइएगा कि यह सपना है।


20. स्पष्ट सपने में प्रवेश करने का एक बहुत सरल माध्यम है। जब आप सोने की तैयारी कर रहे होते हैं और आंख बंद करते हैं तो बंद आंखों के पीछे आपको बहुत सारे दृश्य, आवाजे और आकृतियां दिखाई देंगे। उस आकृतियों पर आपको ध्यान देना है। उसे होशपूर्वक देखना है। धीरे धीरे वही चित्र और आकृतियां सपने में बदल जाएंगे। यदि आप उस चित्रों पर ध्यान देंगे तो आपको वह चित्र सीधे स्पष्ट सपने में ले जाएंगे और आप होशपूर्वक सपने में प्रवेश कर जाएंगे।


अंतिम विचार

स्पष्ट सपने में जल्दी सफलता प्राप्त करनी है तो कुछ चीजों पर ध्यान देना अनिवार्य है। पहला आपको शुरुआत में कामुख सपने नहीं देखना है। आपको जागरुकताका अभ्यास रोज करना है। आपको संतुलित और सात्विक आहार लेना है। आपको मादक पदार्थ का सेवन नहीं करना है। आपको एक सपने की डायरी तैयार करना होगा। स्पष्ट सपने सीखने में थोड़ा समय लगता है। आप निराश मत होना। 


यदि आप ऊपर दिए गए गलतियों को नहीं करेंगे तो बहुत जल्द ही आप इसे देखने में सफल हो जाएंगे। यह एक ऐसा कौशल है जिसे हर कोई सीख सकता है, तो आप भी निराश मत होइए; आप भी इसे अवश्य कर पाएंगे। आप भी अपने सपनों की मालिक हो सकेंगे। और यह मलिकियत बड़ी अनोखी है। आपका पूरा दुनिया ही बदल जाएगा। दुनिया को देखने का नजरिया बदल जाएगा। आप अधिक से अधिक आनंद और खुशहाल जीवन व्यतीत कर पाएंगे। 


|| अध्याय 29 ||

क्या स्पष्ट स्वप्न वास्तविकता जैसा लगता है? 

जी हां, स्पष्ट सपना बहुत वास्तविक और जीवंत महसूस होता है। 

एक कुशल स्पष्ट स्वप्न दृष्टा जागरूक सपने में वैसा ही महसूस करता है जैसा कि वह जागरण अवस्था के दौरान करता है।


जिस प्रकार आप अभी जागे हुए अवस्था में चीजों को अनुभव कर रहे हैं, जिस प्रकार आप लोगों से बातें कर रहे हैं, उसी प्रकार जब आप सपने में यह जान लेते हैं कि आप सपना देख रहे हैं तब हुबहू जागने जैसा ही अनुभव करते है। 

 

आप सपने में लोगों से बातें कर सकते हैं, सपने में चीजों को अपने हाथों से छू सकते हैं, और आप जो चाहे वह सब सपने में कर सकते हैं।


दरअसल होता यह है कि दिमाग का जो हिस्सा जागरण अवस्था के दौरान सक्रिय रहता है और हमें चीजों को वास्तविक महसूस कराता है, दिमाग का वही हिस्सा लूसीड ड्रीम के दौरान सक्रिय हो जाता है और हमें सपने में भी वास्तविकता जैसा ही महसूस होता है।


वास्तविक जीवन की तुलना में एक स्पष्ट स्वप्न कितना ज्वलंत और गहन होता है?


कई लोगों का मानना है कि स्पष्ट सपना का अनुभव वास्तविक दुनिया से भी ज्वलंत और असली होता है। आपने भी बहुत बार ऐसा अनुभव किया होगा जिसमें सुबह के सपने इतने असली जैसा लगता है मानो वह सब वास्तविकता में हो रहा हो।


इस तरह के अधिक वास्तविक दिखने वाले सपने का एक वैज्ञानिक नाम भी है जिसे मिथ्या जागृति कहते हैं।


पर कुछ लोगों का मानना यह भी है की उनके सपने उतने ज्यादा स्पष्ट नहीं होते हैं। सपने में कुछ चीजें तो स्पष्ट होते हैं पर ज्यादातर चीजें धुंधले होते हैं।


मैं आपको बता दूं कि सपने की स्पष्टता व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। जो व्यक्ति जितना ज्यादा जागरूक और सचेत होगा, उसके सपने भी उतनी ही ज्यादा स्पष्ट और वास्तविक होगा। तिब्बती योगियों का कहना है कि एक जागरूक व्यक्ति के लिए सपने और हकीकत दोनों एक जैसा ही होता है। सपने में चलना या वास्तविकता में चलना, इसमें कोई अंतर नहीं होता है।


क्या स्पष्ट स्वप्न में भावनाएँ उतनी ही प्रबल होती हैं जितनी वास्तविकता में?

आपको यह पता होना चाहिए की एक आकर्षक सपने में अनुभव की जाने वाली भावनाएं उतनी ही मजबूत और असली हो सकता है जितनी वास्तविकता में अनुभव की जाती है। आपको जानकर हैरानी होगा कि जागरण अवस्था के दौरान हमारे दिमाग में जो प्रक्रिया चलता है ठीक वैसा ही प्रक्रिया सपने देखने के दौरान भी चलता है। शायद यही कारण है कि बुरे सपने देखने के दौरान हम बहुत ज्यादा डर जाते हैं।


भावनाओ के लिए ज्यादातर हमारे दिमाग में उत्पन्न होने वाले केमिकल जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि सपने में भी वही केमिकल दिमाग में रिलीज होते हैं जो जागते समय रिलीज होते हैं इसलिए सपने में अनुभव किए जाने वाले इमोशंस वास्तविकता जैसा ही होता है।


पर आपको यह भी समझना चाहिए कि एक सपने में अनुभव किए गए भावनाएं प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न भिन्न हो सकते हैं।


क्या स्पष्ट सपने में किया गया संभोग असली जैसा ही अनुभव होता है?


स्पष्ट सपने में किया गया संभोग के अनुभव पर अभी तक बहुत कम ही रिसर्च हुए हैं जो बताते हैं कि सपने में किया गया शारीरिक संभोग का अनुभव वास्तविकता जैसा हुबहू नहीं होता है। पर यह पूरी तरह सच नहीं है क्योंकि कुछ स्पष्ट स्वप्न बिसेसज्ञा का कहना है कि स्पष्ट सपना में किया गया संभोग असली संभोग से भी मजेदार और सुखदाई होता है।


एक अनुभवी स्वप्न दृष्टा सेक्स को उसी तरह इंजॉय कर सकता है जैसा कि आप और हम रियालिटी में करते हैं। 


अंतिम विचार

आकर्षक सपने देखने का अनुभव एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत भिन्न हो सकता है। कुछ लोगों के लिए सपने बहुत ज्यादा ज्वलंत और इंटेंस हो सकता है तो वहीं पर कुछ लोगों के लिए सपने थोड़ा धुंधला भी हो सकता है।


एक स्पष्ट सपना कितना भी वास्तविक क्यों न लगे पर यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह अभी भी एक सपना ही है और वास्तविकता नहीं है। लूसीड ड्रीमिंग व्यक्तिगत अन्वेषण, रचनात्मकता और विकास के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है लेकिन इसे वास्तविक जीवन के अनुभव और रिश्तों के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।


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अब से शुरू होता है चेतना का खेल

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